एक लड़का अपनी माँ के डेस्क पर बैठकर और माँ की कलम दवात लेकर बड़े ध्यान से अपने पालतु कुत्ते की तस्वीर बना रहा था। थोड़ी देर के बाद उसने कलम दवात रख दी और उठ कर जाने लगा। जाने से पहले उसने बड़े गर्व से अपनी माँ को वह तस्वीर दिखाई, माँ ने देख कर तस्वीर की प्रशंसा करी और कहा कि वाकई तसवीर उनके पलतु कुत्ते के समान लगती थी, लेकिन तभी माँ का ध्यान तस्वीर में एक बात की ओर गया और उसने विस्मय से अपने बेटे से पूछा, "अरे, उसकी दुम कहाँ है?" लड़के ने बड़ी लापरवाही से उत्तर दिया, "उसकी दुम तो अभी दवात में ही है।"
बाइबल कि न्यायियों की पुस्तक में रूबेन का गोत्र भी कुछ ऐसी ही पृवर्ति का था। जब इस्त्राएल की चौथी न्यायी दबोरा ने कनानियों पर प्राप्त इस्त्राएल की विजय के उपलक्ष में गीत गाया (न्यायियों ५:२-३१) तो उसने रूबेन के गोत्र का उल्लेख किया। उसने कहा कि "रूबेन की नदियों के पास बड़े बड़े काम मन में ठाने गए" (पद १५), लेकिन फिर साथ ही यह भी कहा कि "तू चरवाहों का सीटी बजाना सुनने को भेड़शालों के बीच क्यों बैठा रहा? रूबेन की नदियों के पास बड़े बड़े काम सोचे गए" (पद १६)। अर्थात रूबेन के लोग योजनाएं तो बहुत बनाते थे परन्तु उनको कार्यान्वित नहीं करते थे; उनके ध्यान इधर उधर हो जाते और योजनाएं धरी की धरी रह जाती थीं।
मसीही विश्वास के जीवन में भी यह बात अन्जानी नहीं है। कुछ विश्वासी भी ऐसे ही योजनाएं तो अनेक बनाते हैं किंतु उनको पूरा कम ही कर पाते हैं। एक आम बात जिसमें यह अधिकतर देखा जाता है वह है हमारा परमेश्वर के वचन को पढ़ने और सीखने का निर्णय, जिसकी अकसर अन्य गतिविधियों द्वारा अवहेलना हो जाती है। कुछ ऐसा ही हमारा प्रार्थना के समय के साथ भी होता है; हम कई बातों और लोगों के लिए प्रार्थना करने का निर्णय तो लेते हैं, कुछ समय तक करते भी हैं, फिर वे निर्णय ढीले पड़ जाते हैं, अन्य बातें प्राथमिकता ले लेती हैं और प्रार्थनाएं अधूरी रह जाती हैं।
हम जिस परमेश्वर की उपासाना करते हैं और जिसपर विश्वास रखते हैं वह कभी कुछ अधूरा नहीं छोड़ता। उसका हर कार्य सिद्ध और संपूर्ण होता है। हमारी योजनाएं कितनी भी अच्छी क्यों न हों, हमारे इरादे कितने भी उमदा क्यों न हों, यदि पूर्णतया कार्यान्वित नहीं होते तो वे कभी परमेश्वर को आदर और महिमा नहीं दे सकते।
किसी भी दुम को दवात में मत छोड़िए, अपने निर्णय की तस्वीर को सदा पूरा कीजिए। - पौल वैन गोर्डर
यीशु ने उस से कहा; जो कोई अपना हाथ हल पर रख कर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं। - लूका ९:६२
बाइबल पाठ: लूका ९:५७-६२
Luk 9:57 जब वे मार्ग में चले जाते थे, तो किसी न उस से कहा, जहां जहां तू जाएगा, मैं तेरे पीछे हो लूंगा।
Luk 9:58 यीशु ने उस से कहा, लोमडिय़ों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं, पर मनुष्य के पुत्र को सिर धरने की भी जगह नहीं।
Luk 9:59 उस ने दूसरे से कहा, मेरे पीछे हो ले; उस ने कहा, हे प्रभु, मुझे पहिले जाने दे कि अपने पिता को गाड़ दूं।
Luk 9:60 उस ने उस से कहा, मरे हुओं को अपने मुर्दे गाड़ने दे, पर तू जा कर परमेश्वर के राज्य की कथा सुना।
Luk 9:61 एक और ने भी कहा; हे प्रभु, मैं तेरे पीछे हो लूंगा, पर पहिले मुझे जाने दे कि अपने घर के लोगों से विदा हो आऊं।
Luk 9:62 यीशु ने उस से कहा; जो कोई अपना हाथ हल पर रख कर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं।
एक साल में बाइबल:
बाइबल कि न्यायियों की पुस्तक में रूबेन का गोत्र भी कुछ ऐसी ही पृवर्ति का था। जब इस्त्राएल की चौथी न्यायी दबोरा ने कनानियों पर प्राप्त इस्त्राएल की विजय के उपलक्ष में गीत गाया (न्यायियों ५:२-३१) तो उसने रूबेन के गोत्र का उल्लेख किया। उसने कहा कि "रूबेन की नदियों के पास बड़े बड़े काम मन में ठाने गए" (पद १५), लेकिन फिर साथ ही यह भी कहा कि "तू चरवाहों का सीटी बजाना सुनने को भेड़शालों के बीच क्यों बैठा रहा? रूबेन की नदियों के पास बड़े बड़े काम सोचे गए" (पद १६)। अर्थात रूबेन के लोग योजनाएं तो बहुत बनाते थे परन्तु उनको कार्यान्वित नहीं करते थे; उनके ध्यान इधर उधर हो जाते और योजनाएं धरी की धरी रह जाती थीं।
मसीही विश्वास के जीवन में भी यह बात अन्जानी नहीं है। कुछ विश्वासी भी ऐसे ही योजनाएं तो अनेक बनाते हैं किंतु उनको पूरा कम ही कर पाते हैं। एक आम बात जिसमें यह अधिकतर देखा जाता है वह है हमारा परमेश्वर के वचन को पढ़ने और सीखने का निर्णय, जिसकी अकसर अन्य गतिविधियों द्वारा अवहेलना हो जाती है। कुछ ऐसा ही हमारा प्रार्थना के समय के साथ भी होता है; हम कई बातों और लोगों के लिए प्रार्थना करने का निर्णय तो लेते हैं, कुछ समय तक करते भी हैं, फिर वे निर्णय ढीले पड़ जाते हैं, अन्य बातें प्राथमिकता ले लेती हैं और प्रार्थनाएं अधूरी रह जाती हैं।
हम जिस परमेश्वर की उपासाना करते हैं और जिसपर विश्वास रखते हैं वह कभी कुछ अधूरा नहीं छोड़ता। उसका हर कार्य सिद्ध और संपूर्ण होता है। हमारी योजनाएं कितनी भी अच्छी क्यों न हों, हमारे इरादे कितने भी उमदा क्यों न हों, यदि पूर्णतया कार्यान्वित नहीं होते तो वे कभी परमेश्वर को आदर और महिमा नहीं दे सकते।
किसी भी दुम को दवात में मत छोड़िए, अपने निर्णय की तस्वीर को सदा पूरा कीजिए। - पौल वैन गोर्डर
हम सही मार्ग पर हो सकते हैं, परन्तु मार्ग पर केवल बैठे रह जाने से ही मंज़िल नहीं मिल जाती।
यीशु ने उस से कहा; जो कोई अपना हाथ हल पर रख कर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं। - लूका ९:६२
बाइबल पाठ: लूका ९:५७-६२
Luk 9:57 जब वे मार्ग में चले जाते थे, तो किसी न उस से कहा, जहां जहां तू जाएगा, मैं तेरे पीछे हो लूंगा।
Luk 9:58 यीशु ने उस से कहा, लोमडिय़ों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं, पर मनुष्य के पुत्र को सिर धरने की भी जगह नहीं।
Luk 9:59 उस ने दूसरे से कहा, मेरे पीछे हो ले; उस ने कहा, हे प्रभु, मुझे पहिले जाने दे कि अपने पिता को गाड़ दूं।
Luk 9:60 उस ने उस से कहा, मरे हुओं को अपने मुर्दे गाड़ने दे, पर तू जा कर परमेश्वर के राज्य की कथा सुना।
Luk 9:61 एक और ने भी कहा; हे प्रभु, मैं तेरे पीछे हो लूंगा, पर पहिले मुझे जाने दे कि अपने घर के लोगों से विदा हो आऊं।
Luk 9:62 यीशु ने उस से कहा; जो कोई अपना हाथ हल पर रख कर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं।
एक साल में बाइबल:
- एस्तर ९-१०
- प्रेरितों ७:१-२१