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गुरुवार, 16 जनवरी 2020

कृतज्ञ



      क्या आप और अधिक कृतज्ञ होने की भावना विकसित करना चाहेंगे? सत्रहवीं शताब्दी के एक ब्रिटिश कवि, जॉर्ज हर्बर्ट ने अपने पाठकों को इस उद्देश्य की ओर प्रोत्साहित करने के लिए एक कविता लिखी थी “Gratefulness” (कृतज्ञता), जिसकी एक पंक्ति है: “आपने मुझे बहुत कुछ दिया है, किन्तु एक चीज़ और दीजिए: एक कृतज्ञ मन।”

      हर्बर्ट ने पहचाना कि उसे कृतज्ञ होने के लिए केवल एक ही चीज़ की आवश्यकता थी – उन आशीषों का बोध रखना और उन्हें पहचानना, जो परमेश्वर उसे पहले ही दे चुका है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि रोमियों 11:36 प्रभु यीशु मसीह को सभी आशीषों का स्त्रोत बताता है, जहां लिखा है, “क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन” जब “सब कुछ” कहा गया है, तो इसमें जीवन की बहुमूल्य से लेकर सामान्य वस्तुओं तक, सभी कुछ सम्मिलित है। जीवन में हमें जो भी प्राप्त होता है वह हमारे स्वर्गीय पिता से ही आता है (याकूब 1:17), और उन्हें वह हमें स्वेच्छा से, अपने प्रेम में होकर प्रदान करता है।

      अपने जीवन में परमेश्वर की आशीषों के एहसास को और बढ़ाने के लिए, मैं ऐसा मन विकसित कर रही हूँ जो प्रतिदिन के सभी आनंदों के स्त्रोत का हर बात के लिए आभार व्यक्त करता है, विशेषकर उन आनंदों के लिए, जिन्हें मैं अकसर बिना उन पर ध्यान किए यूं ही ले लेती हूँ। आज के इन आनंदों में सम्मिलित है सैर के लिए एक ताज़ा प्रातः, मित्रों के साथ बिताने के लिए एक संध्या, मेरी रसोई में खाने-पीने के समान की भरपूरी, जिससे मैं अपने बेटियों के साथ उनके मन-पसंद भोजन वस्तुओं को बना सकती हूँ, मेरी खिड़की से दिखने वाला सुन्दर संसार का दृश्य, और ताज़ी बनी कॉफ़ी की सुगंध।

      ध्यान कीजिए कि परमेश्वर ने आपको क्या कुछ दे रखा है? उन आशीषों के प्रति जागरूक होना, हमें परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ मन विकसित करने में सहायक होगा। - लिसा सामरा

जब भी आप किसी भी भलाई का ध्यान करते हैं, परमेश्वर का धन्यवाद करें।

क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है। - याकूब 1:17

बाइबल पाठ: रोमियों 11:33-36
Romans 11:33 आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं!
Romans 11:34 प्रभु कि बुद्धि को किस ने जाना या उसका मंत्री कौन हुआ?
Romans 11:35 या किस ने पहिले उसे कुछ दिया है जिस का बदला उसे दिया जाए।
Romans 11:36 क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 41-42
  • मत्ती 12:1-23



प्रार्थना



      एक दिन जब मैं अपने एक करीबी मित्र के हित को लेकर बहुत चिंतित थी, तो मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खंड में शमुएल, जो इस्राएलियों का एक्क बुद्धिमान अगुवा था, की कहानी से प्रोत्साहन मिला। जब मैंने पढ़ा कि कैसे शमुएल ने परमेश्वर के लोगों के लिए प्रार्थना की जब वे कठिनाई में पड़े हुए थे, तो इससे मेरे उस करीबी मित्र के लिए प्रार्थना करने के मेरे संकल्प को प्रोत्साहन और बल मिला।

      इस्राएलियों के सामने पलिश्तियों का सामना करने का ख़तरा था, और पलिश्ती परमेश्वर के लोगों को पहले भी हरा चुके थे जब इस्राएलियों ने परमेश्वर पर भरोसा नहीं रखा था (देखें 1 शमुएल 4)। अपने पापों से पश्चाताप करने के बाद उन्हें पता चला कि पलिश्ती उन पर आक्रमण करने वाले हैं। किन्तु इस बार इस्राएलियों ने शमुएल से निवेदन किया कि वह उनके लिए प्रार्थना करता रहे (7:8)। और परमेश्वर ने उन प्रार्थनाओं का उत्तर दिया, शत्रु को घबरा दिया (पद 10)। चाहे वे पलिश्ती इस्राएलियों से अधिक शक्तिशाली रहे होंगे, परन्तु प्रभु परमेश्वर सबसे शक्तिशाली है।

      जब हमारे प्रीय जनों को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, तो उन्हें लेकर हम दुखी होते हैं, हमें लगता है कि उनकी परिस्थिति सुधरेगी नहीं, और संदेह होता है कि क्या प्रभु कार्य करेगा। परन्तु हमें कभी भी प्रार्थना की सामर्थ्य को हलका नहीं समझाना चाहिए, क्योंकि हमारा प्रेमी परमेश्वर पिता हमारी प्रार्थनाओं को सुनता है। हम यह तो नहीं जानते हैं कि हमारी प्रार्थनाओं के उत्तर में वह कैसे कार्य करेगा, परन्तु हम यह जानते हैं कि हमारा पिता होने के नाते वह चाहता है कि हम उसके प्रेम को अपना लें और उसकी विश्वासयोग्यता में भरोसा बनाए रखें।

      क्या कोई ऐसा है जिसे आपकी प्रार्थनाओं की आवश्यकता है? – एमी बाउचर पाई

परमेश्वर सुनता है जब हम प्रार्थना करते हैं।

निरन्‍तर प्रार्थना मे लगे रहो। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:17

बाइबल पाठ: 1 शमुएल 7:7-14
1 Samuel 7:7 जब पलिश्तियों ने सुना कि इस्राएली मिस्पा में इकट्ठे हुए हैं, तब उनके सरदारों ने इस्राएलियों पर चढ़ाई की। यह सुनकर इस्राएली पलिश्तियों से भयभीत हुए।
1 Samuel 7:8 और इस्राएलियों ने शमूएल से कहा, हमारे लिये हमारे परमेश्वर यहोवा की दोहाई देना न छोड़, जिस से वह हम को पलिश्तियों के हाथ से बचाए।
1 Samuel 7:9 तब शमूएल ने एक दूधपिउवा मेम्ना ले सर्वांग होमबलि कर के यहोवा को चढ़ाया; और शमूएल ने इस्राएलियों के लिये यहोवा की दोहाई दी, और यहोवा ने उसकी सुन ली।
1 Samuel 7:10 और जिस समय शमूएल होमबलि हो चढ़ा रहा था उस समय पलिश्ती इस्राएलियों के संग युद्ध करने के लिये निकट आ गए, तब उसी दिन यहोवा ने पलिश्तियों के ऊपर बादल को बड़े कड़क के साथ गरजाकर उन्हें घबरा दिया; और वे इस्राएलियों से हार गए।
1 Samuel 7:11 तब इस्राएली पुरूषों ने मिस्पा से निकलकर पलिश्तियों को खदेड़ा, और उन्हें बेतकर के नीचे तक मारते चले गए।
1 Samuel 7:12 तब शमूएल ने एक पत्थर ले कर मिस्पा और शेन के बीच में खड़ा किया, और यह कहकर उसका नाम एबेनेज़ेर रखा, कि यहां तक यहोवा ने हमारी सहायता की है।
1 Samuel 7:13 तब पलिश्ती दब गए, और इस्राएलियों के देश में फिर न आए, और शमूएल के जीवन भर यहोवा का हाथ पलिश्तियों के विरुद्ध बना रहा।
1 Samuel 7:14 और एक्रोन और गत तक जितने नगर पलिश्तियों ने इस्राएलियों के हाथ से छीन लिये थे, वे फिर इस्राएलियों के वश में आ गए; और उनका देश भी इस्राएलियों ने पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाया। और इस्राएलियों और एमोरियों के बीच भी सन्धि हो गई।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 39-40
  • मत्ती 11