अफ्रीका महाद्वीप की नील नदी 6,650 किलोमीटर (4,100 मील से भी अधिक) लंबी, संसार की सबसी लंबी नदी है और कई उत्तर-पूर्वी अफ्रीकी देशों से होती हुई समुद्र तक पहुँचती है। कई शताब्दियों से नील नदी ने, जिन देशों से होकर वह बहती है, वहाँ के लाखों लोगों को जीविका और भरण-पोषण प्रदान किया है। वर्तमान में इथोपिया देश इस नदी पर जल-विद्युत बाँध का निर्माण कर रहा है, जो पूरा होने पर अफ्रीका का सबसे विशाल बाँध होगा और उस इलाके की उन्नति का एक महान स्त्रोत होगा।
परमेश्वर के वचन बाइबल में आया है कि मिस्त्र के राजा फिरौन ने नील नदी का स्वामी और बनाने वाला होने का दावा किया। सारे मिस्त्र और फिरौन ने घमंड में आकर कहा: "...मेरी नदी मेरी निज की है, और मैं ही ने उसको अपने लिये बनाया है" (यहेजकेल 29:3, 9)। उन्होंने इस बात को मानने से उन्कार किया कि परमेश्वर ही प्रत्येक प्राकृतिक स्त्रोत का बनाने वाला है और सब कुछ उस ही के द्वारा हमें उपलब्ध करवाया गया है। उनके इस घमंड के कारण, परमेश्वर ने उन्हें दंडित करने का वायदा दिया (पद 8-9)।
परमेश्वर हमसे चाहता है कि हम उसकी सृष्टि की देखभाल करें, और यह कभी नहीं भूलें कि जो कुछ हमारे पास है वह सब परमेश्वर की ओर से हमें मिला है (व्यवस्थाविवरण 8:18)। बाइबल में रोमियों 11:36 में लिखा है, "क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन"। परमेश्वर ही है जो हम मनुष्यों को वह योग्यता देता है जिससे हम अनेकों प्रकार की वस्तुएं ईजाद कर सकें, उन्हें बना सकें, उनका उपयोग कर सकें। जब कभी हम किसी ऐसी वस्तु के बारे में बात करें जो हम ने प्राप्त की है या हमें दी गई है तो हमें परमेश्वर द्वारा यशायाह में कही बात "मैं यहोवा हूं, मेरा नाम यही है; अपनी महिमा मैं दूसरे को न दूंगा और जो स्तुति मेरे योग्य है वह खुदी हुई मूरतों को न दूंगा" (यशायाह 42:8) कभी भूलनी नहीं चाहिए; हम इस सृष्टि की प्रत्येक बात पर परमेश्वर की प्रभुता और उसके प्रति हमारे उत्तरदायित्व को कभी ना भूलें। - लॉरेंस दारमानी
परमेश्वर के महान कार्यों के लिए सदा उसकी महिमा हो।
परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही है जो तुझे सम्पति प्राप्त करने का सामर्थ्य इसलिये देता है, कि जो वाचा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बान्धी थी उसको पूरा करे, जैसा आज प्रगट है। - व्यवस्थाविवरण 8:18
बाइबल पाठ: यहेजकेल 29:1-12
Ezekiel 29:1 दसवें वर्ष के दसवें महीने के बारहवें दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
Ezekiel 29:2 हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख मिस्र के राजा फिरौन की ओर कर के उसके और सारे मिस्र के विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर;
Ezekiel 29:3 यह कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, हे मिस्र के राजा फिरौन, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, हे बड़े नगर, तू जो अपनी नदियों के बीच पड़ा रहता है, जिसने कहा है कि मेरी नदी मेरी निज की है, और मैं ही ने उसको अपने लिये बनाया है।
Ezekiel 29:4 मैं तेरे जबड़ों में आँकड़े डालूंगा, और तेरी नदियों की मछलियों को तेरी खाल में चिपटाऊंगा, और तेरी खाल में चिपक्की हुई तेरी नदियों की सब मछलियों समेत तुझ को तेरी नदियों में से निकालूंगा।
Ezekiel 29:5 तब मैं तुझे तेरी नदियों की सारी मछलियों समेत जंगल में निकाल दूंगा, और तू मैदान में पड़ा रहेगा; किसी भी प्रकार से तेरी सुधि न ली जाएगी। मैं ने तुझे वन पशुओं और आकाश के पक्षियों का आहार कर दिया है।
Ezekiel 29:6 तब मिस्र के सारे निवासी जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। वे तो इस्राएल के घराने के लिये नरकट की टेक ठहरे थे।
Ezekiel 29:7 जब उन्होंने तुझ पर हाथ का बल दिया तब तू टूट गया और उनके पखौड़े उखड़ ही गए; और जब उन्होंने तुझ पर टेक लगाई, तब तू टूट गया, और उनकी कमर की सारी नसें चढ़ गई।
Ezekiel 29:8 इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है, देख, मैं तुझ पर तलवार चलवा कर, तेरे मनुष्य और पशु, सभों को नाश करूंगा।
Ezekiel 29:9 तब मिस्र देश उजाड़ ही अजाड़ होगा; और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। उस ने कहा है कि मेरी नदी मेरी अपनी ही है, और मैं ही ने उसे बनाया।
Ezekiel 29:10 इस कारण देख, मैं तेरे और तेरी नदियों के विरुद्ध हूँ, और मिस्र देश को मिग्दोल से ले कर सवेने तक वरन कूश देश के सिवाने तक उजाड़ ही उजाड़ कर दूंगा।
Ezekiel 29:11 चालीस वर्ष तक उस में मनुष्य वा पशु का पांव तक न पड़ेगा; और न उस में कोई बसेगा।
Ezekiel 29:12 चालीस वर्ष तक मैं मिस्र देश को उजड़े हुए देशों के बीच उजाड़ कर रखूंगा; और उसके नगर उजड़े हुए नगरों के बीच खण्डहर ही रहेंगे। मैं मिस्रियों को जाति जाति में छिन्न-भिन्न कर दूंगा, और देश देश में तितर-बितर कर दूंगा।
एक साल में बाइबल:
- न्यायियों 13-15
- लूका 6:27-49