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शनिवार, 30 सितंबर 2017

तराई से प्रार्थना


   एक कविता रूप में परमेश्वर से की गई प्रार्थना है, जो The Valley of Vision के नाम से जानी जाती है। इस प्रार्थना-कविता का विषय पापी मनुष्य और उसके पवित्र परमेश्वर के मध्य की दूरी है। मनुष्य परमेश्वर से कहता है, "आप मुझे दर्शन की तराई में लेकर आए हैं...; चारों ओर पाप के पहाड़ों से घिरा होकर भी मैं ऊपर आपकी महिमा को देखता हूँ।" मनुष्य को अपनी गलतियों का बोध है, परन्तु फिर भी वह आशावादी है। वह आगे कहता है, "गहरे कूओं से भी सितारे दिखाई देते हैं; और कूआँ जितना गहरा होगा, सितारे उतने अधिक चमकीले दिखेंगे।" इस प्रार्थना-कविता का अन्त निवेदन के साथ होता है: "होने दें कि मैं अपने अन्धकार में आपकी ज्योति को...अपनी तराई में आपकी महिमा को पा सकूँ।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि योना ने परमेश्वर की महिमा को सागर की गहराई में पाया। वह परमेश्वर से बलवा कर के भाग रहा था, और अपने पाप से अभिभूत, वह एक बड़ी मछली के पेट में पहुँच गया। वहाँ से योना ने परमेश्वर को पुकारा: "तू ने मुझे गहिरे सागर में समुद्र की थाह तक डाल दिया...मैं जल से यहां तक घिरा हुआ था कि मेरे प्राण निकले जाते थे" (योना 2:3, 5)। अपनी विकट परिस्थिति के बावजूद योना ने कहा, "जब मैं मूर्छा खाने लगा, तब मैं ने यहोवा को स्मरण किया; और मेरी प्रार्थना तेरे पास वरन तेरे पवित्र मन्दिर में पहुंच गई" (योना 2:7)। परमेश्वर ने योना की प्रार्थना सुनी और उसे मछली के पेट से स्वतंत्र किया।

   यद्यपि हमारे पाप, हमारे तथा परमेश्वर के मध्य दूरी लाते हैं, तो भी अपने जीवन के न्यूनतम स्तर से भी हम परमेश्वर की ओर देख सकते हैं - उसकी पवित्रता, भलाई, और अनुग्रह को, और प्रार्थना में उसे पुकार सकते हैं, और वह सच्चे हृदय से की गई हमारी प्रार्थना को सुनता है। यदि हम सच्चे पश्चाताप के साथ अपने पापों से मन फिराएं, परमेश्वर के समक्ष पापों का अंगीकार कर लें, तो वह हमें क्षमा कर देगा (1 यूहन्ना 1:9)। परमेश्वर तराई से की गई प्रार्थना को भी सुनता है, उसका उत्तर देता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


पाप का अन्धकार परमेश्वर के अनुग्रह की ज्योति को 
और अधिक चमकदार बना देता है।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: योना 2:1-10
Jonah 2:1 तब योना ने उसके पेट में से अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर के कहा, 
Jonah 2:2 मैं ने संकट में पड़े हुए यहोवा की दोहाई दी, और उसने मेरी सुन ली है; अधोलोक के उदर में से मैं चिल्ला उठा, और तू ने मेरी सुन ली। 
Jonah 2:3 तू ने मुझे गहिरे सागर में समुद्र की थाह तक डाल दिया; और मैं धाराओं के बीच में पड़ा था, तेरी भड़काई हुई सब तरंग और लहरें मेरे ऊपर से बह गईं। 
Jonah 2:4 तब मैं ने कहा, मैं तेरे साम्हने से निकाल दिया गया हूं; तौभी तेरे पवित्र मन्दिर की ओर फिर ताकूंगा। 
Jonah 2:5 मैं जल से यहां तक घिरा हुआ था कि मेरे प्राण निकले जाते थे; गहिरा सागर मेरे चारों ओर था, और मेरे सिर में सिवार लिपटा हुआ था। 
Jonah 2:6 मैं पहाड़ों की जड़ तक पहुंच गया था; मैं सदा के लिये भूमि में बन्द हो गया था; तौभी हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने मेरे प्राणों को गड़हे में से उठाया है। 
Jonah 2:7 जब मैं मूर्छा खाने लगा, तब मैं ने यहोवा को स्मरण किया; और मेरी प्रार्थना तेरे पास वरन तेरे पवित्र मन्दिर में पहुंच गई। 
Jonah 2:8 जो लोग धोखे की व्यर्थ वस्तुओं पर मन लगाते हैं, वे अपने करूणानिधान को छोड़ देते हैं। 
Jonah 2:9 परन्तु मैं ऊंचे शब्द से धन्यवाद कर के तुझे बलिदान चढ़ाऊंगा; जो मन्नत मैं ने मानी, उसको पूरी करूंगा। उद्धार यहोवा ही से होता है। 
Jonah 2:10 और यहोवा ने मच्छ को आज्ञा दी, और उसने योना को स्थल पर उगल दिया।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 9-10
  • इफिसियों 3


शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

प्रकाश


   मैंने उन्हें सबसे पहले तब देखा था जब मैं एक कॉलेज विद्यार्थी थी। एक शरद ऋतु की ठंडी संध्या के समय, शहर के प्रकाश से दूर, मैं भूसे से लदी एक गाड़ी पर अपने मित्रों के साथ बैठी, शोर मचाती हुई जा रहा थी कि अचानक ही आकाश प्रकाशमान हो गया और क्षितिज पर रंग चमकने लगे। मैं मंत्रमुग्ध हो गई। उस रात के बाद से मैं इस उत्तरी ध्रूवीय प्रकाश से मोहित रही हूँ। अधिकांशतः यह मेरे निवास स्थान से बहुत उत्तर में ही दिखाई देते हैं, परन्तु कभी-कभी वे थोड़ा सा दक्षिण में भी दिख जाते हैं। उन्हें एक बार देख लेने के पश्चात, मैं उन्हें बारंबार देखने के लिए लालायित रहती हूँ। जब कभी वातावरण की परिस्थितियाँ अनुकूल प्रतीत होती हैं, मैं मेरे समान ही मंत्रमुग्ध अपने मित्रों से कहती हूँ, "शायद आज रात को..."

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रकाश और महिमा को प्रभु के आगमन के वर्णन के साथ जोड़ा गया है। वह समय आ रहा है जब सूर्य और चन्द्रमा की आवश्यकता नहीं रहेगी (यशायाह 60:19)। प्रेरित यूहन्ना ने परमेश्वर के स्वर्गीय सिंहासन पर विराजमान होने के विवरण में लिखा, "और जो उस पर बैठा है, वह यशब और मानिक सा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत सा एक मेघधनुष दिखाई देता है" (प्रकाशितवाक्य 4:3)।

   मरकत सा मेघधनुष उस उत्तरी ध्रुवीय प्रकाश का सटीक वर्णन है। इसलिए मैं जब भी ऊपर आकाश में प्रकाश का महिमामय प्रदर्शन देखती हूँ - चाहे स्वयं, या फिर किसी चित्र अथवा वीडियो में, तो मैं उसे आने वाले प्रकाश और महिमा का पूर्वाभास मानती हूँ, और परमेश्वर की महिमा करती हूँ कि उसका प्रकाश कैसे हमारे अन्धकार को बेध देता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रभु यीशु पाप के अन्धकार से भरे संसार को 
क्षमा और उध्दार का प्रकाश देने आया था।

उठ, प्रकाशमान हो; क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है, और यहोवा का तेज तेरे ऊपर उदय हुआ है। - यशायाह 60:1

बाइबल पाठ: यशायाह 60:19-22
Isaiah 60:19 फिर दिन को सूर्य तेरा उजियाला न होगा, न चान्दनी के लिये चन्द्रमा परन्तु यहोवा तेरे लिये सदा का उजियाला और तेरा परमेश्वर तेरी शोभा ठहरेगा। 
Isaiah 60:20 तेरा सूर्य फिर कभी अस्त न होगा और न तेरे चन्द्रमा की ज्योति मलिन होगी; क्योंकि यहोवा तेरी सदैव की ज्योति होगा और तरे विलाप के दिन समाप्त हो जाएंगे। 
Isaiah 60:21 और तेरे लोग सब के सब धर्मी होंगे; वे सर्वदा देश के अधिकारी रहेंगे, वे मेरे लगाए हुए पौधे और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिस से मेरी महिमा प्रगट हो। 
Isaiah 60:22 छोटे से छोटा एक हजार हो जाएगा और सब से दुर्बल एक सामर्थी जाति बन जाएगा। मैं यहोवा हूं; ठीक समय पर यह सब कुछ शीघ्रता से पूरा करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 7-8
  • इफिसियों 2


गुरुवार, 28 सितंबर 2017

सहायता


   सहायता करने वाले अनेकों धर्मार्थ संस्थान अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लोगों द्वारा दिए गए आर्थिक दान या उन लोगों के लिए अब अनुपयोगी हो गए कपड़ों या घर के काम की चीज़ों के दान किए जाने पर निर्भर रहते हैं। यह अच्छा है कि हम अनुपयोगी वस्तुओं को उनके लिए दे दें जिनके वे काम आ सकती हैं। परन्तु किसी मूल्यवान या उपयोग में आ रही वस्तु को दान करने में हमें हिचकिचाहट होती है, हम उसे देना नहीं चाहते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि जब प्रेरित पौलुस अपने मसीही विश्वास के लिए बन्दीगृह में था, तो उसे निरंतर विश्वासयोग्य साथियों की संगति और उनसे उत्साहवर्धन की आवश्यकता थी। परन्तु फिर भी उसने अपने दो सबसे निकट के और उपयोगी साथियों को फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों की सहायता के लिए भेजा (फिलिप्पियों 2:19-30)। फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में पौलुस ने लिखा, "मुझे प्रभु यीशु में आशा है, कि मैं तीमुथियुस को तुम्हारे पास तुरन्त भेजूंगा, ताकि तुम्हारी दशा सुनकर मुझे शान्‍ति मिले। क्योंकि मेरे पास ऐसे स्‍वाभाव का कोई नहीं, जो शुद्ध मन से तुम्हारी चिन्‍ता करे" (पद 19-20)। और, "पर मैं ने इपफ्रदीतुस को जो मेरा भाई, और सहकर्मी और संगी योद्धा और तुम्हारा दूत, और आवश्यक बातों में मेरी सेवा टहल करने वाला है, तुम्हारे पास भेजना अवश्य समझा" (पद 25)। पौलुस को जिस की सबसे अधिक आवश्यकता थी, उसने उसे ही उनमुक्त भाव से दूसरों की सहायता के लिए दे दिया।

   जिस भी चीज़ को हम अपने जीवनों में "अति आवश्यक" या "बहुमूल्य" समझते हैं, वही हमारे किसी जानकार के लिए भी बहुत लाभकारी या उपयोगी हो सकती है। यह हमारा समय, हमारी मित्रता, हमारा प्रोत्साहन, उनकी बात सुनने के लिए दिया गया समय और ध्यान, या किसी भी अन्य प्रकार की सहायता के लिए बढ़ाया गया हाथ, इत्यादि कुछ भी हो सकता है। जब जो प्रभु ने हमें दिया है, हम उसे दूसरों की सहायता के लिए दे देते हैं, तो हमारे प्रभु परमेश्वर का आदर और महिमा होती है, और हम परमेश्वर से आशीष के पात्र बन जाते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


खुले दिल से देने से परमेश्वर का आदर, दूसरों की सहायता और हमारी भलाई होती है।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - युहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:19-30
Philippians 2:19 मुझे प्रभु यीशु में आशा है, कि मैं तीमुथियुस को तुम्हारे पास तुरन्त भेजूंगा, ताकि तुम्हारी दशा सुनकर मुझे शान्‍ति मिले। 
Philippians 2:20 क्योंकि मेरे पास ऐसे स्‍वाभाव का कोई नहीं, जो शुद्ध मन से तुम्हारी चिन्‍ता करे। 
Philippians 2:21 क्योंकि सब अपने स्‍वार्थ की खोज में रहते हैं, न कि यीशु मसीह की। 
Philippians 2:22 पर उसको तो तुम ने परखा और जान भी लिया है, कि जैसा पुत्र पिता के साथ करता है, वैसा ही उसने सुसमाचार के फैलाने में मेरे साथ परिश्रम किया। 
Philippians 2:23 सो मुझे आशा है, कि ज्योंही मुझे जान पड़ेगा कि मेरी क्या दशा होगी, त्योंही मैं उसे तुरन्त भेज दूंगा। 
Philippians 2:24 और मुझे प्रभु में भरोसा है, कि मैं आप भी शीघ्र आऊंगा। 
Philippians 2:25 पर मैं ने इपफ्रदीतुस को जो मेरा भाई, और सहकर्मी और संगी योद्धा और तुम्हारा दूत, और आवश्यक बातों में मेरी सेवा टहल करने वाला है, तुम्हारे पास भेजना अवश्य समझा। 
Philippians 2:26 क्योंकि उसका मन तुम सब में लगा हुआ था, इस कारण वह व्याकुल रहता था क्योंकि तुम ने उस की बीमारी का हाल सुना था। 
Philippians 2:27 और निश्‍चय वह बीमार तो हो गया था, यहां तक कि मरने पर था, परन्तु परमेश्वर ने उस पर दया की; और केवल उस ही पर नहीं, पर मुझ पर भी, कि मुझे शोक पर शोक न हो। 
Philippians 2:28 इसलिये मैं ने उसे भेजने का और भी यत्‍न किया कि तुम उस से फिर भेंट कर के आनन्‍दित हो जाओ और मेरा भी शोक घट जाए। 
Philippians 2:29 इसलिये तुम प्रभु में उस से बहुत आनन्द के साथ भेंट करना, और ऐसों का आदर किया करना। 
Philippians 2:30 क्योंकि वही मसीह के काम के लिये अपने प्राणों पर जोखिम उठा कर मरने के निकट हो गया था, ताकि जो घटी तुम्हारी ओर से मेरी सेवा में हुई, उसे पूरा करे।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 5-6
  • इफिसियों 1


बुधवार, 27 सितंबर 2017

ध्यान


   वह वर्ष 1780 था, और लंडन में रहने वाले रॉबर्ट रेक्स का मन अपने आस-पास रहने वाले गरीब अनपढ़ बच्चों के लिए कुछ करने को व्याकुल था। उसने देखा था कि उन बच्चों के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा था, इसलिए उसने उनके लिए कुछ करने का बीड़ा उठा लिया। उसने उन बच्चों को पढ़ना सिखाने के लिए इतवार के दिन स्कूल चलाने के लिए कुछ महिलाओं को नियुक्त किया। परमेश्वर के वचन बाइबल को अपनी पाठ्यपुस्तक बनाकर, उन शिक्षिकाओं ने लंडन के सबसे गरीब और अनपढ़ बच्चों को पढ़ना-लिखना सिखाना आरंभ किया, बाइबल की बुध्दिमता से उन बच्चों का परिचय करवाया। शीघ्र ही लगभग 100 बच्चे उन कक्षाओं में आने लगे, और एक सुरक्षित तथा स्वच्छ पर्यावरण में दोपहर का भोजन करने का आनन्द भी लेने लगे।

   ये स्कूल "सन्डे स्कूल" कहलाए जाने लगे, और इनके द्वारा हज़ारों लड़के-लड़कियों के जीवन छूए गए। इंगलैंड ही में, 1831 तक, इन सन्डे स्कूलों में दस लाख बच्चे शिक्षा ले चुके थे - केवल इस कारण क्योंकि एक व्यक्ति ने बाइबल के इस तथ्य को समझा: "धर्मी पुरूष कंगालों के मुकद्दमे [परिस्थिति] में मन लगाता है..." (नीतिवचन 29:7) और उसे व्यावाहरिक रीति से कार्यान्वित किया।

   यह कोई छिपी हुई बात नहीं है कि प्रभु यीशु जीवन के संघर्षों में होकर निकलने वालों की बहुत चिंता करता है। मत्ती के 25वें अध्याय में प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से कहा कि वे भूखों को भोजन, प्यासों को जल, बेघरों को घर, नंगों को वस्त्र उपलब्ध करवा कर तथा बीमारों और बन्दियों की सुधि लेकर, उन्हें आराम दिलवा कर उसके पुनःआगमन की तैयारी करें (पद 35-36)।

   हम जब यह गवाही रखते हैं कि प्रभु यीशु हमारे हृदयों में हैं, और हम उनके लौट कर आने की बाट जोह रहे हैं, तो जिन लोगों का प्रभु परमेश्वर ध्यान रखवाना चाहता है, उसके निर्देषों के अनुसार उनका ध्यान रख कर, अपने प्रभु का आदर और महिमा करें। - डेव ब्रैनन


करुणा सीखने के लिए परमेश्वर के लिए अपने हृदयों को खोलें; 
सहायता करने के लिए अपने हाथों को खोलें।

क्या ही धन्य है वह, जो कंगाल की सुधि रखता है! विपत्ति के दिन यहोवा उसको बचाएगा। यहोवा उसकी रक्षा कर के उसको जीवित रखेगा, और वह पृथ्वी पर भाग्यवान होगा। तू उसको शत्रुओं की इच्छा पर न छोड़। भजन 41:1-2

बाइबल पाठ: मत्ती 25:31-40
Matthew 25:31 जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा, और सब स्वर्ग दूत उसके साथ आएंगे तो वह अपनी महिमा के सिहांसन पर विराजमान होगा। 
Matthew 25:32 और सब जातियां उसके साम्हने इकट्ठी की जाएंगी; और जैसा चरवाहा भेड़ों को बकिरयों से अलग कर देता है, वैसा ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा। 
Matthew 25:33 और वह भेड़ों को अपनी दाहिनी ओर और बकिरयों को बाईं और खड़ी करेगा। 
Matthew 25:34 तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है। 
Matthew 25:35 क्योंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को दिया; मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी पिलाया, मैं परदेशी था, तुम ने मुझे अपने घर में ठहराया। 
Matthew 25:36 मैं नंगा था, तुम ने मुझे कपड़े पहिनाए; मैं बीमार था, तुम ने मेरी सुधि ली, मैं बन्‍दीगृह में था, तुम मुझ से मिलने आए। 
Matthew 25:37 तब धर्मी उसको उत्तर देंगे कि हे प्रभु, हम ने कब तुझे भूखा देखा और खिलाया? या प्यासा देखा, और पिलाया? 
Matthew 25:38 हम ने कब तुझे परदेशी देखा और अपने घर में ठहराया या नंगा देखा, और कपड़े पहिनाए? 
Matthew 25:39 हम ने कब तुझे बीमार या बन्‍दीगृह में देखा और तुझ से मिलने आए? 
Matthew 25:40 तब राजा उन्हें उत्तर देगा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 3-4
  • गलतियों 6


मंगलवार, 26 सितंबर 2017

नई सृष्टि


   मेरे कार्यकारी जीवन के आरंभिक समय में मेरा एक सहकर्मी परमेश्वर के नाम को गाली के साथ प्रयोग करने और व्यर्थ लेने में हर्षित होता था। जो भी मसीही विश्वास में नया होता था, या उससे प्रभु यीशु मसीह के बारे में बात करने का प्रयास करता था, वह व्यक्ति बड़ी क्रूरता से उसका उपहास करता और ताने मारता था। जिस दिन मैंने वहाँ से काम छोड़कर नए स्थान पर नया काम आरंभ किया, तो मुझे स्मरण है कि मैं सोच रहा था कि वह व्यक्ति कभी मसीह यीशु का अनुयायी नहीं बनेगा।

   इसके दो वर्ष पश्चात मैं अपने उस पुराने कार्यस्थल पर गया। वह व्यक्ति अभी भी वहीं था, परन्तु किसी व्यक्ति में इतना नाटकीय परिवर्तन होना मैंने इससे पहले कभी नहीं देखा था। वह व्यक्ति जो मसीही विश्वास का इतना घोर विरोधी था, अब परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस द्वारा कही गई बात, "सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं" (2 कुरिन्थियों 5:17) की जीती-जागती मिसाल बन गया था। और आज, वर्षों के बाद भी, वह अभी भी औरों को बता रहा है कि कैसे मसीह यीशु उससे उसके पाप और सभी बुराइयों के होते हुए भी सप्रेम मिला और उसे बदल दिया।

   मुझे लगता है कि आरंभिक मसीहियों ने भी पौलुस में कुछ ऐसा ही देखा होगा, उनका उग्र सतानेवाला कैसे मसीह यीशु में एक नई सृष्टि बन गया (प्रेरितों 1-22)। जो अपने आप को पापों की क्षमा और उध्दार पाने से परे समझते हैं, उन के लिए मसीह यीशु द्वारा किए गए ये दोनों जीवन परिवर्तन कितनी महान आशा देने वाले और उत्साहित करने वाले हैं।

   प्रभु यीशु ने पौलुस और मेरे उस भूतपूर्व सहकर्मी को, और मुझे भी खोज कर बदल दिया, अपना कर लिया। प्रभु यीशु आज भी उन तक पहुँचने के प्रयास में लगा है जो उसकी पहुँच से दूर रहना चाहते हैं, और वह हमारे सामने एक उदाहरण रखता है कि हम कैसे इस कार्य में उसकी सहायता करें, लोगों को एक नई सृष्टि होने का मार्ग दिखाएं। - रैंडी किलगोर


प्रभु परमेश्वर की पहुँच से परे कोई नहीं है।

यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। - 1 तिमुथियुस 1:15

बाइबल पाठ: प्रेरितों 9:10-22
Acts 9:10 दमिश्क में हनन्याह नाम एक चेला था, उस से प्रभु ने दर्शन में कहा, हे हनन्याह! उसने कहा; हां प्रभु। 
Acts 9:11 तब प्रभु ने उस से कहा, उठ कर उस गली में जा जो सीधी कहलाती है, और यहूदा के घर में शाऊल नाम एक तारसी को पूछ ले; क्योंकि देख, वह प्रार्थना कर रहा है। 
Acts 9:12 और उसने हनन्याह नाम एक पुरूष को भीतर आते, और अपने ऊपर आते देखा है; ताकि फिर से दृष्टि पाए। 
Acts 9:13 हनन्याह ने उत्तर दिया, कि हे प्रभु, मैं ने इस मनुष्य के विषय में बहुतों से सुना है, कि इस ने यरूशलेम में तेरे पवित्र लोगों के साथ बड़ी बड़ी बुराईयां की हैं। 
Acts 9:14 और यहां भी इस को महायाजकों की ओर से अधिकार मिला है, कि जो लोग तेरा नाम लेते हैं, उन सब को बान्‍ध ले। 
Acts 9:15 परन्तु प्रभु ने उस से कहा, कि तू चला जा; क्योंकि यह, तो अन्यजातियों और राजाओं, और इस्त्राएलियों के साम्हने मेरा नाम प्रगट करने के लिये मेरा चुना हुआ पात्र है। 
Acts 9:16 और मैं उसे बताऊंगा, कि मेरे नाम के लिये उसे कैसा कैसा दुख उठाना पड़ेगा।
Acts 9:17 तब हनन्याह उठ कर उस घर में गया, और उस पर अपना हाथ रखकर कहा, हे भाई शाऊल, प्रभु, अर्थात यीशु, जो उस रास्‍ते में, जिस से तू आया तुझे दिखाई दिया था, उसी ने मुझे भेजा है, कि तू फिर दृष्टि पाए और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाए। 
Acts 9:18 और तुरन्त उस की आंखों से छिलके से गिरे, और वह देखने लगा और उठ कर बपतिस्मा लिया; फिर भोजन कर के बल पाया।
Acts 9:19 और वह कई दिन उन चेलों के साथ रहा जो दमिश्क में थे। 
Acts 9:20 और वह तुरन्त आराधनालयों में यीशु का प्रचार करने लगा, कि वह परमेश्वर का पुत्र है। 
Acts 9:21 और सब सुनने वाले चकित हो कर कहने लगे; क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो यरूशलेम में उन्हें जो इस नाम को लेते थे नाश करता था, और यहां भी इसी लिये आया था, कि उन्हें बान्‍ध कर महायाजकों के पास ले आए? 
Acts 9:22 परन्तु शाऊल और भी सामर्थी होता गया, और इस बात का प्रमाण दे देकर कि मसीह यही है, दमिश्क के रहने वाले यहूदियों का मुंह बन्‍द करता रहा।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 1-2
  • गलतियों 5


सोमवार, 25 सितंबर 2017

अनुभव


   मेरे एक मित्र ने मुझे उत्साहवर्धक समाचार सुनाने के लिए रोका, और अगले दस मिनट तक अपने 1 वर्षीय भतीजे का चलने के लिए पहला कदम लेने का वर्णन करता रहा, उसने चलना आरंभ कर दिया! बाद में मुझे एहसास हुआ कि यदि कोई और हमारे वार्तालाप को सुन रहा होता तो उसे यह सब सुनना कैसा विचित्र लगता। अधिकांश लोग चल सकते हैं; इसमें क्या बड़ी बात है?

   मुझे यह भी एहसास हुआ कि बचपन बातों के विशेष होने के ऐसे अवसर प्रदान करता है जो बाद में लगभग लुप्त हो जाते हैं। अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के अनुभव के बारे में सोचते हुए मैं इस बात की और भी अधिक अधिक सराहना कर सका कि परमेश्वर हमारे और उसके बीच के संबंध को समझाने के लिए, बच्चों के साथ हमारे संबंध का सहारा लेता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में नए नियम खण्ड में परमेश्वर कहता है कि हम मसीही विश्वासी उसके पुत्र और पुत्रियाँ हैं, सारे अधिकारों और सुविधाओं सहित उसके वारिस हैं (रोमियों 8:16-17)। परमेश्वर का एकलौता पुत्र, प्रभु यीशु मसीह, संसार में इसलिए आया कि हमें पापों की क्षमा और हमारे उध्दार उपलब्ध करवाने के द्वारा, हमारा परमेश्वर के परिवार में लेपालक संतान हो जाना संभव कर सके।

   मेरा मानना है कि मसिही विश्वास के जीवन में मेरा हर लड़खड़ाता हुआ कदम लेना परमेश्वर की दृष्टि में वैसा ही है जैसे माता-पिता अपने बच्चों को चलना सीखते हुए देखकर आनन्दित होते हैं। संभवतः जब सृष्टि के रहस्य खुलेंगे, तब ही हम बच्चों को बढ़ते हुए देख पाने के अनुभव के महत्व को समझने पाएंगे। हो सकता है कि परमेश्वर ने हमें बच्चों से संबंधित ये अनुभव लेना इसलिए संभव किया है जिससे कि हम हमारे प्रति उसके असीम प्रेम की विशेषता के प्रति संवेदनशील हो सकें। हमारे ये अनुभव उसके अद्भुत प्रेम की भरपूरी की झलक मात्र हैं। - फिलिप यैन्सी


हम परमेश्वर के प्रेम के पात्र हैं।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: रोमियों 8:14-17
Romans 8:14 इसलिये कि जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र हैं। 
Romans 8:15 क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिस से हम हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारते हैं। 
Romans 8:16 आत्मा आप ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है, कि हम परमेश्वर की सन्तान हैं। 
Romans 8:17 और यदि सन्तान हैं, तो वारिस भी, वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जब कि हम उसके साथ दुख उठाएं कि उसके साथ महिमा भी पाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्टगीत 6-8
  • गलतियों 4


रविवार, 24 सितंबर 2017

पाठ


   अमेरिका की तैराक, डारा टॉरेस की 1984 से 2008 तक पाँच ओलंपिक खेलों में प्रगति विलक्षण रही थी। अपने खेल कार्यकाल के अन्त की ओर डारा ने अमेरिका का पचास मीटर की तैराकी का वह कीर्तिमान तोड़ा, जिसे उन्होंने ही पच्चीस वर्ष पूर्व बनाया था। परन्तु उनकी यह यात्रा सदा ही पदक और रिकॉर्ड्स नहीं रही। खिलाड़ी होने के अपने जीवन काल में टॉरेस को अनेकों बाधाओं का भी सामना करना पड़ा, जिनमें चोटें, ऑपरेशन, और अपने से लगभग आधी आयु के खिलाड़ियों के साथ स्पर्धा भी सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा, "बचपन से ही मैं प्रतिदिन, हर बात में विजयी होना चाहती रही थी....मैं यह भी जानती थी कि असफलताओं का भी एक सकारात्मक पहलू है; इससे नए सपनों को बल मिलता है।"

   "असफलताओं का भी एक सकारात्मक पहलू है" जीवन के लिए एक बहुत अच्छा पाठ है। टॉरेस की असफलताओं ने उसे नई ऊँचाईयों को छूने के लिए प्रेरित किया। इसी प्रकार असफलताओं का आत्मिक पहलू भी है। परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने कहा, "हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है" (याकूब 1:2-3)।

   जीवन की कठिनाईयों के प्रति यह दृष्टिकोण रखना सरल तो नहीं है, परन्तु लाभदायक अवश्य है। हमारी परीक्षाएं परमेश्वर के साथ हमारे संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के अवसर होते हैं। उन परीक्षाओं से हमें धैर्य के उन पाठों को सीखना आरंभ करने के अवसर भी मिलते हैं, जो सफलताएं हमें कभी नहीं सिखा सकतीं। असफलताएं और परीक्षाएं ही हमें परमेश्वर पर विश्वास बनाए रख कर उसके समय और विधि की प्रतीक्षा करना सिखाती हैं, और इस सब में दृढ़ बने रहने के लिए हमें आवश्यक सामर्थ्य प्रदान करती हैं।

   इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार हम से इस पाठ के विषय कहता है कि, "यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह" (भजन 27:14)। - बिल क्राउडर


जीवन में असफलताएं हमें परमेश्वर के समय और विधि की प्रतीक्षा करना 
और उस पर सहायता तथा सामर्थ्य के लिए भरोसा बनाए रखना सिखाती हैं।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: भजन 27
Psalms 27:1 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? 
Psalms 27:2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
Psalms 27:3 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा।
Psalms 27:4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं।
Psalms 27:5 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा। 
Psalms 27:6 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊंचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊंगा; और उसका भजन गाऊंगा।
Psalms 27:7 हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूं, तू मुझ पर अनुग्रह कर और मुझे उत्तर दे। 
Psalms 27:8 तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा। 
Psalms 27:9 अपना मुख मुझ से न छिपा। अपने दास को क्रोध कर के न हटा, तू मेरा सहायक बना है। हे मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर मुझे त्याग न दे, और मुझे छोड़ न दे! 
Psalms 27:10 मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा।
Psalms 27:11 हे यहोवा, अपने मार्ग में मेरी अगुवाई कर, और मेरे द्रोहियों के कारण मुझ को चौरस रास्ते पर ले चल। 
Psalms 27:12 मुझ को मेरे सताने वालों की इच्छा पर न छोड़, क्योंकि झूठे साक्षी जो उपद्रव करने की धुन में हैं मेरे विरुद्ध उठे हैं।
Psalms 27:13 यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता। 
Psalms 27:14 यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह!

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्टगीत 4-5
  • गलतियों 3


शनिवार, 23 सितंबर 2017

प्रेम


   मेरी सहेली ने मुझ से कहा, "वह तुम्हारे लिए बिल्कुल सही है"; वह एक ऐसे पुरुष के बारे में बात कर रही थी जिससे वह हाल ही में मिली थी। मेरी सहेली ने उस पुरुष की नम्र आँखों, उदार मुस्कुराहट, और दयालु हृदय का वर्णन किया। जब मैं उस पुरुष से मिली तो उसके विषय मुझे भी अपनी सहेली के साथ सहमत होना पड़ा। आज वह पुरुष मेरा पति है, और इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि मैं उससे बहुत प्रेम करती हूँ।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, श्रेष्ठगीत नामक पुस्तक में, वधु अपने प्रेमी का वर्णन करती है। वह कहती है कि उसका प्रेम दाखमधु से भी श्रेष्ठ, और सुगन्धित द्रव्यों से भी अधिक सुगंधित है। उसका यही निष्कर्ष था कि इसलिए कोई आश्चर्य नहीं कि उससे प्रेम किया जाता है।

   परन्तु एक है जो किसी भी सांसारिक प्रिय जन से कहीं अधिक बढ़कर है; जिसका प्रेम भी दाखमधु से कहीं अधिक बढ़कर है। उसका प्रेम हमारी प्रत्येक आवश्यकता की तृप्ति करता है। उसकी सुगंध किसी भी सुगंधित द्रव्य से कहीं अधिक बेहतर है क्योंकि जब उसने अपने आप को हमारे लिए बलिदान किया, तो उसका यह बलिदान परमेश्वर के लिए एक मीठी सुगन्ध बन गया (इफिसियों 5:2)। और अन्ततः, उसका नाम सब नामों से श्रेष्ठ है: "इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है" (फिलिप्पियों 2:9)। इसलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि संसार भर में उससे प्रेम किया जाता है, और हम भी उससे प्रेम करते हैं।

   प्रभु यीशु से प्रेम कर पाना एक सौभाग्य है; यह जीवन का सर्वोत्तम अनुभव है! लेकिन क्या हम यह बात प्रभु यीशु से कहने के लिए समय निकालते हैं? क्या हम अपने शब्दों से प्रभु यीशु की सुन्दरता का बखान करते हैं? यदि हमारे जीवन, हमारे प्रभु की सुन्दरता और गुणों का बखान करें, तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा कि लोग कहेंगे, इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि आप उससे प्रेम करते हैं। - कीला ओकोआ


परमेश्वर का वचन हमारे प्रति उसके प्रेम को बताता है; 
हमारे शब्द उसके प्रति हमारे प्रेम को बताते हैं।

और प्रेम में चलो; जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया; और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्‍ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट कर के बलिदान कर दिया। - इफिसियों 5:2

बाइबल पाठ: श्रेष्ठगीत 1:1-4
Song of Solomon 1:1 श्रेष्टगीत जो सुलैमान का है।
Song of Solomon 1:2 वह अपने मुंह के चुम्बनों से मुझे चूमे! क्योंकि तेरा प्रेम दाखमधु से उत्तम है, 
Song of Solomon 1:3 तेरे भांति भांति के इत्रों का सुगन्ध उत्तम है, तेरा नाम उंडेले हुए इत्र के तुल्य है; इसीलिये कुमारियां तुझ से प्रेम रखती हैं 
Song of Solomon 1:4 मुझे खींच ले; हम तेरे पीछे दौड़ेंगे राजा मुझे अपने महल में ले आया है। हम तुझ में मगन और आनन्दित होंगे; हम दाखमधु से अधिक तेरे प्रेम की चर्चा करेंगे; वे ठीक ही तुझ से प्रेम रखती हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्टगीत 1-3
  • गलतियों 2


शुक्रवार, 22 सितंबर 2017

पाठ


   मैं झील के शान्त पानी में, एक हरी घास के झुरमुट के निकट मछली पकड़ रहा था। मैंने देखा कि एक बड़ी सी मछली, घास के उस झुरमुट में से निकलकर आई और निरीक्षण करने लगी। मेरी बंसी की डोर के अन्त में लगे चारे की ओर उसने ध्यान से देखा, फिर वापस घास के उस झुरमुट में चली गई। उसने ऐसा कई बार तब तक किया जब तक उसे चारे में लगा काँटा नहीं दिख गया। काँटा देखते ही वह तुरंत मुड़ी, और अपनी दुम झटक कर वापस घास के झुरमुट में जाकर छिप गई, और फिर बाहर नहीं निकली।

   शैतान भी इसी प्रकार हमारे सामने, मछली पकड़ने के डोरी और काँटे के समान, प्रलोभन लटकाता है। चारे के समान वह आकर्षक प्रतीत होता है; लगता है कि उससे तृप्ति मिलेगी, परन्तु वह सारा प्रयोजन हमें फंसाने के लिए होता है। लेकिन उस डोरी और काँटे के समान, शैतान के प्रलोभन के वश की भी सीमा है - वह हमें डोरी के अन्त में लगा चारा और उसमें छिपा काँटा दिखा तो सकता है, परन्तु उसे खा लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। उसकी सामर्थ्य का, हमारी इच्छा-शक्ति, हमारी निर्णय लेने के बिन्दु पर आकर अन्त हो जाता है। जब परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमें सचेत करे और हम प्रलोभन को स्वीकार करने से इन्कार कर दें, तो शैतान इससे आगे और कुछ नहीं कर सकता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब लिखता है कि जब हम शैतान का सामना करते हैं तो वह हमारे पास से भाग जाता है (याकूब 4:7)।

   हम मसीही विश्वासी प्रेरित पतरस के शब्दों से, जिसने स्वयं भी बहुत बड़ी परीक्षा का सामना किया था (मत्ती 26:33-35), बहुत सांत्वना पा सकते हैं। पतरस ने लिखा, "सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह के समान इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए। विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका साम्हना करो..." (1 पतरस 5:8-9)। जिस प्रकार उस बड़ी मछली ने मेरी डोरी और काँटे की उपेक्षा की, परमेश्वर की सहायता और सामर्थ्य से हम भी शैतान के बड़े से बड़े प्रलोभन का सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं। - डेव एग्नर


शैतान के झूठ का परमेश्वर के वचन के सत्य से सामना करें।

इसलिये परमेश्वर के आधीन हो जाओ; और शैतान का साम्हना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा। - याकूब 4:7

बाइबल पाठ: 1 पतरस 5:1-9
1 Peter 5:1 तुम में जो प्राचीन हैं, मैं उन के समान प्राचीन और मसीह के दुखों का गवाह और प्रगट होने वाली महिमा में सहभागी हो कर उन्हें यह समझाता हूं। 
1 Peter 5:2 कि परमेश्वर के उस झुंड की, जो तुम्हारे बीच में हैं रखवाली करो; और यह दबाव से नहीं, परन्तु परमेश्वर की इच्छा के अनुसार आनन्द से, और नीच-कमाई के लिये नहीं, पर मन लगा कर। 
1 Peter 5:3 और जो लोग तुम्हें सौंपे गए हैं, उन पर अधिकार न जताओ, वरन झुंड के लिये आदर्श बनो। 
1 Peter 5:4 और जब प्रधान रखवाला प्रगट होगा, तो तुम्हें महिमा का मुकुट दिया जाएगा, जो मुरझाने का नहीं। 
1 Peter 5:5 हे नवयुवकों, तुम भी प्राचीनों के आधीन रहो, वरन तुम सब के सब एक दूसरे की सेवा के लिये दीनता से कमर बान्‍धे रहो, क्योंकि परमेश्वर अभिमानियों का साम्हना करता है, परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है। 
1 Peter 5:6 इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। 
1 Peter 5:7 और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। 
1 Peter 5:8 सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह के समान इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए। 
1 Peter 5:9 विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 10-12
  • गलतियों 1



गुरुवार, 21 सितंबर 2017

स्मरण


   जिस छोटे दफ्तर को किराए पर लेकर मैं अब कार्य कर रही हूँ, वहाँ केवल कुछ मक्खियाँ ही रहा करती थीं; और उन में से अनेक मर चुकी थीं। वे मरी हुई मक्खियाँ चारों ओर, फर्श पर और खिड़कियों की दहलीज़ पर बिखरी पड़ी थीं। काम आरंभ करने से पहले मैंने वहाँ की सफाई करते हुए उन सभी मरी हुई मक्खियों को भी हटा दिया, सिवाए एक के। उस एक मक्खी को मैंने अपने सामने स्पष्ट दिखाई देने वाले स्थान पर रख दिया। वह मरी हुई मक्खी मुझे स्मरण दिलाती है कि मैं प्रत्येक दिन को भली-भांति व्यतीत करूँ। जीवन को स्मरण दिलाने के लिए मृत्यु एक बहुत अच्छा साधन है, और जीवन परमेश्वर से मिला उपहार है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा सुलेमान ने अपनी सभोपदेशक नामक पुस्तक में लिखा, "जो सब जीवतों में है, उसे आशा है" (सभोपदेशक 9:4)। पृथ्वी पर हमारा जीवन हमें अपने आस-पास के संसार को प्रभावित करने और उसका आनन्द लेने का अवसर देता है। हम अच्छे से खा-पी सकते हैं, अपने संबंधों का आनन्द उठा सकते हैं (पद 7, 9)। हम अपने कार्य से भी आनन्द ले सकते हैं। सुलेमान ने यह भी लिखा, "जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहां तू जाने वाला है, न काम न युक्ति न ज्ञान और न बुध्दि है" (पद 10)। जीवन में हमारा जो भी कार्य या जीविका का साधन हो, हम उसमें प्रभावी हो सकते हैं, और उन सभी कार्यों को अच्छे से कर सकते हैं। हम लोगों को प्रोत्साहित कर सकते हैं, प्रार्थना कर सकते हैं, लोगों के प्रति निष्ठा और प्रेम प्रगट कर सकते हैं।

   सभोपदेशक का लेखक लिखता है, "...वे सब समय और संयोग के वश में हैं। क्योंकि मनुष्य अपना समय नहीं जानता।" (पद 11-12)। हमारे लिए यह जानना कि पृथ्वी पर हमारा जीवन कब समाप्त होगा असंभव है, परन्तु परमेश्वर की सामर्थ्य और प्रभु यीशु द्वारा अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा में होकर जीवन में आज आनन्द और उद्देश्य पाना, और भरपूरी का जीवन जीना संभव है, जैसा कि प्रभु यीशु ने कहा: "...मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं" (यूहन्ना 10:10)। हम अपने जीवन की अनिश्चितता को स्मरण रखते हुए, जो जीवन मिला है उसे प्रभु यीशु में होकर भरपूरी से जीएं। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


आज का यह दिन परमेश्वर का उपहार है। इसमें आनन्दित हों, इसे भरपूरी से जीएं।

हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुध्दिमान हो जाएं। - भजन 90:12

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 9:4-12
Ecclesiastes 9:4 उसको परन्तु जो सब जीवतों में है, उसे आशा है, क्योंकि जीवता कुत्ता मरे हुए सिंह से बढ़कर है। 
Ecclesiastes 9:5 क्योंकि जीवते तो इतना जानते हैं कि वे मरेंगे, परन्तु मरे हुए कुछ भी नहीं जानते, और न उन को कुछ और बदला मिल सकता है, क्योंकि उनका स्मरण मिट गया है। 
Ecclesiastes 9:6 उनका प्रेम और उनका बैर और उनकी डाह नाश हो चुकी, और अब जो कुछ सूर्य के नीचे किया जाता है उस में सदा के लिये उनका और कोई भाग न होगा।
Ecclesiastes 9:7 अपने मार्ग पर चला जा, अपनी रोटी आनन्द से खाया कर, और मन में सुख मान कर अपना दाखमधु पिया कर; क्योंकि परमेश्वर तेरे कामों से प्रसन्न हो चुका है।
Ecclesiastes 9:8 तेरे वस्त्र सदा उजले रहें, और तेरे सिर पर तेल की घटी न हो।
Ecclesiastes 9:9 अपने व्यर्थ जीवन के सारे दिन जो उसने सूर्य के नीचे तेरे लिये ठहराए हैं अपनी प्यारी पत्नी के संग में बिताना, क्योंकि तेरे जीवन और तेरे परिश्रम में जो तू सूर्य के नीचे करता है तेरा यही भाग है। 
Ecclesiastes 9:10 जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहां तू जाने वाला है, न काम न युक्ति न ज्ञान और न बुद्धि है।
Ecclesiastes 9:11 फिर मैं ने धरती पर देखा कि न तो दौड़ में वेग दौड़ने वाले और न युध्द में शूरवीर जीतते; न बुध्दिमान लोग रोटी पाते न समझ वाले धन, और न प्रवीणों पर अनुग्रह होता है, वे सब समय और संयोग के वश में हैं। 
Ecclesiastes 9:12 क्योंकि मनुष्य अपना समय नहीं जानता। जैसे मछलियां दुखदाई जाल में बझतीं और चिड़ियें फन्दे में फंसती हैं, वैसे ही मनुष्य दुखदाई समय में जो उन पर अचानक आ पड़ता है, फंस जाते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 7-9
  • 2 कुरिन्थियों 13


बुधवार, 20 सितंबर 2017

हाथों में


   मैं अस्पताल में ऑपरेशन के स्थान के प्रतीक्षालय में बैठा हुआ था; मेरे पास विचार करने के लिए समय था। कुछ समय पहले भी मैं यहीं पर था, और तब हमें हिला देने वाला समाचार दिया गया था, मेरा एकलौता भाई, जो मुझ से बहुत छोटा था, उसके मस्तिष्क ने काम करना बन्द कर दिया था। आज मैं यहाँ अपनी पत्नि के लिए बैठा हुआ था जिसे एक गंभीर ऑपरेशन से होकर निकलना पड़ रहा था, और मैं उसके परिणाम को सुनने के लिए वहाँ प्रतीक्षा में था, परमेश्वर की शान्त वाणी को सुन रहा था।

   अचानक ही समाचार आया; ऑपरेशन करने वाला सर्जन मुझ से मिलना चाहता था। मैं मिलने के उस एकान्त कमरे में गया। वहाँ मेज़ पर टिशू के दो डिब्बे रखे हुए थे। वे केवल बहती नाक पोंछने के लिए नहीं रखे गए थे, वरन उन कठोर भयावह वाक्यांशों के लिए रखे गए थे, जैसे कि मुझे तब सुनने पड़े थे जब मेरे भाई की मृत्यु हुई थी - "मस्तिष्क मर गया है", "हम कुछ नहीं कर सकते हैं।"

   दुःख और अनिश्चितता के ऐसे समयों में, परमेश्वर का वचन बाइबल दिलासा का अनुपम स्त्रोत है, विशेषकर उसमें भजन संहिता नामक खण्ड। ऐसी स्थिति में खराई से लिखे गए उन भजनों की ओर मुड़ना स्वाभाविक है। ऐसा ही एक भजन है, भजन 31, जो दाऊद द्वारा घोर दुःख के समय में लिखा गया है। दाऊद लिखता है, "मेरा जीवन शोक के मारे और मेरी अवस्था कराहते कराहते घट चली है" (पद 10); उसके इस दुःख को और अधिक बढ़ा देने वाली बात थी कि उसके मित्रों और पड़ौसियों ने उसे छोड़ दिया था (पद 11)।

   परन्तु दाऊद का दृढ़ भरोसा उस सच्चे और जीवते परमेश्वर पर था, जिसके हाथों में उसने अपने आप को छोड़ दिया था: "परन्तु हे यहोवा मैं ने तो तुझी पर भरोसा रखा है, मैं ने कहा, तू मेरा परमेश्वर है। मेरे दिन तेरे हाथ में है;" (पद 14-15)। इस कारण दुःखों का उसका विलाप, एक उत्साह और आशा की पुकार के साथ समाप्त होता है: "हे यहोवा पर आशा रखने वालों हियाव बान्धो और तुम्हारे हृदय दृढ़ रहें!" (भजन 31:24)।

   अब की बार, उस प्रतीक्षालय में सर्जन ने हमें अच्छा समाचार दिया: मेरी पत्नि के पूर्णतः ठीक होने की संभावना थी। परन्तु चाहे यह समाचार न भी आता, फिर भी हम जानते और मानते हैं कि हमारा समस्त समय परमेश्वर के सबल हाथों में सर्वदा सुरक्षित है। - टिम गुस्टाफसन


जब हम अपनी समस्याएं परमेश्वर के हाथों में डाल देते हैं, 
तब वह अपनी शान्ति हमारे हृदयों में डाल देता है।

अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे संभालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा। - भजन 55:22 

बाइबल पाठ: भजन 31:9-18
Psalms 31:9 हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर क्योंकि मैं संकट में हूं; मेरी आंखे वरन मेरा प्राण और शरीर सब शोक के मारे घुले जाते हैं। 
Psalms 31:10 मेरा जीवन शोक के मारे और मेरी अवस्था कराहते कराहते घट चली है; मेरा बल मेरे अधर्म के कारण जाता रह, और मेरी हडि्डयां घुल गई।
Psalms 31:11 अपने सब विरोधियों के कारण मेरे पड़ोसियों में मेरी नामधराई हुई है, अपने जान पहिचान वालों के लिये डर का कारण हूं; जो मुझ को सड़क पर देखते है वह मुझ से दूर भाग जाते हैं। 
Psalms 31:12 मैं मृतक के समान लोगों के मन से बिसर गया; मैं टूटे बर्तन के समान हो गया हूं। 
Psalms 31:13 मैं ने बहुतों के मुंह से अपना अपवाद सुना, चारों ओर भय ही भय है! जब उन्होंने मेरे विरुद्ध आपस में सम्मति की तब मेरे प्राण लेने की युक्ति की।
Psalms 31:14 परन्तु हे यहोवा मैं ने तो तुझी पर भरोसा रखा है, मैं ने कहा, तू मेरा परमेश्वर है। 
Psalms 31:15 मेरे दिन तेरे हाथ में है; तू मुझे मेरे शत्रुओं और मेरे सताने वालों के हाथ से छुड़ा। 
Psalms 31:16 अपने दास पर अपने मुंह का प्रकाश चमका; अपनी करूणा से मेरा उद्धार कर।
Psalms 31:17 हे यहोवा, मुझे लज्जित न होने दे क्योंकि मैं ने तुझ को पुकारा है; दुष्ट लज्जित हों और वे पाताल में चुपचाप पड़े रहें। 
Psalms 31:18 जो अंहकार और अपमान से धर्मी की निन्दा करते हैं, उनके झूठ बोलने वाले मुंह बन्द किए जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 4-6
  • 2 कुरिन्थियों 12


मंगलवार, 19 सितंबर 2017

क्लेष


   उस विशाल पर्दे पर निकट से लिया गया चित्र बड़ा तथा स्पष्ट था, इसलिए हम उस मनुष्य के शरीर के गहरे घावों को देख पा रहे थे। एक सैनिक उसे पीट रहा था, जबकि वहाँ खड़ी क्रुध्द भीड़ उस का उपहास कर रही थी; उस मनुष्य का चेहरा खून से लथपथ था। वह दृश्य इतना सजीव प्रतीत हो रहा था कि मैं उस खुले सिनेमा स्थान की शान्ति में बैठा, ऐसे मूँह बना रहा और कसमसा रहा था कि मानो वह यातना मुझे ही दी जा रही थी। परन्तु यह तो केवल एक फिल्म थी जिसमें हम मनुष्यों के लिए प्रभु यीशु द्वारा सही गई यातना और उठाए गए क्लेष का एक सजीव चित्रण किया गया था।

   प्रभु यीशु मसीह द्वारा हमारे लिए उठाए गए दुःखों को स्मरण करवाते हुए, परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस ने लिखा, "और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुःख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो" (1 पतरस 2:21)। जबकि क्लेष विभिन्न प्रकार और तीव्रता में आते हैं, वे अनपेक्षित नहीं हैं। हो सकता है कि हमारे दुःख उतने तीव्र न हों जैसे पौलुस ने सहे थे, जिसने प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास रखने के लिए बेंतों से पीटा जाना, पत्थरवाह किया जाना, और जलयान के टूट जाने के कारण समुद्र में जान का जोखिम उठाना पड़ा। उसे डाकुओं ने घेरा, तथा उसने भूख और प्यास भी सही (2 कुरिन्थियों 11:24-27)। इसी प्रकार संभव है कि हमें वैसे क्लेष भी न उठाने पड़ें जैसे कि उन देशों में लोग उठाते हैं जहाँ मसीही विश्वास स्वीकार्य नहीं है।

   परन्तु हम मसीही विश्वासियों के लिए किसी न किसी रूप में क्लेष आएंगे; चाहे हमें अपना इन्कार करना पड़े, उत्पीड़न सहना पड़े, अपमान सहना पड़े, या ऐसे कार्यों को करने से इन्कार करना पड़े जो प्रभु यीशु को आदर नहीं देते हैं। जब हम इन और ऐसी अनेकों परिस्थितियों में धैर्य दिखाते हैं, अपना बदला नहीं लेते हैं, दूसरों को क्षमा कर देते हैं, अपने भरसक औरों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का प्रयास करते हैं, तब हम प्रभु यीशु का अनुसरण कर रहे होते हैं।

   हमें जब भी क्लेषों का सामना करना पड़े, तो कोई भी प्रतिक्रीया देने से पूर्व हम थोड़ा थम कर विचार कर लें कि प्रभु यीशु ने हमारे लिए क्या कुछ और कैसे सहा। वह अपने सताने वालों के साथ क्या कुछ कर सकता था, परन्तु उसने उनके लिए क्या कुछ कर के दे दिया। हमारे क्लेष हमें हमारे प्रभु की समानता में ढालने का माध्यम हैं। - लॉरेंस दरमानी


दुःख की पाठशाला में हम वो पाठ सीखते हैं 
जिन्हें हम अन्य किसी पाठशाला में कभी नहीं सीख सकते हैं।

बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्ता किया करो। जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। - रोमियों 12:17-19

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 11:22-30
2 Corinthians 11:22 क्या वे ही इब्रानी हैं? मैं भी हूं: क्या वे ही इस्त्राएली हैं? मैं भी हूँ: क्या वे ही इब्राहीम के वंश के हैं? मैं भी हूं: क्या वे ही मसीह के सेवक हैं? 
2 Corinthians 11:23 (मैं पागल के समान कहता हूं) मैं उन से बढ़कर हूं! अधिक परिश्रम करने में; बार बार कैद होने में; कोड़े खाने में; बार बार मृत्यु के जोखिमों में। 
2 Corinthians 11:24 पांच बार मैं ने यहूदियों के हाथ से उन्‍तालीस उन्‍तालीस कोड़े खाए। 
2 Corinthians 11:25 तीन बार मैं ने बेंतें खाई; एक बार पत्थरवाह किया गया; तीन बार जहाज जिन पर मैं चढ़ा था, टूट गए; एक रात दिन मैं ने समुद्र में काटा। 
2 Corinthians 11:26 मैं बार बार यात्राओं में; नदियों के जोखिमों में; डाकुओं के जोखिमों में; अपने जाति वालों से जोखिमों में; अन्यजातियों से जोखिमों में; नगरों में के जाखिमों में; जंगल के जोखिमों में; समुद्र के जोखिमों में; झूठे भाइयों के बीच जोखिमों में; 
2 Corinthians 11:27 परिश्रम और कष्‍ट में; बार बार जागते रहने में; भूख-प्यास में; बार बार उपवास करने में; जाड़े में; उघाड़े रहने में। 
2 Corinthians 11:28 और और बातों को छोड़कर जिन का वर्णन मैं नहीं करता सब कलीसियाओं की चिन्‍ता प्रति दिन मुझे दबाती है। 
2 Corinthians 11:29 किस की निर्बलता से मैं निर्बल नहीं होता? किस के ठोकर खाने से मेरा जी नहीं दुखता? 
2 Corinthians 11:30 यदि घमण्ड करना अवश्य है, तो मैं अपनी निर्बलता की बातों पर करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 1-3
  • 2 कुरिन्थियों 11:16-33


सोमवार, 18 सितंबर 2017

दृढ़ मित्र


   मेरे एक मित्र ने मुझे कुछ ऐसे लोगों के समूह के विषय में बताया जो मसीह में व्यक्तिगत विश्वास के दृढ़ बंधन से परस्पर बंधे हुए थे। उन में से एक 93 वर्षीय महिला का कहना था, "मुझे लगता है कि मैं आप में से किसी को भी, आवश्यकता पड़ने पर, रात के दो बजे भी बुला सकती हूँ, और आपकी इस सहायता के लिए मुझे क्षमा-प्रार्थी भी नहीं होना पड़ेगा।" आवश्यकता चाहे प्रार्थना के लिए हो या फिर किसी व्यावाहरिक विषय के लिए, या आवश्यकता के समय किसी के साथ होने के लिए, ये मित्र एक दूसरे के प्रति बिना किसी शर्त के समर्पित हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, पौलुस द्वारा कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को लिखी पत्री में भी ऐसा ही समर्पण दिखाई देता है। पौलुस ने यह पत्री रोम से लिखी थी, जहाँ वह अपने मसीही विश्वास के कारण बन्दीगृह में पड़ा हुआ था। वहाँ से पौलुस ने कुलुस्से के विश्वासियों को लिखा कि वह उनके प्रोत्साहन के लिए तुखिकुस और उनेसिमुस को भेज रहा है (कुलुस्सियों 4:7-9)। साथ ही उसने लिखा कि अरिस्तर्खुस, मरकुस, और यूस्तुस उन्हें अपना अभिनन्दन और शुभकामनाएं भेज रहे हैं (पद 10-11)। फिर पौलुस ने उन्हें इपफ्रास के विषय में लिखा कि वह, "...सदा तुम्हारे लिये प्रार्थनाओं में प्रयत्न करता है, ताकि तुम सिद्ध हो कर पूर्ण विश्वास के साथ परमेश्वर की इच्छा पर स्थिर रहो" (पद 12)। ये सभी व्यावाहरिक सहायता और गहरे प्रेम के दृढ़ आश्वासन हैं।

   क्या आप भी किसी के दृढ़ मित्र, या किसी ऐसे मित्र समूह का अंग हैं? यदि हाँ, तो परमेश्वर का धन्यवाद करें आपको ऐसे मित्रों के साथ मिला कर रखने के लिए। यदि नहीं, तो परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह आपको किसी अन्य ऐसे जन के साथ संपर्क में लाए जिसके साथ आप प्रार्थना तथा सहायता करने के लिए समर्पित रह सकें। मेरा मानना है कि शीघ्र ही आप के साथ ऐसे और भी लोग जुड़ते चले जाएंगे। एक दूसरे के साथ मसीह के प्रेम को बाँटें, अपना कुछ भी, कभी भी, कहीं भी प्रभु यीशु के नाम में बाँटने के लिए समर्पित बने रहें। - डेविड मैक्कैसलैंड


इससे बड़ा प्रेम कोई और नहीं है कि 
कोई अपने मित्रों के लिए अपने प्राण दे। - प्रभु यीशु

हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए। - 1 यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 4:1-15
Colossians 4:1 हे स्‍वामियों, अपने अपने दासों के साथ न्याय और ठीक ठीक व्यवहार करो, यह समझकर कि स्वर्ग में तुम्हारा भी एक स्‍वामी है।
Colossians 4:2 प्रार्थना में लगे रहो, और धन्यवाद के साथ उस में जागृत रहो। 
Colossians 4:3 और इस के साथ ही साथ हमारे लिये भी प्रार्थना करते रहो, कि परमेश्वर हमारे लिये वचन सुनाने का ऐसा द्वार खोल दे, कि हम मसीह के उस भेद का वर्णन कर सकें जिस के कारण मैं कैद में हूं। 
Colossians 4:4 और उसे ऐसा प्रगट करूं, जैसा मुझे करना उचित है। 
Colossians 4:5 अवसर को बहुमूल्य समझ कर बाहर वालों के साथ बुद्धिमानी से बर्ताव करो। 
Colossians 4:6 तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सलोना हो, कि तुम्हें हर मनुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए। 
Colossians 4:7 प्रिय भाई और विश्वासयोग्य सेवक, तुखिकुस जो प्रभु में मेरा सहकर्मी है, मेरी सब बातें तुम्हें बता देगा। 
Colossians 4:8 उसे मैं ने इसलिये तुम्हारे पास भेजा है, कि तुम्हें हमारी दशा मालूम हो जाए और वह तुम्हारे हृदयों को शान्‍ति दे। 
Colossians 4:9 और उसके साथ उनेसिमुस को भी भेजा है जो विश्वास योग्य और प्रिय भाई और तुम ही में से है, ये तुम्हें यहां की सारी बातें बता देंगे।
Colossians 4:10 अरिस्‍तर्खुस जो मेरे साथ कैदी है, और मरकुस जो बरनबा का भाई लगता है। (जिस के विषय में तुम ने आज्ञा पाई थी कि यदि वह तुम्हारे पास आए, तो उस से अच्छी तरह व्यवहार करना।) 
Colossians 4:11 और यीशु जो यूस्‍तुस कहलाता है, तुम्हें नमस्‍कार कहते हैं। खतना किए हुए लोगों में से केवल ये ही परमेश्वर के राज्य के लिये मेरे सहकर्मी और मेरी शान्‍ति का कारण रहे हैं। 
Colossians 4:12 इपफ्रास जो तुम में से है, और मसीह यीशु का दास है, तुम से नमस्‍कार कहता है और सदा तुम्हारे लिये प्रार्थनाओं में प्रयत्न करता है, ताकि तुम सिद्ध हो कर पूर्ण विश्वास के साथ परमेश्वर की इच्छा पर स्थिर रहो। 
Colossians 4:13 मैं उसका गवाह हूं, कि वह तुम्हारे लिये और लौदीकिया और हियरापुलिस वालों के लिये बड़ा यत्‍न करता रहता है। 
Colossians 4:14 प्रिय वैद्य लूका और देमास का तुम्हें नमस्‍कार। 
Colossians 4:15 लौदीकिया के भाइयों को और तुमफास और उन के घर की कलीसिया को नमस्‍कार कहना।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 30-31
  • 2 कुरिन्थियों 11:1-15


रविवार, 17 सितंबर 2017

परिप्रेक्ष्य


   ऐसा क्यों होता है कि नशे में धुत वाहन चालक दुर्घटना होने पर बिना किसी गंभीर चोट के बच जाता है, जबकि बिना कोई नशा किए हुए उस दुर्घटना का शिकार होने वाला व्यक्ति गंभीर चोटों के साथ जान बचाने के संघर्ष में चला जाता है? क्यों बुरे लोग फलते-फूलते हैं, जबकि भले लोग दुःख उठाते हैं? आपके साथ ऐसा कितनी बार हुआ है कि आप अपने जीवन में हो रही बातों को लेकर उलझनों में पड़ जाते हैं, और पुकार कर परमेश्वर से पूछते हैं, ""क्या परमेश्वर चिंता नहीं करता है?"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि परमेश्वर का एक भविष्यद्वक्ता हबक्कूक, इसी प्रश्न से जूझ रहा था, क्योंकि वह अपने चारों ओर परमेश्वर के लोगों, यहूदा, में व्याप्त दुराचार और अन्याय को लेकर परेशान था (हबक्कूक 1:1-4)। उसकी इस उलझन ने उसे बाध्य किया कि वह परमेश्वर से पूछे कि परमेश्वर इस परिस्थिति को कब सुधारेगा? परन्तु परमेश्वर का उत्तर भी कम उलझन उत्पन्न करने वाला नहीं था।

   परमेश्वर ने कहा कि वह यहूदा को सुधारने के लिए कसदियों का उपयोग करेगा। हबक्कूक के लिए यह असमंजस की बात थी क्योंकि कसदी अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते थे (पद 7)। वे हिंसक प्रवृत्ति के थे (पद 9), और वे न तो किसी मानवीय अधिकार को और न ही परमेश्वर को, वरन केवल अपनी सैन्य सामर्थ्य को मानते थे (पद 10-11)।

   जब भी ऐसे पल आएं जब हम परमेश्वर के मार्गों को समझ नहीं पाएं, तब हमें उसके भले, सिध्द और अपरिवर्तनीय चरित्र पर भरोसा बनाए रखना चाहिए। हबक्कूक ने भी यही किया; उसने विश्वास किया कि परमेश्वर न्याय, करुणा और सत्य का परमेश्वर है: "तेरे सिंहासन का मूल, धर्म और न्याय है; करूणा और सच्चाई तेरे आगे आगे चलती है" (भजन 89:14)। ऐसा करने से वह अपनी परिस्थितियों को एक नए परिप्रेक्ष्य से देख सका। उसने परमेश्वर के चरित्र को अपनी परिस्थितियों में होकर समझने के स्थान पर, परिस्थितियों को परमेश्वर के चरित्र में होकर समझना सीखा। ऐसा करने पर वह इस निषकर्ष पर पहुँचा कि, "यहोवा परमेश्वर मेरा बलमूल है, वह मेरे पांव हरिणों के समान बना देता है, वह मुझ को मेरे ऊंचे स्थानों पर चलाता है" (हबक्कूक 3:19)। - पो फैंग चिया


परमेश्वर के परिप्रेक्ष्य से हमें हमारी परिस्थितियाँ बहुत भिन्न दिखाई देंगी।

क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अन्तर है। - यशायाह 55:8-9

बाइबल पाठ: हबक्कूक 1:1-11
Habakkuk 1:1 भारी वचन जिस को हबक्कूक नबी ने दर्शन में पाया।
Habakkuk 1:2 हे यहोवा मैं कब तक तेरी दोहाई देता रहूंगा, और तू न सुनेगा? मैं कब तक तेरे सम्मुख “उपद्रव”, “उपद्रव” चिल्लाता रहूंगा? क्या तू उद्धार नहीं करेगा? 
Habakkuk 1:3 तू मुझे अनर्थ काम क्यों दिखाता है? और क्या कारण है कि तू उत्पात को देखता ही रहता है? मेरे साम्हने लूट-पाट और उपद्रव होते रहते हैं; और झगड़ा हुआ करता है और वादविवाद बढ़ता जाता है। 
Habakkuk 1:4 इसलिये व्यवस्था ढीली हो गई और न्याय कभी नहीं प्रगट होता। दुष्ट लोग धर्मी को घेर लेते हैं; सो न्याय का खून हो रहा है।
Habakkuk 1:5 अन्यजातियों की ओर चित्त लगा कर देखो, और बहुत ही चकित हो। क्योंकि मैं तुम्हारे ही दिनों में ऐसा काम करने पर हूं कि जब वह तुम को बताया जाए तो तुम उसकी प्रतीति न करोगे। 
Habakkuk 1:6 देखो, मैं कसदियों को उभारने पर हूं, वे क्रूर और उतावली करने वाली जाति हैं, जो पराए वासस्थानों के अधिकारी होने के लिये पृथ्वी भर में फैल गए हैं। 
Habakkuk 1:7 वे भयानक और डरावने हैं, वे आप ही अपने न्याय की बड़ाई और प्रशंसा का कारण हैं। 
Habakkuk 1:8 उनके घोड़े, चीतों से भी अधिक वेग चलने वाले हैं, और सांझ को आहेर करने वाले हुंडारों से भी अधिक क्रूर हैं; उनके सवार दूर दूर कूदते-फांदते आते हैं। हां, वे दूर से चले आते हैं; और आहेर पर झपटने वाले उकाब के समान झपट्टा मारते हैं। 
Habakkuk 1:9 वे सब के सब उपद्रव करने के लिये आते हैं; साम्हने की ओर मुख किए हुए वे सीधे बढ़े चले जाते हैं, और बंधुओं को बालू के किनकों के समान बटोरते हैं। 
Habakkuk 1:10 राजाओं को वे ठट्ठों में उड़ाते और हाकिमों का उपहास करते हैं; वे सब दृढ़ गढ़ों को तुच्छ जानते हैं, क्योंकि वे दमदमा बान्ध कर उन को जीत लेते हैं। 
Habakkuk 1:11 तब वे वायु के समान चलते और मर्यादा छोड़ कर दोषी ठहरते हैं, क्योंकि उनका बल ही उनका देवता है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 27-29
  • 2 कुरिन्थियों 10


शनिवार, 16 सितंबर 2017

त्यागा हुआ


   सुप्रसिध्द मसीही लेखक, सी. एस. ल्युईस की पुस्तक The Screwtape Letters में एक काल्पनिक संवाद है जो शैतान के दो दूतों, एक वरिष्ठ तथा दूसरा कनिष्ठ, के बीच हो रहा है। संवाद का विषय है एक मसीही विश्वासी को भली-भांति प्रलोभन में कैसे लाया जा सकता है, क्योंकि शैतान के वे दोनों दूत मसीही विश्वासियों के परमेश्वर में विश्वास को नष्ट करना चाहते हैं। वरीष्ठ दूत कनिष्ठ को सचेत करते हुए कहता है, "धोखा मत खाना, हमारे प्रयास के लिए सबसे अधिक जोखिम का समय वह होता है जब एक मसीही अपने चारों ओर सृष्टि में परमेश्वर के अस्तित्व के प्रत्येक प्रमाण को लुप्त होता हुआ देखता है, अपने आप को परमेश्वर का त्यागा अनुभव करता है, और फिर भी परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखता है, उसका आज्ञाकारी बना रहता है।"

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमारे सामने ऐसे लोगों के अनेकों उदाहरण रखती है जिन्होंने अपने आप को परमेश्वर का त्यागा अनुभव तो किया परन्तु फिर भी अपने विश्वास में बने रहे और उसी विश्वास में कार्य करते रहे। अब्राहम को लगा कि परमेश्वर ने वारिस की जो प्रतिज्ञा उससे की थी वह पूरी हुए बिना रह जाएगी (उत्पत्ति 15:2-3)। भजनकार ने अपने कठिन समयों मे अपने आपको उपेक्षित अनुभव किया (भजन 10:1)। अय्युब इतनी कठिन परीक्षाओं में पड़ा कि उसे लगा जैसे परमेश्वर उसके प्राण ही ले लेगा (अय्युब 13:15)। और प्रभु यीशु ने क्रूस पर से चिल्लाकर कहा, "... हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?" (मत्ती 27:46)। परन्तु हर बार परमेश्वर ही विश्वासयोग्य पाया गया (उत्पत्ति 21:1-7, भजन 10:16-18, अय्युब 38:1-42:17, मत्ती 28:9-20)।

   चाहे शैतान आपको यह सोचने पर बाध्य कर देने का भरसक प्रयास करे कि परमेश्वर ने आपको त्याग दिया है, यह कभी नहीं भूलें कि परमेश्वर सदा आपके निकट बना रहता है; वह अपने बच्चों को कभी नहीं त्यागता है (इब्रानियों 13:5)। इसलिए हम इब्रानियों के लेखक के साथ सहर्ष और निडर होकर कह सकते हैं, "इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है" (इब्रानियों 13:6)। - डेनिस फिशर


हमारे प्रत्येक भय और आशंका के बावजूद, 
परमेश्वर सदा हमारे निकट और साथ बना रहता है।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: भजन 22:1-21
Psalms 22:1 हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? तू मेरी पुकार से और मेरी सहायता करने से क्यों दूर रहता है? मेरा उद्धार कहां है? 
Psalms 22:2 हे मेरे परमेश्वर, मैं दिन को पुकारता हूं परन्तु तू उत्तर नहीं देता; और रात को भी मैं चुप नहीं रहता। Psalms 22:3 परन्तु हे तू जो इस्राएल की स्तुति के सिहांसन पर विराजमान है, तू तो पवित्र है। 
Psalms 22:4 हमारे पुरखा तुझी पर भरोसा रखते थे; वे भरोसा रखते थे, और तू उन्हें छुड़ाता था। 
Psalms 22:5 उन्होंने तेरी दोहाई दी और तू ने उन को छुड़ाया वे तुझी पर भरोसा रखते थे और कभी लज्जित न हुए।
Psalms 22:6 परन्तु मैं तो कीड़ा हूं, मनुष्य नहीं; मनुष्यों में मेरी नामधराई है, और लोगों में मेरा अपमान होता है। 
Psalms 22:7 वह सब जो मुझे देखते हैं मेरा ठट्ठा करते हैं, और ओंठ बिचकाते और यह कहते हुए सिर हिलाते हैं, 
Psalms 22:8 कि अपने को यहोवा के वश में कर दे वही उसको छुड़ाए, वह उसको उबारे क्योंकि वह उस से प्रसन्न है। 
Psalms 22:9 परन्तु तू ही ने मुझे गर्भ से निकाला; जब मैं दूधपिउवा बच्चा था, तब ही से तू ने मुझे भरोसा रखना सिखलाया। 
Psalms 22:10 मैं जन्मते ही तुझी पर छोड़ दिया गया, माता के गर्भ ही से तू मेरा ईश्वर है। 
Psalms 22:11 मुझ से दूर न हो क्योंकि संकट निकट है, और कोई सहायक नहीं। 
Psalms 22:12 बहुत से सांढ़ों ने मुझे घेर लिया है, बाशान के बलवन्त सांढ़ मेरे चारों ओर मुझे घेरे हुए हैं। 
Psalms 22:13 वह फाड़ने और गरजने वाले सिंह के समान मुझ पर अपना मुंह पसारे हुए है।
Psalms 22:14 मैं जल के समान बह गया, और मेरी सब हडि्डयों के जोड़ उखड़ गए: मेरा हृदय मोम हो गया, वह मेरी देह के भीतर पिघल गया। 
Psalms 22:15 मेरा बल टूट गया, मैं ठीकरा हो गया; और मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई; और तू मुझे मारकर मिट्टी में मिला देता है। 
Psalms 22:16 क्योंकि कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों की मण्डली मेरे चारों ओर मुझे घेरे हुए है; वह मेरे हाथ और मेरे पैर छेदते हैं। 
Psalms 22:17 मैं अपनी सब हडि्डयां गिन सकता हूं; वे मुझे देखते और निहारते हैं; 
Psalms 22:18 वे मेरे वस्त्र आपस में बांटते हैं, और मेरे पहिरावे पर चिट्ठी डालते हैं। 
Psalms 22:19 परन्तु हे यहोवा तू दूर न रह! हे मेरे सहायक, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर! 
Psalms 22:20 मेरे प्राण को तलवार से बचा, मेरे प्राण को कुत्ते के पंजे से बचा ले! 
Psalms 22:21 मुझे सिंह के मुंह से बचा, हां, जंगली सांढ़ों के सींगो में से तू ने मुझे बचा लिया है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 25-26
  • 2 कुरिन्थियों 9


शुक्रवार, 15 सितंबर 2017

दिशासूचक


   घटना दूसरे विश्वयुध्द की है, जब छोटे कॉम्पास (दिशासूचकों) द्वारा 27 नाविकों की जान तट से 300 मील की दूरी होते हुए भी बच सकी। एक सेवानिवृत व्यापारी नाविक, वॉल्डेमर सेमेनौव, एक जलयान पर कनिष्ठ अभियन्ता का कार्य कर रहा था जब एक जर्मन पनडुब्बी ने उनके जहाज़ पर हमला कर दिया, जिससे जहाज़ में आग लग गई और वह डूबने लगा। सेमेनौव और उनके साथियों ने दिशासूचक यंत्र लगी हुई छोटी नौकाएं पानी में उतारीं और उन दिशासूचकों की सहायता से व्यापारी जहाज़ों के जल मार्गों और किनारे की ओर चल पड़े। तीन दिन के पश्चात उन्हें बचा लिया गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने परमेश्वर के लोगों को स्मरण करवाया कि परमेश्वर का वचन भी एक विश्वासयोग्य दिशासूचक है। भजनकार के परमेश्वर के वचन को एक दीपक की उपमा दी। जिस समय काल में वह भजन लिखा गया था, उस समय यदि रात में कहीं जाना होता था तो यात्रियों को जैतून के तेल से जलने वाले, और टिमटिमाती ज्योति प्रदान करने वाले छोटे दीपक लेकर चलना होता था, जिन की ज्योति से यात्री को बस अगले कदम तक की दूरी दिखाई देती थी। भजनकार के लिए, परमेश्वर का वचन ऐसा ही एक दीपक था (भजन 119:105), जो परमेश्वर का अनुसरण करने वालों को कदम-ब-कदम मार्ग दिखाता है। भजनकार का विश्वास था कि यदि वह जीवन के अव्यवस्थित मार्गों के अंधकार में भटकने लगेगा, तो परमेश्वर का वचन उसका मार्गदर्शन करेगा, उसे सही दिशा और मार्ग दिखाएगा।

   जब जीवन के मार्गों में हम अपनी दिशा से भटकने लगते हैं तब परमेश्वर अपने अटल और अकाट्य वचन को एक विश्वासयोग्य दिशासूचक के समान प्रयोग करता है और हमें न केवल सही मार्ग दिखाता है, वरन हमें अपने और भी अधिक निकट ले आता है। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर ने अपना वचन हमें दिया है 
जिससे हम उसे जान सकें और उसके मार्गों पर चल सकें।

अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज; वे मेरी अगुवाई करें, वे ही मुझ को तेरे पवित्र पर्वत पर और तेरे निवास स्थान में पहुंचाएँ! - भजन 43:3

बाइबल पाठ: भजन 119:105-112
Psalms 119:105 तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। 
Psalms 119:106 मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूंगा। 
Psalms 119:107 मैं अत्यन्त दु:ख में पड़ा हूं; हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे जिला।
Psalms 119:108 हे यहोवा, मेरे वचनों को स्वेच्छाबलि जान कर ग्रहण कर, और अपने नियमों को मुझे सिखा। 
Psalms 119:109 मेरा प्राण निरन्तर मेरी हथेली पर रहता है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया। 
Psalms 119:110 दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका। 
Psalms 119:111 मैं ने तेरी चितौनियों को सदा के लिये अपना निज भाग कर लिया है, क्योंकि वे मेरे हृदय के हर्ष का कारण हैं। 
Psalms 119:112 मैं ने अपने मन को इस बात पर लगाया है, कि अन्त तक तेरी विधियों पर सदा चलता रहूं।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 22-24
  • 2 कुरिन्थियों 8


गुरुवार, 14 सितंबर 2017

कार्यकारी शब्द


   कॉलेज में मेरी कक्षा के उस छात्र का वह ईमेल सहायता की शीघ्र कार्यवाही के निवेदन से भरा था। सेमेस्टर का अन्त आ रहा था, और उसे यह एहसास हुआ था कि खेलों में भागीदारी के लिए उसे कुछ बेहतर अंक चाहिएं। अब वह क्या कर सकता था? उसने अपने कुछ गृहकार्य पूरे नहीं किए थे, इसलिए मैंने उसे अवसर दिया कि वह दो दिन में उन कार्यों को पूरा कर के आँकलन के लिए सौंप दे जिससे उन कार्यों पर मिलने वाले अंकों से उसके कुल अंक सुधर सकें। उसका प्रत्युत्तर था: "बहुत धन्यवाद। मैं यह काम पूरा कर के दे दूँगा।" दो दिन भी बीत गए परन्तु उसकी ओर से कोई कार्य आँकलन के लिए सौंपा नहीं गया। उस युवक ने अपने शब्दों की पुष्टि अपने कार्यों से नहीं की।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम पाते हैं कि प्रभु यीशु मसीह ने एक ऐसे ही युवक के बारे में बताया था। उस युवक के पिता ने उससे कहा कि वह जाकर उसकी दाख़ की बारी [अँगूरों का खेत] में कुछ काम करे। उस युवक ने वह कार्य करने के लिए पिता को आश्वस्त किया (मत्ती 21:30), परन्तु जाकर काम नहीं किया। वह केवल बात कहना जानता था, उन शब्दों के अनुरूप कार्य करना नहीं। इस दृष्टांत पर टिप्पणी करते हुए प्रसिध्द बाइबल टीकाकार, मैथ्यु हेनरी ने कहा, "कलियाँ और फूल, फल नहीं होते हैं।" जब तक हमारे शब्दों की कलियाँ और फूल, जिन से होने वाले कार्य की प्रत्याशा होती है, उस प्रत्याशा के अनुरूप कार्यों के फल नहीं लाते हैं, वे खोखले और निरर्थक हैं। इस दृष्टांत को सुनाने में प्रभु यीशु का आश्य मुख्यतः उस समय के उन धर्मगुरुओं के प्रति था जो परमेश्वर के बारे में बड़ी-बड़ी बातें तो बोलते थे, परन्तु स्वयं उन बातों के आज्ञाकरी नहीं थे, अपने पापों से पश्चाताप नहीं करते थे। परन्तु प्रभु यीशु के शब्द आज हमारे लिए भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। बिना खोखले दावे किए, जब हम अपने शब्दों को कार्यकारी करते हैं (1 यूहन्ना 3:18), तब हम अपने प्रभु परमेश्वर तथा उद्धारकर्ता का आदर करते हैं।

   खोखले तथा निर्थक शब्दों की अपेक्षा परमेश्वर के प्रति अपने वास्तव में कार्यकारी शब्दों के द्वारा हम उसके प्रति अपने प्रेम, आदर और श्रध्दा को कहीं अधिक सार्थक रीति से दिखा सकते हैं। - डेव ब्रैनन


शब्द फूल होते हैं, तो अनुरूप कार्य फल।

हे बालकों, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें। - 1 यूहन्ना 3:18

बाइबल पाठ: मत्ती 21:28-32
Matthew 21:28 तुम क्या समझते हो? किसी मनुष्य के दो पुत्र थे; उसने पहिले के पास जा कर कहा; हे पुत्र आज दाख की बारी में काम कर। 
Matthew 21:29 उसने उत्तर दिया, मैं नहीं जाऊंगा, परन्तु पीछे पछता कर गया। 
Matthew 21:30 फिर दूसरे के पास जा कर ऐसा ही कहा, उसने उत्तर दिया, जी हां जाता हूं, परन्तु नहीं गया। 
Matthew 21:31 इन दोनों में से किस ने पिता की इच्छा पूरी की? उन्होंने कहा, पहिले ने: यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि महसूल लेने वाले और वेश्या तुम से पहिले परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करते हैं। 
Matthew 21:32 क्योंकि यूहन्ना धर्म के मार्ग से तुम्हारे पास आया, और तुम ने उस की प्रतीति न की: पर महसूल लेने वालों और वेश्याओं ने उस की प्रतीति की: और तुम यह देखकर पीछे भी न पछताए कि उस की प्रतीति कर लेते।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 19-21
  • 2 कुरिन्थियों 7


बुधवार, 13 सितंबर 2017

स्मरण


   जुलाई 28, 2014, प्रथम विश्व-युध्द के आरंभ की सौवीं जयंती थी। ब्रिटिश मीडिया में, 4 वर्ष तक चलने वाले इस संघर्ष की जयंती के उपलक्ष में, अनेकों चर्चाएं और वृतचित्र प्रसारित किए गए। एक टी.वी. कार्यक्रम Mr. Selfridge में, जो लंडन मे स्थित एक वास्तविक डिपार्टमैन्टल स्टोर पर आधारित है, एक प्रसंग दिखाया जो 1914 के समय पर आधारित था और जिसमें स्टोर में काम करने वाले युवकों का सेना में भरती होने के लिए जाना दिखाया गया था। मैं जब स्वेच्छा से दिए जाने वाले बलिदानों की यह घटनाएं देख रहा था तो मेरा गला रुँध गया। जिन सैनिकों के बारे में दिखाया जा रहा था वे अभी युवा ही थे, किंतु युध्द में जाने के लिए तत्पर थे, यह जानते हुए भी कि उनका उस युध्द से लौट कर आने की संभावना बहुत कम थी।

   यद्यपि प्रभु यीशु मसीह किसी शारीरिक शत्रु को हराने के लिए किसी युध्द में नहीं गए, परन्तु वे हम मनुष्यों के सबसे घातक शत्रु - पाप और मृत्यु को हराने के लिए क्रूस पर अपने जीवन को बलिदान करने के लिए अवश्य गए। प्रभु यीशु इस संसार में परमेश्वर के प्रेम को प्रगट करने के लिए आए थे; उन्होंने संसार के सभी मनुष्यों के पापों की कीमत चुकाने के लिए स्वेच्छा से क्रूस पर एक बहुत ही दर्दनाक मृत्यु सह लेना स्वीकार किया। जिन आताताईयों ने उन्हें कोड़े मारे और क्रूस पर कीलों से ठोक दिया, उन्होंने उन मनुष्यों को भी क्षमा कर दिया (लूका 23:34)। क्रूस पर मारे जाने और कब्र में दफनाए जाने के बाद तीसरे दिन मृतकों में से जी उठने के द्वारा प्रभु यीशु ने मृत्यु पर विजय पाई, और सारी पृथ्वी के सभी मनुष्यों के लिए, प्रभु में लाए गए साधारण विश्वास द्वारा सेंत-मेंत पापों की क्षमा और उद्धार का मार्ग बना कर उपलब्ध कर दिया। अपने विश्वासियों को परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार प्रदान कर दिया (यूहन्ना 3:13-16)।

   जयंतियाँ और स्मारक हमें महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं तथा बहादुरी के कार्यों का स्मरण करवाते हैं। क्रूस हमें स्मरण करवाता है प्रभु यीशु के उस सर्वोच्च और सबसे महत्वपूर्ण बलिदान का जिसके द्वारा समस्त मानव जाति को पाप से छुटकारे और अनन्त जीवन की आशीष मिलती है। - मेरियन स्ट्राउड


प्रभु यीशु मसीह का क्रूस, परमेश्वर के सर्वोच्च प्रेम का प्रमाण है। - ओस्वॉल्ड चैंबर्स

तब यीशु ने कहा; हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहें हैं और उन्होंने चिट्ठियां डालकर उसके कपड़े बांट लिए। - लूका 23:34

बाइबल पाठ: यूहन्ना 3:12-21
John 3:12 जब मैं ने तुम से पृथ्वी की बातें कहीं, और तुम प्रतीति नहीं करते, तो यदि मैं तुम से स्वर्ग की बातें कहूं, तो फिर क्योंकर प्रतीति करोगे? 
John 3:13 और कोई स्वर्ग पर नहीं चढ़ा, केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात मनुष्य का पुत्र जो स्वर्ग में है। 
John 3:14 और जिस रीति से मूसा ने जंगल में सांप को ऊंचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र भी ऊंचे पर चढ़ाया जाए। 
John 3:15 ताकि जो कोई विश्वास करे उस में अनन्त जीवन पाए।
John 3:16 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। 
John 3:17 परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए। 
John 3:18 जो उस पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहर चुका; इसलिये कि उसने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया। 
John 3:19 और दंड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उन के काम बुरे थे। 
John 3:20 क्योंकि जो कोई बुराई करता है, वह ज्योति से बैर रखता है, और ज्योति के निकट नहीं आता, ऐसा न हो कि उसके कामों पर दोष लगाया जाए। 
John 3:21 परन्तु जो सच्चाई पर चलता है वह ज्योति के निकट आता है, ताकि उसके काम प्रगट हों, कि वह परमेश्वर की ओर से किए गए हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 16-18
  • 2 कुरिन्थियों 6


मंगलवार, 12 सितंबर 2017

घमण्ड और नम्रता


   कुछ समय पहले की बात है, मैं अपनी पत्नि के साथ कुछ दिन कैम्पिंग के लिए गया, जहाँ हम एक प्राकृतिक खुले इलाके में तंबुओं में रहते थे। एक संध्या को अपने कैम्प की ओर लौटते समय हमने पास के घास के मैदान में दो नर भालुओं को एक दूसरे के साथ लड़ाई करते हुए देखा, और हम थोड़ी देर तक उन्हें लड़ते हुए देखने को रुक गए। वहाँ पहले से उपस्थित एक और व्यक्ति से हमने पूछा कि यह लड़ाई किस कारण हो रही थी; उसने उत्तर दिया, "एक मादा भालू के पीछे?" लेकिन क्योंकि हमें वहाँ और कोई भालू दिखाई नहीं दे रहा था, इसलिए हमने फिर पूछा, "वो कहाँ है?" तो उत्तर मिल, "वह तो लगभग बीस मिनट पहले जंगल की ओर चली गई!" इससे मैंने निषकर्ष निकाला कि वह लड़ाई मादा भालू के कारण नहीं वरन अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए हो रही थी।

   हम मनुष्यों के साथ भी ऐसा ही होता है। हमारे अधिकांश परस्पर झगड़े सही नीति और सिध्दांत, या सही अथवा गलत को लेकर नहीं होते हैं; वे हमारे घमण्ड के कारण होते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन का बुध्दिमान लेखक यह बात बड़ी स्पष्टता से लिखता है: "झगड़े रगड़े केवल अंहकार ही से होते हैं, परन्तु जो लोग सम्मति मानते हैं, उनके पास बुद्धि रहती है" (नीतिवचन 13:10)। अहंकार ही झगड़ों का ईंधन है; हम अपने आप को सही दिखाने के लिए, अपनी इच्छानुसार कार्य करवाने के लिए, अपना अधिकार-क्षेत्र बनाए रखने के लिए, अपने अहम को ऊँचा बनाए रखने के लिए झगड़ा करने से नहीं हिचकिचाते हैं।

   जबकि बाइबल यह भी बताती है कि इसके विपरीत, बुध्दिमता उनके साथ होती है जो भला परामर्श स्वीकार करते हैं, जो दूसरों की सुनने को, उनसे सीखने को, औरों की भली बातों को मानने को तैयार रहते हैं। जो अपने आप को नम्र बनाते हैं; जो अपनी स्वार्थी अभिलाषाओं को छोड़ना जानते हैं; जो अपनी समझ की सीमा को पहचानते हैं; जो औरों के दृष्टिकोण को भी जानने की इच्छा रखते हैं; जो अपने विचारों में सुधार स्वीकार कर लेते हैं, उनमें बुध्दिमता वास करती है।

   घमण्ड को दूर कर के नम्रता के साथ जीवन बिताना परमेश्वर से बुध्दिमता लाता है, जिसका परिणाम सदा शान्ति ही होता है। - डेविड रोपर


नम्रता से बुध्दिमता आती है।

इसलिये कि जहां डाह और विरोध होता है, वहां बखेड़ा और हर प्रकार का दुष्‍कर्म भी होता है। पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्‍छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है। - याकूब 3:16-17

बाइबल पाठ: नीतिवचन 13:9-21
Proverbs 13:9 धर्मियों की ज्योति आनन्द के साथ रहती है, परन्तु दुष्टों का दिया बुझ जाता है। 
Proverbs 13:10 झगड़े रगड़े केवल अंहकार ही से होते हैं, परन्तु जो लोग सम्मति मानते हैं, उनके पास बुद्धि रहती है। 
Proverbs 13:11 निर्धन के पास माल नहीं रहता, परन्तु जो अपने परिश्रम से बटोरता, उसकी बढ़ती होती है। 
Proverbs 13:12 जब आशा पूरी होने में विलम्ब होता है, तो मन शिथिल होता है, परन्तु जब लालसा पूरी होती है, तब जीवन का वृक्ष लगता है। 
Proverbs 13:13 जो वचन को तुच्छ जानता, वह नाश हो जाता है, परन्तु आज्ञा के डरवैये को अच्छा फल मिलता है। 
Proverbs 13:14 बुद्धिमान की शिक्षा जीवन का सोता है, और उसके द्वारा लोग मृत्यु के फन्दों से बच सकते हैं। 
Proverbs 13:15 सुबुद्धि के कारण अनुग्रह होता है, परन्तु विश्वासघातियों का मार्ग कड़ा होता है। 
Proverbs 13:16 सब चतुर तो ज्ञान से काम करते हैं, परन्तु मूर्ख अपनी मूढ़ता फैलाता है। 
Proverbs 13:17 दुष्ट दूत बुराई में फंसता है, परन्तु विश्वासयोग्य दूत से कुशल क्षेम होता है।
Proverbs 13:18 जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है, परन्तु जो डांट को मानता, उसकी महिमा होती है। 
Proverbs 13:19 लालसा का पूरा होना तो प्राण को मीठा लगता है, परन्तु बुराई से हटना, मूर्खों के प्राण को बुरा लगता है। 
Proverbs 13:20 बुद्धिमानों की संगति कर, तब तू भी बुद्धिमान हो जाएगा, परन्तु मूर्खों का साथी नाश हो जाएगा।
Proverbs 13:21 बुराई पापियों के पीछे पड़ती है, परन्तु धर्मियों को अच्छा फल मिलता है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 13-15
  • 2 कुरिन्थियों 5


सोमवार, 11 सितंबर 2017

समर्पण


   मेरे पुरखे मिशिगन प्रांत में आकर बस जाने वालों आरंभिक लोगों में से थे। उन्होंने भूमि को साफ किया, खेती की, बग़ीचे उगाए, जिससे वे अपने परिवार और बच्चों का भरण-पोषण कर सकें। मेरे परिवार में खेती-बाड़ी के प्रति यह रुझान पीढ़ियों से चला आ रहा है। मेरे पिता का जन्म और पालन-पोषण भी मिशिगन के एक किसानी करने वाले परिवार में हुआ था और उन्हें बाग़बानी का शौक था। संभवतं इसी कारण मुझे भी बाग़बानी का और उपजाऊ मिट्टी की गन्ध का शौक है। मुझे सुगन्धित फूलों वाले पौधे और गुलाब के पौधे उगाना और उनकी देखभाल करना बहुत पसन्द है। यदि यह करने में खर-पतवार न हों तो बहुत अच्छा हो; परन्तु समय-समय पर मुझे खर-पतवार को निकालना होता है, बग़ीचे की सफाई करनी होती है।

   जब मुझे इस खर-पतवार के साथ जूझना पड़ता है तो मुझे एक और बाग़ स्मरण हो आता है - अदन की वाटिका। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि वह परमेश्वर द्वारा लगाया गया सिध्द बाग़ था, जब तक कि आदम और हव्व द्वारा परमेश्वर की अनाज्ञाकारिता के पाप ने उसे बिगाड़ नहीं दिया। वहीं से आदम और हव्वा तथा उनके बाद के प्रत्येक बाग़बान के लिए खर-पतवार समस्या बन गए (उत्पत्ति 3:17-18)।

   इसके अतिरिक्त बाइबल एक और बाग़ के बारे में भी बताती है - गतसमनी का बाग़, जहाँ अदन की वाटिका में आरंभ हुए पाप के दुषपरिणामों को उलट देने के लिए प्रभु यीशु मसीह ने प्रार्थना में परमेश्वर पिता के समक्ष संघर्ष किया, और विनती की कि यदि संभव हो तो मनुष्यों के पाप के दोष को हटा देने के लिए कोई और मार्ग मिल सके। गतसमनी के बाग़ में प्रभु यीशु मसीह ने परमेश्वर पिता के आगे आज्ञाकारिता में सर झुका कर क्रूस पर मृत्यु की घोर यातना सहना स्वीकार करते हुए कहा, "तेरी इच्छा पूरी हो" (मत्ती 26:42)।

   क्योंकि प्रभु यीशु ने गतसमनी के बाग़ में समर्पण किया था, इसलिए आज संसार भर में सभी मनुष्यों के पास परमेश्वर के अनुग्रह में साधारण विश्वास द्वारा पापों की क्षमा और अनन्त आशीष के जीवन का मार्ग उपलब्ध है। आज जो भी सच्चे मन और स्वेच्छा से प्रभु परमेश्वर को अपना जीवन समर्पण करता है, परमेश्वर उसके जीवन से खर-पतवार निकाल कर, सफाई करके, उसे अपनी स्वर्गीय आशीषों से भर देता है। - जो स्टोवैल


समर्पण तथा विश्वास के बोने और उगाए जाने से, 
आत्मिक उन्नति और आशीष की फसल मिलती है।

तब मैं ने कहा, देख, मैं आ गया हूं, (पवित्र शास्त्र में मेरे विषय में लिखा हुआ है) ताकि हे परमेश्वर तेरी इच्छा पूरी करूं। - इब्रानियों 10:7 

बाइबल पाठ: मत्ती 26:36-42
Matthew 26:36 तब यीशु ने अपने चेलों के साथ गतसमनी नाम एक स्थान में आया और अपने चेलों से कहने लगा कि यहीं बैठे रहना, जब तक कि मैं वहां जा कर प्रार्थना करूं। 
Matthew 26:37 और वह पतरस और जब्‍दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा। 
Matthew 26:38 तब उसने उन से कहा; मेरा जी बहुत उदास है, यहां तक कि मेरे प्राण निकला चाहते: तुम यहीं ठहरो, और मेरे साथ जागते रहो। 
Matthew 26:39 फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुंह के बल गिरा, और यह प्रार्थना करने लगा, कि हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो। 
Matthew 26:40 फिर चेलों के पास आकर उन्हें सोते पाया, और पतरस से कहा; क्या तुम मेरे साथ एक घड़ी भी न जाग सके? 
Matthew 26:41 जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो: आत्मा तो तैयार है, परन्तु शरीर दुर्बल है। 
Matthew 26:42 फिर उसने दूसरी बार जा कर यह प्रार्थना की; कि हे मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 10-12
  • 2 कुरिन्थियों 4


रविवार, 10 सितंबर 2017

संभाल


   जब से मैंने अपने माता-पिता के साथ पारिवारिक भ्रमण पर जाना बन्द किया, मेरा अपने दादा-दादी से मिलने जाना बहुत कम हो गया, क्योंकि वे हम से सैंकड़ों मील की दूरी पर रहते थे। इस लिए एक वर्ष मैंने निश्चय किया कि मैं उनसे मिलने और उनके साथ एक लंबा सप्ताहान्त बिताने, वायुयान से यात्रा करके जाऊँगी। मेरे वापस लौटने के लिए जब हम हवाई अड्डे की ओर आ रहे थे, तो मेरी दादी ने, जिन्होंने कभी हवाई यात्रा नहीं की थी, मुझ से हवाई यात्रा से संबंधित अपने भय बाँटने आरंभ किए; उन्होंने कहा, "जिस वायुयान में तुम यात्रा कर रही हो वह तो बहुत छोटा सा है, उसे वहाँ ऊपर थामे रखने के लिए तो कुछ भी नहीं होता है, मैं तो इतनी ऊँचाई पर जाने से बहुत डरती हूँ।" उनकी ये बातें सुनते सुनते, जब तक मेरे वायुयान में बैठने का समय हुआ, मेरे अन्दर भी उनके से भय जागृत हो गए थे, और मैं भी सोचने लगी थी कि इस वायुयान को ऊपर संभाले रखने वाला ऐसा कौन है?

   हमें अपने भय से, चाहे वे उचित हों या अनुचित, घबराना नहीं चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि दाऊद को राजा शाउल से अपनी जान बचाए रखने के लिए भगोड़े के समान जीवन व्यतीत करना पड़ा, क्योंकि शाउल उसकी प्रसिद्धि तथा लोकप्रीयता के कारण दाउद से जलन रखता था और उसे मार डालना चाहता था। ऐसे में दाऊद को सच्ची शान्ति और वास्तविक दिलासा परमेश्वर के साथ अपने संबंध में ही मिली। दाऊद ने भजन 34 में लिखा, "मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया" (पद 4)।

   हमारा स्वर्गीय परमेश्वर पिता, सर्वज्ञानी है और सब से प्रेम रखता है। जब भी किसी बात का भय हम पर हावी होने लगे, हमें अभिभूत करने लगे, तब हमें थोड़ा थम कर अपने स्वर्गीय पिता परमेश्वर के बारे में विचार करना चाहिए कि वह न केवल परमेश्वर है वरन हमारा प्रेमी पिता भी है जो सर्वदा हमारा भला ही चाहता है और वही हमें सदा संभाले रहता है। - सिंडी हैस कैस्पर


जब हम विश्वास करते हैं कि परमेश्वर भला है, 
तो हम अपने भय को त्यागना भी सीख लेते हैं।

क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दहिना हाथ पकड़कर कहूंगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा। - यशायाह 41:13 

बाइबल पाठ: भजन 34:1-7
Psalms 34:1 मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी। 
Psalms 34:2 मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे। 
Psalms 34:3 मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें। 
Psalms 34:4 मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया। 
Psalms 34:5 जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया। 
Psalms 34:6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।। 
Psalms 34:7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 8-9
  • 2 कुरिन्थियों 3