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शनिवार, 16 अप्रैल 2016

सदस्य


   मॉरिस ग्रिफिन 32 वर्ष की आयु में लेपालक पुत्र बना। ऐसा होने से 20 वर्ष पहले वह लीसा और चार्ल्स गॉडबोल्ड के साथ कुछ समय मूँह-बोले पुत्र के समान रहा था, लेकिन फिर वह उन से अलग हो गया था। अब आधिकारिक रूप से लेपालक पुत्र बन सकने से पहले मॉरिस अकेला ही रह रहा था, किंतु उसकी तथा लीसा और चार्ल्स की भी यही लालसा रहती थी कि वह परिवार का सदस्य बन सके। अब जब मॉरिस पुनः लीसा और चार्ल्स के संपर्क में आया और जब उसका दत्तकपुत्र होना आधिकारिक हो गया, तो मॉरिस ने कहा, "संभवतः यह मेरे जीवन का सबसे अधिक खुशी का पल है....मैं अपनी घर-वापसी से बहुत प्रसन्न हूँ।"

   हम में से जो लोग परमेश्वर के परिवार के सदस्य बन चुके हैं, मॉरिस के समान ही कह सकते हैं कि "संभवतः यह मेरे जीवन का सबसे अधिक खुशी का पल है।" जब हम प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास लाकर, उससे अपने पापों की क्षमा माँगकर, अपने जीवन को उसे समर्पित कर देते हैं, तब हम उद्धार पा लेते हैं और परमेश्वर की सन्तान तथा परमेश्वर के परिवार के सदस्य हो जाते हैं और वह हमारा स्वर्गीय पिता हो जाता है। परमेश्वर का वचन बाइबल हम सभी मसीही विश्वासियों को आश्वस्त करता है कि "क्योंकि तुम सब उस विश्वास करने के द्वारा जो मसीह यीशु पर है, परमेश्वर की सन्तान हो" (गलतियों 3:26)।

   परमेश्वर के लेपालक सन्तान हो जाने के बाद हमारे साथ हमारे आत्मिक भाई-बहिन जुड़ जाते हैं, और हम सब एक ही आत्मिक मीरास के वारिस हो जाते हैं: "और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिसने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में संभागी हों" (कुलुस्सियों 1:12)। साथ ही परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमारे अन्दर आकर निवास करने लगता है और हमें परमेश्वर को "अब्बा, पिता" कहकर संबोधित करने तथा उससे उसकी सन्तान होने के अधिकार के साथ प्रार्थना करने के लिए सक्षम करता है (गलतियों 4:6)।

   परमेश्वर की सन्तान होने का तात्पर्य है अपने स्वर्गीय पिता की उस निकटता, प्रेम और सुरक्षा को अनुभव करना जो हमसे प्रेम करता है, हमें हमारी कमियों-घटियों के बावजूद ग्रहण करता है, हमें अपने निकट रखना और हमें निकटता से जानना चाहता है। परमेश्वर के परिवार का सदस्य हो जाना एक अद्भुत घर-वापसी का अनुभव करना है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


किसी को भी पुनः घर में ले लेने के लिए परमेश्वर की बाहें सदा खुली रहती हैं।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: गलतियों 3:26-4:7
Galatians 3:26 क्योंकि तुम सब उस विश्वास करने के द्वारा जो मसीह यीशु पर है, परमेश्वर की सन्तान हो। 
Galatians 3:27 और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहिन लिया है। 
Galatians 3:28 अब न कोई यहूदी रहा और न यूनानी; न कोई दास, न स्‍वतंत्र; न कोई नर, न नारी; क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो। 
Galatians 3:29 और यदि तुम मसीह के हो, तो इब्राहीम के वंश और प्रतिज्ञा के अनुसार वारिस भी हो।
Galatians 4:1 मैं यह कहता हूं, कि वारिस जब तक बालक है, यद्यपि सब वस्‍तुओं का स्‍वामी है, तौभी उस में और दास में कुछ भेद नहीं। 
Galatians 4:2 परन्तु पिता के ठहराए हुए समय तक रक्षकों और भण्‍डारियों के वश में रहता है। 
Galatians 4:3 वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में हो कर दास बने हुए थे। 
Galatians 4:4 परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ। 
Galatians 4:5 ताकि व्यवस्था के आधीनों को मोल ले कर छुड़ा ले, और हम को लेपालक होने का पद मिले। 
Galatians 4:6 और तुम जो पुत्र हो, इसलिये परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को, जो हे अब्‍बा, हे पिता कह कर पुकारता है, हमारे हृदय में भेजा है। 
Galatians 4:7 इसलिये तू अब दास नहीं, परन्तु पुत्र है; और जब पुत्र हुआ, तो परमेश्वर के द्वारा वारिस भी हुआ।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 30-31
  • लूका 13:23-35