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गुरुवार, 20 नवंबर 2014

त्यागा हुआ


   कैरिस्सा स्मिथ अपने 4 महीने की बच्ची के साथ स्थानीय पुस्तकालय में कुछ पुस्तकें देख रही थी, और उसकी बेटी प्रसन्नचित्त होकर मुँह से कुछ आवाज़ें निकाल रही थी। एक वृद्ध व्यक्ति ने बड़े रूखे स्वर में कैरिस्सा से कहा कि या तो कैरिस्सा स्वयं अपनी बच्ची को शान्त कर ले अन्यथा वह कर देगा। कैरिस्सा ने उसे उत्तर दिया, "मैं नहीं जानती कि आपके जीवन में ऐसा क्या है जो एक प्रसन्न बच्ची के कारण आपको दुखी कर रहा है, लेकिन वह जो भी है जो एक प्रसन्न बच्ची को देखकर आपको दुखी कर रहा है, मैं उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ; लेकिन ना तो मैं अपनी बच्ची को शान्त करूँगी और ना ही आपको उसे शान्त करने दूँगी।" उस वृद्ध ने तुरंत अपना सिर झुकाकर क्षमा माँगी, और फिर कैरिस्सा के साथ 50 वर्ष पहले अपने बेटे की अचानक हुई मृत्यु की कहानी बाँटी, जिसके दुख और आवेश को वह अपने अन्दर दबाए बैठा था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 13 में दाऊद अपने दुखी मन के विचारों को बड़े खुले रूप में परमेश्वर के सामने रखता है। अपने दुख को व्यक्त करने के लिए वह बड़ी व्यथित परन्तु खरे शब्दों को प्रयोग करता है: "हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा?" (पद 1) दाऊद के ये प्रश्न उसके अन्दर त्यागा हुआ होने के भय को दिखाते हैं; लेकिन थोड़ी ही देर में दाऊद की यह व्यथित भाषा परमेश्वर से सहायता की पुकार में परिवर्तित हो जाती है और वह परमेश्वर में अपने विश्वास और अपने प्रति उसके प्रेम को दृढ़ता से व्यक्त करता है (पद 3-6)।

   हम सब अपने जीवनों में कठिन समयों से होकर गुज़रते हैं; हमें प्रतीत होता है कि परमेश्वर ने हमें छोड़ दिया है। लेकिन जैसे दाऊद के साथ हुआ, वैसे ही हमारे साथ भी हो सकता है - हमारा शोक आनन्द में परिवर्तित हो सकता है, यदि हम भी दाऊद के समान ही खुले मन से अपनी बात परमेश्वर के सम्मुख रखें, उससे सहायता माँगें और अपने प्रति परमेश्वर के प्रेम में भरोसा व्यक्त करें क्योंकि परमेश्वर का प्रेम अपने बच्चों के प्रति ना कभी बदलता है और ना ही कभी घटता-बढ़ता है। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर हमें कभी नहीं छोड़ेगा, कभी नहीं त्यागेगा।

क्रोध के झकोरे में आकर मैं ने पल भर के लिये तुझ से मुंह छिपाया था, परन्तु अब अनन्त करूणा से मैं तुझ पर दया करूंगा, तेरे छुड़ाने वाले यहोवा का यही वचन है। - यशायाह 54:8

बाइबल पाठ: भजन 13
Psalms 13:1 हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा? 
Psalms 13:2 मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा? 
Psalms 13:3 हे मेरे परमेश्वर यहोवा मेरी ओर ध्यान दे और मुझे उत्तर दे, मेरी आंखों में ज्योति आने दे, नहीं तो मुझे मृत्यु की नींद आ जाएगी; 
Psalms 13:4 ऐसा न हो कि मेरा शत्रु कहे, कि मैं उस पर प्रबल हो गया; और ऐसा न हो कि जब मैं डगमगाने लगूं तो मेरे शत्रु मगन हों।
Psalms 13:5 परन्तु मैं ने तो तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा। 
Psalms 13:6 मैं परमेश्वर के नाम का भजन गाऊंगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है।

एक साल में बाइबल: 
  • रोमियों 5-8