बहुत
वर्ष पहले मैंने छड़ियों, लाठियों और चलने में सहायक डंडियों के अपने संग्रह पर एक
लेख लिखा था, जिसमें यह विचार भी व्यक्त किया था के एक दिन मैं वॉकर के साथ चलने
वाला हो जाऊँगा। लीजिए, अब वह दिन आ गया है! मेरी कमर की कुछ तकलीफों और तंत्रिकाओं
के ठीक कार्य न कर पाने के कारण अब मुझे एक तीन पहिए वाले वॉकर की सहायता से चलना
पड़ता है। अब मैं पहाड़ों पर चढ़ने जाने में असमर्थ हूँ; मैं मछली मारने नहीं जा सकता
हूँ, और ऐसे अनेकों कार्य नहीं कर सकता हूँ जिन्हें करना मुझे अच्छा लगता है।
परन्तु
मैं यह सीखने का प्रयास कर रहा हूँ कि मेरी अब जो भी सीमाएं हैं, वे सब परमेश्वर
के प्रावधान हैं, और मुझे उसकी सेवकाई इन्हीं प्रावधानों के साथ करनी है, किसी
अन्य के साथ नहीं। यह हम सब के लिए सत्य है; हमारी सीमाएं चाहे शारीरिक हों, अथवा
मानसिक, या फिर बौद्धिक। पौलुस इस विषय में इतना दृढ़ था कि उसने कहा कि वह अपनी कमज़ोरियों
पर घमण्ड करता है क्योंकि उसकी कमज़ोरी में ही परमेश्वर की सामर्थ्य प्रकट होती है
(2 कुरिन्थियों 12:9)।
इस
दृष्टिकोण से अपनी सीमाओं को देखने के द्वारा हम अपने कार्यों को दृढता और साहस के
साथ कर सकते हैं। बजाए इसके कि हम शिकायत करें, कुड़कुड़ाऐं, अपने लिए दुखी हों, या
कार्य को छोड़ दें, यह दृष्टिकोण हमें परमेश्वर द्वारा अपेक्षित उद्देश्यों को पूरा
करने के लिए उपलब्ध करवाता है।
मैं
नहीं जानता हूँ कि मेरे और आपके लिए परमेश्वर की क्या योजनाएं हैं, परन्तु हमें उनके
विषय चिन्तित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। आज के लिए हमारा कार्य यह है कि हम
अपनी परिस्थितियों और सीमाओं को जैसी वे हैं वैसा ही ग्रहण करें, उनमें संतुष्ट
रहें, यह विश्वास रखते हुए कि अपने प्रेम और बुद्धिमता में परमेश्वर ने हमारे लिए
जो प्रावधान किए हैं, वह इस समय के, तथा हमारे भविष्य के लिए सर्वोत्तम हैं। -
डेविड रोपर
संतुष्टि आपको वहीं पनपने में सहायक होती
है, जहाँ परमेश्वर ने आपको रोपा है।
और हम जानते हैं, कि
जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें
मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो
उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28
बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 12: 5-10
2 Corinthians 12:5
ऐसे मनुष्य पर तो मैं घमण्ड करूंगा, परन्तु अपने पर अपनी
निर्बलताओं को छोड़, अपने विषय में घमण्ड न करूंगा।
2 Corinthians 12:6
क्योंकि यदि मैं घमण्ड करना चाहूं भी तो मूर्ख न हूंगा, क्योंकि
सच बोलूंगा; तोभी रुक जाता हूं, ऐसा न
हो, कि जैसा कोई मुझे देखता है, या मुझ
से सुनता है, मुझे उस से बढ़कर समझे।
2 Corinthians 12:7
और इसलिये कि मैं प्रकाशों की बहुतायत से फूल न जाऊं, मेरे
शरीर में एक कांटा चुभाया गया अर्थात शैतान का एक दूत कि मुझे घूँसे मारे ताकि मैं
फूल न जाऊं।
2 Corinthians 12:8
इस के विषय में मैं ने प्रभु से तीन बार बिनती की, कि मुझ से
यह दूर हो जाए।
2 Corinthians 12:9
और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है;
क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे।
2 Corinthians 12:10
इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्दाओं में,
और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि
जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्त होता हूं।
एक साल में बाइबल:
- यिर्मयाह 6-8
- 1 तिमुथियुस 5