जब
मैंने अपनी सहेली एरिन के टखने पर बोलिंग बॉल के द्वारा खूँटियाँ गिराए जाने के
टैटू को देखा तो मेरे मन में जिज्ञासा उत्पन्न हुई। इस अनुपम टैटू को बनवाने के
लिए एरिन को सारा ग्रोव के एक गाने “Setting Up the Pins” से प्रेरणा प्राप्त हुई
थी। उस गाने के शब्दों में श्रोताओं को प्रोत्साहित किया गया है कि वे बारंबार
दोहराए जाने वाले दिनचर्या के कार्यों में भी आनन्द प्राप्त करें। ऐसे कार्यों में
भी जो बोलिंग बॉल द्वारा गिराए जाने के लिए खूँटियों को खड़े करते रहने के समान हैं
– एक जन जाकर उन खूँटियों को ठीक से खड़ा करता है, और तुरंत ही कोई और जन बॉल
को फेंक कर उन्हें गिरा देने का प्रयास करता है, और किसी को उन्हें फिर
से खड़ा करना पड़ता है, ताकि अगला खिलाड़ी आकर उन्हें फिर से गिराने का प्रयास करे; और यही क्रम
बारंबार दोहराया जाता है।
घरेलू
कार्य, कपड़े धोना, खाना बनाना, बागीचे का ध्यान करते रहना – जीवन ऐसे कार्यों से भरा हुआ प्रतीत होता है
जिन्हें एक बार कर लेने के बाद फिर से बारंबार दोहराते रहना पड़ता है। यह कोई नया
संघर्ष नहीं है, परन्तु एक पुरानी खिसियाहट है। ऐसा संघर्ष जिसके बार में परमेश्वर के वचन
बाइबल में पुराने नियम की पुस्तक सभोपदेशक में भी लिखा गया है। इस पुस्तक के
आरंभिक अध्याय में लेखक मानव जीवन दोहराए जाते रहने वाले दैनिक कार्यों के चक्र की
व्यर्थता के बारे में लिखता है (1:2-3)। वह कहता है, “जो कुछ हुआ था, वही फिर होगा, और जो कुछ बन चुका है वही फिर बनाया जाएगा; और सूर्य के नीचे कोई बात नई नहीं है” (पद
9)।
लेकिन
मेरी सहेली के समान ही, लेखक भी उनमें आनन्द और अर्थपूर्ण होने की अनुभूति
को देखने पाता है, यह स्मरण करने के द्वारा कि हमारी पूर्ण तृप्ति परमेश्वर के भय में उसकी
आज्ञाकारिता से ही है “सब कुछ सुना गया; अन्त की बात यह है कि परमेश्वर
का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण
कर्तव्य यही है” (12:13)। यह समझ पाने में हमारे लिए संतुष्टि है कि परमेश्वर साधारण और नीरस
प्रतीत होने वाले कार्यों को भी महत्व देता है, और उनके प्रति हमारी
विश्वासयोग्यता के लिए हमें प्रतिफल देगा (पद 14)।
आप
को कौन सी “खूँटियाँ” दिन-प्रतिदिन खड़ी करते रहना पड़ता है? उन समयों में जब बारंबार
दोहराए जाने वाले कार्य उबाऊ लगने लगते हैं, हम अपने हर कार्य को
परमेश्वर को एक प्रेम भेंट के समान अर्पित करें। - लिसा सामरा
पिता परमेश्वर मेरे साधारण कार्यों को भी महत्वपूर्ण
समझने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।
और जो कुछ तुम करते
हो, तन मन से करो, यह समझ कर कि मनुष्यों के लिये नहीं
परन्तु प्रभु के लिये करते हो। - कुलुस्सियों 3:23
बाइबल पाठ:
सभोपदेशक 1:3-11
सभोपदेशक 1:3 उस
सब परिश्रम से जिसे मनुष्य धरती पर करता है, उसको क्या लाभ प्राप्त होता है?
सभोपदेशक 1:4 एक
पीढ़ी जाती है, और दूसरी पीढ़ी
आती है, परन्तु पृथ्वी सर्वदा
बनी रहती है।
सभोपदेशक 1:5 सूर्य
उदय हो कर अस्त भी होता है, और अपने उदय की दिशा को वेग से चला जाता है।
सभोपदेशक 1:6 वायु
दक्खिन की ओर बहती है, और उत्तर की ओर घूमती जाती है; वह घूमती और बहती रहती है, और अपने चक्करों में लौट आती है।
सभोपदेशक 1:7 सब
नदियां समुद्र में जा मिलती हैं, तौभी समुद्र भर नहीं जाता; जिस स्थान से नदियां निकलती हैं; उधर ही को वे फिर जाती हैं।
सभोपदेशक 1:8 सब
बातें परिश्रम से भरी हैं; मनुष्य इसका वर्णन नहीं कर सकता; न तो आंखें देखने से तृप्त होती हैं, और न कान सुनने से भरते हैं।
सभोपदेशक 1:9 जो
कुछ हुआ था, वही फिर होगा, और जो कुछ बन चुका है वही फिर बनाया
जाएगा; और सूर्य के नीचे
कोई बात नई नहीं है।
सभोपदेशक 1:10 क्या
ऐसी कोई बात है जिसके विषय में लोग कह सकें कि देख यह नई है? यह तो प्राचीन युगों में वर्तमान थी।
सभोपदेशक 1:11 प्राचीन बातों का कुछ स्मरण नहीं रहा, और होने वाली बातों का भी स्मरण उनके
बाद होने वालों को न रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- 2 इतिहास 30-31
- यूहन्ना 18:1-18