हाल ही में प्रकाशित हुई एक पुस्तक अमेरिका के इतिहास के एक छोटे भाग में लाए गए कल्पना के कार्य के बारे में बताती है। इस पुस्तक में पुराने पश्चिमी अमेरिका में बन्दूकों और गोलियों के सहारे जीवन जीने वाले नायकों, व्याट एर्प और डॉक हॉलिडे को वास्तविक जीवन में नाकारा और नासमझ बताया गया है। नैशनल पब्लिक रेडियो को दिए गए एक साक्षात्कार में पुस्तक के लेखक ने वास्तविक एर्प के बारे में कहा, "उसने अपने सारे जीवन भर कुछ भी उल्लेखनीय, कभी भी नहीं किया।" लेकिन अनेकों उपन्यासों और हॉलिवुड की कई फिल्मों में उसे एक नायक के समान प्रस्तुत किया गया है। परन्तु विश्वासयोग्य एतिहासिक वृतांत बताते हैं कि वह नायक कदापि नहीं था।
इसकी तुलना में, परमेश्वर के वचन बाइबल में ऐसे अनेकों लोगों का वर्णन है जिनके जीवन में कमियाँ और त्रुटियाँ थीं, परन्तु फिर भी वे परमेश्वर की सहायता और मार्ग्दर्शन से वास्तविक नायक बन गए। उनका विश्वास जीवते सच्चे प्रभु परमेश्वर पर था, जो कमज़ोर और त्रुटियुक्त लोगों को लेता है और अपने अद्भुत उद्देश्यों के लिए उन्हें सामर्थी तथा अनुसरणीय नायक बना देता है।
बाइबल के एक महान नायक मूसा को ही लीजिए। जब हम मूसा के बारे में सोचते हैं तो अकसर हम यह ध्यान नहीं कर पाते हैं कि वह एक हत्यारा था और परमेश्वर द्वारा दी जा रही ज़िम्मेदारी को स्वीकार करने का कतई इच्छुक नहीं था। उसने इस्त्राएलियों के व्यवहार से खिसिया कर परमेश्वर को ताना भी मारा था, "...तू अपने दास से यह बुरा व्यवहार क्यों करता है? और क्या कारण है कि मैं ने तेरी दृष्टि में अनुग्रह नहीं पाया, कि तू ने इन सब लोगों का भार मुझ पर डाला है? क्या ये सब लोग मेरे ही कोख में पड़े थे? क्या मैं ही ने उन को उत्पन्न किया, जो तू मुझ से कहता है, कि जैसे पिता दूध पीते बालक को अपनी गोद में उठाए उठाए फिरता है, वैसे ही मैं इन लोगों को अपनी गोद में उठा कर उस देश में ले जाऊं, जिसके देने की शपथ तू ने उनके पूर्वजों से खाई है?" (गिनती 11:11-12)। साधारण मनुष्यों की सी प्रवृत्ति मूसा में विद्यमान तो थी; परन्तु नए नियम में इब्रानियों नामक पुस्तक हमें उसके विषय स्मरण दिलाती है, "मूसा तो उसके सारे घर में सेवक के समान विश्वास योग्य रहा, कि जिन बातों का वर्णन होने वाला था, उन की गवाही दे" (इब्रानियों 3:5)।
जो नायक होते हैं, वे अपने जीवनों द्वारा उस सच्चे तथा वास्तव में अनुसरणीय नायक प्रभु यीशु की ओर लोगों को प्रेरित करते हैं जो कभी किसी को निराश नहीं करता है। - टिम गस्टाफसन
किसी ऐसे को ढूँढ़ रहे हैं जो आपको कभी निराश न करे; तो प्रभु यीशु को देखें।
हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे। और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। - 1 कुरिन्थियों 1:26-28
बाइबल पाठ: इब्रानियों 3:1-6
Hebrews 3:1 सो हे पवित्र भाइयों तुम जो स्वर्गीय बुलाहट में भागी हो, उस प्रेरित और महायाजक यीशु पर जिसे हम अंगीकार करते हैं ध्यान करो।
Hebrews 3:2 जो अपने नियुक्त करने वाले के लिये विश्वास योग्य था, जैसा मूसा भी उसके सारे घर में था।
Hebrews 3:3 क्योंकि वह मूसा से इतना बढ़ कर महिमा के योग्य समझा गया है, जितना कि घर का बनाने वाला घर से बढ़ कर आदर रखता है।
Hebrews 3:4 क्योंकि हर एक घर का कोई न कोई बनाने वाला होता है, पर जिसने सब कुछ बनाया वह परमेश्वर है।
Hebrews 3:5 मूसा तो उसके सारे घर में सेवक के समान विश्वास योग्य रहा, कि जिन बातों का वर्णन होने वाला था, उन की गवाही दे।
Hebrews 3: पर मसीह पुत्र के समान उसके घर का अधिकारी है, और उसका घर हम हैं, यदि हम साहस पर, और अपनी आशा के घमण्ड पर अन्त तक दृढ़ता से स्थिर रहें।
एक साल में बाइबल:
- भजन 123-125
- 1 कुरिन्थियों 10:1-18