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रविवार, 6 अक्टूबर 2013

चमकते रहिए!

   जहाँ हम रहते हैं वहाँ सड़क के किनारे पर पटरी नहीं बनी है, घर से सड़क पर निकलने वाले रास्ते से सड़क पर आते ही हम सड़क पर चल रहे लोगों और वाहनों में होते हैं, इसलिए यह बाहर निकलना बहुत सावधानी से करना पड़ता है। उस रास्ते को रौशन करने वाले बत्ती के खंबे भी एक दूसरे से काफी दूरी पर हैं, इसलिए यदि एक बत्ती भी खराब हो जाए तो सड़क का कुछ भाग अन्धकार में हो जाता है। मेरे घर के बाहर लगे खंबे की बत्ती खराब हो गई थी और अनेक बार फोन द्वारा उसे ठीक करने के प्रयासों के बावजूद वह ठीक नहीं करी जा रही थी। मुझे भय रहता था कि बहुत तड़के जब मैं अपने गैराज से गाड़ी निकाल कर सड़क पर आता हूँ तो अन्धकार के कारण कहीं स्कूल जाते हुए किसी बच्चे के साथ मेरी टक्कर ना हो जाए। थोड़ी सी भी रौशनी कितनी महत्वपूर्ण और सुरक्षादायक हो सकती है मैंने इस बात को समझ पाया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में ज्योति से संबंधित शिक्षाएं और विचार अनेक बार पाए जाते हैं। प्रभु यीशु ने कहा कि वे जगत की ज्योति हैं (यूहन्ना 8:12); प्रेरित पौलुस ने पवित्र आत्मा की प्रेर्णा से लिखा: "रात बहुत बीत गई है, और दिन निकलने पर है; इसलिये हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें" (रोमियों 13:12) और प्रभु यीशु ने अपने चेलों को सिखाया कि "उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें" (मत्ती 5:16)। प्रभु यीशु ने चेलों को यह भी सिखाया कि "और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है" (मत्ती 5:15)।

   जो ज्योति चमकती नहीं है उसकी उपयोगिता जाती रहती है। हम मसीही विश्वासी अपने आप में तो कोई ज्योति नहीं रखते, किंतु प्रभु यीशु में होने के कारण हम ज्योतिर्मय हो गए हैं और यह ज्योति हमारे जीवनों से दिखनी चाहिए: "क्योंकि तुम तो पहले अन्धकार थे परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्तान की नाईं चलो" (इफिसियों 5:8); अर्थात हमारे कार्य, व्यवहार, बात-चीत, जीवन शैली इत्यादि ऐसी होनी चाहिए कि हमारे अन्दर की ज्योति से लोग हमारे तथा जगत के उद्धारकर्ता की ओर आकर्षित हो सकें।

   परमेश्वर ने हम सब को एक विशेष वातावरण में रखा है, ऐसे वातावरण में जहाँ हमारी ज्योति सबसे अच्छी तरह चमक सके और हम दूसरों के लिए प्रकाश पहुँचने का कारण हो सकें। शायद आपके आस-पास अन्धकार हो, आपका जीवन या कार्य कुंठाओं से जूझ रहे हों, निराशाओं के अन्धकार आपको घेर रहे हों। हताश मत हों, परमेश्वर ने आपको वहाँ रखा है जहाँ आप उसके लिए सबसे अधिक उपयोगी हैं; उस अन्धकार में रखा है जहाँ आप सर्वोत्तम प्रकाश दे सकें। आपके जीवन का थोड़ा सा भी प्रकाश किसी के लिए अनन्त जीवन का प्रकाश, किसी के लिए चलने को सही मार्ग दिखाने वाला, किसी को मसीह यीशु की ओर आकर्षित करने वाली ज्योति, किसी को खतरे में आने से बचाने वाला हो सकता है। परमेश्वर ने आपको, अर्थात, अपने दीपक को जला कर, दीवट पर रख दिया है, अन्धकार की शक्तियों को उसे ढाँपने और उसके प्रकाश को दबाने ना दें; चमकते रहिए, परमेश्वर के लिए उपयोगी बने रहिए। - जो स्टोवैल


चाहे आप एक कोने में लगी मोमबत्ती हों या किसी चट्टान पर खड़ा प्रकाश-स्तंभ, बस अपने प्रभु के नाम के लिए चमकते रहिए!

तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: मत्ती 5:14-16; 1 पतरस 2:9-10
Matthew 5:14 तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। 
Matthew 5:15 और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। 
Matthew 5:16 उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।

1 Peter 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। 
1 Peter 2:10 तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर ही प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 26-27 
  • फिलिप्पियों 2