एैन वोक्स्कैम्प की पुस्तक, One Thousand
Gifts (एक हज़ार उपहार) पाठकों को प्रोत्साहित करती है कि वे अपन जीवनों में
प्रतिदिन खोजें कि उस दिन में प्रभु ने उनके लिए क्या कुछ किया है। उस में वह
प्रति दिन परमेश्वर की उसके प्रति उदारता को छोटे और बड़े उपहारों में देखती है, जो साधारण से
साबुन के बुलबुलों में चमकती हुई सुन्दरता से लेकर उसके तथा हमारे जैसे पापियों के
अद्भुत उद्धार में दिखाई देती है। एैन का कहना है कि कृतज्ञ होना ही जीवन के सबसे
परेशान करने वाले पलों में भी परमेश्वर की उपस्थिति को देख पाने की कुंजी है।
परमेश्वर के वचन बाइबल का एक
चरित्र, अय्यूब, उसके जीवन के दुःख से भरे होने के लिए विख्यात है। उसे जो हानि उठानी और सहनी
पड़ी, वह गिनती और दुःख की गहराई, दोनों में ही बहुत अधिक थी। उसे ज्ञात हुआ कि अचानक
ही उसके सारे पशु लूट लिए गए, पशुओं की देखभाल करने वाले उसके सेवक भी मार डाले गए
हैं, और इसके तुरंत ही बाद उसे यह भी पता चला कि उसके दसों बच्चे भी मर गए हैं।
अय्यूब का घोर दुःख उसके प्रत्युत्तर से पता चलता है; उसने अपना बागा फाड़ा और सिर
मुंडवाया (1:20)। उस अत्यधिक दुःख की घड़ी में अय्यूब जो शब्द प्रयोग करता है वे
दिखाते हैं कि वह परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ रहने का अभ्यस्त था, क्योंकि वह तब भी यही
अंगीकार करता है कि उसके पास जो भी था, वह सब परमेश्वर ही के द्वारा दिया हुआ था, उसका अपना नहीं था।
इतने अभिभूत कर देने वाले दुःख के समय में भी वह और कैसे आराधना करने पाता, यदि वह परमेश्वर के
प्रति कृतज्ञ रहना नहीं जानता होता?
हमारे दुःख और हानि के समयों
में हमारे प्रतिदिन परमेश्वर के प्रति धन्यवादी और कृतज्ञ होने के अभ्यास के
द्वारा हमारी पीड़ा मिट तो नहीं जाती है। जैसा कि शेष पुस्तक में लिखा है, अय्यूब अपनी इस
पीड़ा और हानि के साथ जूझता रहता है। परन्तु हमारे प्रति परमेश्वर की भलाइयों को,
छोटे से छोटे रूप में भी, पहचानने और स्मरण करते रहने के द्वारा हम हमारे
सर्वसामर्थी परमेश्वर के सामने झुक कर अपने जीवन के सबसे अंधियारे समयों में भी उसकी
आराधना करने के लिए तैयार किए जा सकते हैं, यदि हम उसके धन्यवादी बने रहने के
अभ्यस्त रहते हैं तो। - कर्स्टन होल्मबर्ग
जीवन में परमेश्वर के प्रति धन्यवादी होने के विषयों की सूची बनाना आरंभ कीजिए;
और देखिए कि इससे
जीवन कैसे परिवर्तित होता है।
किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा
धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएं। - फिलिप्पियों 4:6
बाइबल पाठ अय्यूब 1:13-22
अय्यूब 1:13 एक दिन अय्यूब के बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु
पी रहे थे;
अय्यूब 1:14 तब एक दूत अय्यूब के पास आकर कहने लगा, हम तो बैलों से हल जोत रहे थे, और गदहियां उनके पास चर रही
थी,
अय्यूब 1:15 कि शबा के लोग धावा कर के उन को ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार
देने को आया हूँ।
अय्यूब 1:16 वह अभी यह कह ही रहा था कि दूसरा भी आकर कहने लगा, कि परमेश्वर की आग आकाश से गिरी
और उस से भेड़-बकरियां और सेवक जलकर भस्म हो गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
अय्यूब 1:17 वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, कि कसदी लोग तीन गोल बान्ध कर ऊंटों पर धावा कर के उन्हें ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को
मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर
तुझे समाचार देने को आया हूँ।
अय्यूब 1:18 वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, तेरे बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पीते थे,
अय्यूब 1:19 कि जंगल की ओर से बड़ी प्रचण्ड वायु चली, और घर के चारों कोनों को ऐसा झोंका मारा, कि वह जवानों पर गिर पड़ा और
वे मर गए; और मैं ही अकेला बचकर
तुझे समाचार देने को आया हूँ।
अय्यूब 1:20 तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुंड़ाकर भूमि पर
गिरा और दण्डवत कर के कहा,
अय्यूब 1:21 मैं अपनी मां के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊंगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने
लिया; यहोवा का नाम धन्य है।
अय्यूब 1:22 इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से
दोष लगाया।
एक साल में बाइबल:
- नहूम 1-3
- प्रकाशितवाक्य 14