बीच दोपहर का समय था, प्रभु यीशु पैदल यात्रा
से थके हुए, याकूब के कुएँ के निकट बैठ गए। उनके शिष्य भोजन लाने के लिए वहीं
स्थित सूखार नगर को चले गए। कुएँ से पाने लेने के लिए एक महिला नगर से निकल कर आई
... और वहाँ उसने अपने मसीहा को पा लिया। परमेश्वर के वचन बाइबल का यह वृतान्त आगे
बताता है कि प्रभु यीशु से बातचीत करने के तुरंत बाद वह महिला नगर को गई और प्रभु
यीशु की बातें सुनने के लिए उसने वहाँ के लोगों को यह कहते हुए आमंत्रित किया “आओ, एक मनुष्य को देखो, जिसने सब कुछ जो मैं ने किया मुझे
बता दिया: कहीं यह तो मसीह नहीं है?”
(यूहन्ना 4:29)।
प्रभु के शिष्य भी भोजन लेकर वापस कुएँ पर आ
गए। जब शिष्यों ने प्रभु से आग्रह किया कि वे भी भोजन करें, तो प्रभु ने उन्हें
उत्तर दिया, “...मेरा भोजन यह है, कि अपने भेजने वाले
की इच्छा के अनुसार चलूं और उसका काम पूरा करूं” (पद 34)।
अब मेरा आपसे एक प्रश्न है – उस समय प्रभु यीशु भला क्या कार्य कर रहे थे? वे तो
कुएँ के निकट बैठे विश्राम तथा प्रतीक्षा कर रहे थे।
मुझे इस घटना से बहुत प्रोत्साहन मिलता है,
क्योंकि मैं भी शारीरिक दुर्बलताओं के साथ जीवन व्यतीत कर रहा हूँ। यह खण्ड मुझे
बताता है कि प्रभु के लिए उपयोगी होने के लिए मुझे इधर-उधर भागा-दौड़ी करने की
आवश्यकता नहीं है; उसकी इच्छा को पूरा करने, उसके लिए कार्य करने के लिए चिन्तित
रहने की आवश्यकता नहीं है। जीवन के इस भाग में आकर, मैं विश्राम और प्रतीक्षा कर
सकता हूँ और मेरा परमेश्वर पिता मेरे लिए उपयुक्त कार्य मेरे पास स्वयं लेकर आएगा।
इसी प्रकार आपके लिए भी आपका छोटा सा
निवास-स्थान, आपका सीमित कार्य-स्थल, आपका बंदीगृह का कमरा, या आपका अस्पताल का
बिस्तर ही आपके लिए ‘याकूब का कूआँ’ बन सकता है – एक विश्राम और प्रतीक्षा का
स्थान, जहाँ परमेश्वर पिता आपके पास आपके लिए उपयुक्त कार्य को लेकर आएगा, आपको अपने
लिए इस्तेमाल करेगा। न जाने आज किसे वह आपके पास ले आए? – डेविड रोपर
यदि आपको
परमेश्वर के लिए कार्य-स्थल चाहिए, तो आपने आस-पास देखिए।
हे सब
परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ;
मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। - मत्ती 11:28
बाइबल पाठ:
यूहन्ना 4:4-14
John 4:4 और उसको सामरिया से हो कर जाना अवश्य था।
John 4:5 सो वह सूखार नाम सामरिया के एक नगर तक आया, जो
उस भूमि के पास है, जिसे याकूब ने अपने पुत्र यूसुफ को दिया
था।
John 4:6 और याकूब का कूआं भी वहीं था; सो यीशु मार्ग का
थका हुआ उस कूएं पर यों ही बैठ गया, और यह बात छठे घण्टे के
लगभग हुई।
John 4:7 इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने को आई: यीशु ने उस से कहा, मुझे पानी पिला।
John 4:8 क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे।
John 4:9 उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी हो कर
मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? (क्योंकि यहूदी
सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते)।
John 4:10 यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के वरदान
को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है;
मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह
तुझे जीवन का जल देता।
John 4:11 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कूआं
गहिरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहां से आया?
John 4:12 क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिसने
हमें यह कूआं दिया; और आप ही अपने सन्तान, और अपने ढोरों समेत उस में से पीया?
John 4:13 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल
पीएगा वह फिर प्यासा होगा।
John 4:14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।
एक साल में
बाइबल:
- 2 राजा 19-21
- यूहन्ना 4:1-30