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शनिवार, 5 सितंबर 2015

संतुष्ट


   भोजन करने के पश्चात जब मैंने रेस्टरॉन्ट के गाड़ी खड़ी करने के स्थल में प्रवेश किया तो देखा कि वहां खड़ी गाड़ियों के बीच में से होकर एक छोटा ट्रक तेज़ी से जा रहा है। उस ट्रक के चालक की लापरवाही पर ध्यान करते हुए मेरा ध्यान ट्रक के आगे लगे स्टिकर पर भी गया जिस पर लिखा था, "लगभग संतुष्ट"। कुछ देर उस स्टिकर के सन्देश पर विचार करने के बाद मैं इस निषकर्ष पर पहुँचा कि "लगभग संतुष्ट" होना संभव नहीं है क्योंकि आप किसी भी बात को लेकर या तो संतुष्ट होंगे अन्यथा असंतुष्ट।

   इसमें कोई दो राय नहीं कि संतुष्ट होना सरल नहीं है। हम ऐसे संसार में रहते हैं जो हमारी इच्छाओं को लगातार और अधिक बढ़ाता रहता है, यहाँ तक कि हम कितना भी पा लें फिर भी असंतुष्ट ही रहते हैं। लेकिन यह कोई नई या आज के समय ही की बात नहीं है। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों नामक पुस्तक में इस असंतुष्टि का उपाय दिया गया है; इब्रानियों के लेखक द्वारा परमेश्वर के पवित्र आत्मा ने लिखवाया, "तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा" (इब्रानियों 13:5)। जो लोग संसार से सब कुछ पाने की इच्छा में एक मृगतृषणा के पीछे भागे चले जा रहे हैं, उनकी संतुष्टि का एक ही उपाय है, सच्चे और जीवते प्रभु परमेश्वर की उपस्थिति में मिलने वाली संतुष्टि। प्रभु परमेश्वर ही हमारी प्रत्येक आवश्यकता और अभिलाषा के लिए काफी है; केवल वही हमें शान्ति और संतुष्टि प्रदान कर सकता है; ऐसी संतुष्टि जो हमें इस जीवन और संसार की बातों के पीछे भागने से कभी नहीं प्राप्त हो सकती।

  लगभग संतुष्ट? ऐसी कोई चीज़ नहीं है; केवल प्रभु यीशु मसीह में होकर हमें सच्ची संतुष्टि मिल सकती है। - बिल क्राउडर

संतुष्टि का अर्थ यह नहीं है कि हम जो चाहें वह हमें मिल जाए, 
वरन यह है कि हमारे पास जो है हम उसी में संतोष के साथ रहना सीख सकें।

धर्मी का थोड़ा से माल दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है। - भजन 37:16

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 6:6-12
1 Timothy 6:6 पर सन्‍तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। 
1 Timothy 6:7 क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। 
1 Timothy 6:8 और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्‍हीं पर सन्‍तोष करना चाहिए। 
1 Timothy 6:9 पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं। 
1 Timothy 6:10 क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है। 
1 Timothy 6:11 पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर। 
1 Timothy 6:12 विश्वास की अच्छी कुश्‍ती लड़; और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिस के लिये तू बुलाया, गया, और बहुत गवाहों के साम्हने अच्छा अंगीकार किया था।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 146-147
  • 1 कुरिन्थियों 15:1-28