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गुरुवार, 28 नवंबर 2013

क्षमा दान


   प्रतिवर्ष, नवम्बर माह के अन्त में अमेरिका के राष्ट्रपति एक प्रथा के अन्तर्गत, ’राष्ट्रीय धन्यवादी टर्की’ को क्षमा दान प्रदान करते हैं। इस विनोदात्मक रस्म को पूरा करते समय एक राष्ट्रपति ने क्षमा दान पाने वाली उस टर्की के विषय में चुटकी ली: "हमारे सम्मनित अतिथि कुछ घबराए हुए से प्रतीत हो रहे हैं; शायद किसी ने इन से कहा नहीं है कि मैं इन्हें आज क्षमा करने जा रहा हूँ!" बेचारी उस टर्की के लिए वास्तव में घबराने की बात तो थी ही, क्योंकि यदि वह क्षमा नहीं पाती तो मारी जाती और रात्रि के धन्यवादी भोज के लिए पकाने को दे दी जाती।

   ऐसी ही परिस्थिति हमारे पापों के कारण हम मनुष्यों पर भी लागू है। परमेश्वर का वचन बाइबल बताती है कि, "इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं" (रोमियों 3:23); इसलिए यदि हम परमेश्वर से पापों के लिए क्षमा दान प्राप्त नहीं करेंगे तो हमारे पापों के कारण हमारा विनाश तय है। लेकिन परमेश्वर ने समस्त मानव जाति के लिए सेंत-मेंत यह क्षमा दान पाने का उपाय किया है - उसने सभी मनुष्यों के पापों के लिए अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह को बलिदान हो जाने दिया, जिसने अपनी मृत्यु से सब के पापों के लिए दण्ड सह लिया है। अब जो कोई साधारण विश्वास के साथ प्रभु यीशु के इस बलिदान को स्वीकार कर लेता है, उससे अपने पापों की क्षमा माँग कर अपना जीवन उसे समर्पित कर देता है, वह परमेश्वर के क्षमा दान को पा लेता है और अनन्त जीवन में प्रवेश कर जाता है, क्योंकि प्रभु यीशु का लहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है (1 यूहन्ना 1:7)।

   पापों से क्षमा पाने के लिए किसी को स्वयं कोई प्रयास या प्रायश्चित करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि परमेश्वर ने अपने महान अनुग्रह में सब के लिए उपाय कर के दे दिया है, आवश्यकता है केवल परमेश्वर के उपाय को स्वीकार करने और उस पर विश्वास करने की। क्या आज आपको अपने पापों का बोध और उनके भयानक परिणाम का एहसास है? क्या आप उस परिणाम को लेकर चिंतित हैं? प्रभु यीशु पर विश्वास कीजिए और अपने पापों का बोझ उसे सौंप दीजिए, और उससे उनका क्षमा दान प्राप्त कर लीजिए - वह कभी किसी को इन्कार नहीं करता। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


मसीह यीशु पर विश्वास द्वारा हम परमेश्वर का क्षमा दान पाते हैं और पापों के दण्ड से बच जाते हैं।

सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं। - रोमियों 8:1

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 1:1-10
1 John 1:1 उस जीवन के वचन के विषय में जो आदि से था, जिसे हम ने सुना, और जिसे अपनी आंखों से देखा, वरन जिसे हम ने ध्यान से देखा; और हाथों से छूआ। 
1 John 1:2 (यह जीवन प्रगट हुआ, और हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ)।
1 John 1:3 जो कुछ हम ने देखा और सुना है उसका समाचार तुम्हें भी देते हैं, इसलिये कि तुम भी हमारे साथ सहभागी हो; और हमारी यह सहभागिता पिता के साथ, और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है। 
1 John 1:4 और ये बातें हम इसलिये लिखते हैं, कि हमारा आनन्द पूरा हो जाए।
1 John 1:5 जो समाचार हम ने उस से सुना, और तुम्हें सुनाते हैं, वह यह है; कि परमेश्वर ज्योति है: और उस में कुछ भी अन्धकार नहीं। 
1 John 1:6 यदि हम कहें, कि उसके साथ हमारी सहभागिता है, और फिर अन्धकार में चलें, तो हम झूठे हैं: और सत्य पर नहीं चलते। 
1 John 1:7 पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। 
1 John 1:8 यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं। 
1 John 1:9 यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। 
1 John 1:10 यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 33-34 
  • 1 पतरस 5