यद्यपि पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग जल से ढका हुआ है, फिर भी उस जल का 1 प्रतिश्त से भी कम अंश मनुष्यों के पीने योग्य है। जल का संरक्षण और स्वच्छता संसार के अनेकों भागों में बहुत महत्वपूर्ण विषय हैं, क्योंकि जीवन स्वच्छ और पीने योग्य जल के उपलब्ध होने पर निर्भर करता है।
परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि एक पापों में भटकी हुई स्त्री को जीवन-जल तक लाने के लिए प्रभु यीशु मसीह ने मार्ग से हटकर यात्रा करी। प्रभु यीशु जान-बूझकर सामरिया के एक ऐसे स्थान से होकर गए, जहाँ से कोई भी शिष्ट एवं सम्मानयोग्य प्रचारक नहीं जाता था। वहाँ उन्होंने उस महिला को जीवन-जल के बारे में बताया; प्रभु यीशु ने उससे कहा, "परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा" (यूहन्ना 4:14)।
यह जीवन-जल स्वयं प्रभु यीशु मसीह ही हैं। जो उन्हें स्वीकार कर लेते हैं, वे अनन्त अविनाशी जीवन भी पा लेते हैं। प्रभु यीशु के अनुयायियों के अन्दर यह जीवन जल एक कार्य और करता है - उनमें से उमड़कर बहने वाला यह जीवन-जल औरों को भी तृप्त करता है, और फिर उन तृप्त होने वालों में से होकर अन्य लोगों की तृप्ति के लिए प्रवाहित होने लग जाता है (यूहन्ना 7:38)।
जैसे संसार में स्वच्छ पेय जल की उपलब्धता असमान है, वैसा ही इस जीवन-जल के संबंध में भी है। संसार के कई स्थानों पर अभी भी अनेकों ऐसे लोग हैं जो प्रभु यीशु और उसमें लाए गए विश्वास द्वारा सेंत-मेंत मिलने वाली पापों की क्षमा तथा उद्धार के बारे में या तो जानते ही नहीं हैं, या फिर अच्छे से और सही रीति से नहीं जानते हैं। हम मसीही विश्वासियों का यह विशेषाधिकार एवं ज़िम्मेदारी है कि इस पाप और बुराई से भरे संसार के लोगों में उन्हें सच्ची तृप्ति देने वाले इस जीवन-जल को पहुँचाने वाले बनें। - सी. पी. हिया
प्यासे संसार के लिए जीवन-जल का कभी ना समाप्त होने वाले स्त्रोत प्रभु यीशु मसीह ही हैं।
जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी। - यूहन्ना 7:38
बाइबल पाठ: यूहन्ना 4:4-14
John 4:4 और उसको सामरिया से हो कर जाना अवश्य था।
John 4:5 सो वह सूखार नाम सामरिया के एक नगर तक आया, जो उस भूमि के पास है, जिसे याकूब ने अपने पुत्र यूसुफ को दिया था।
John 4:6 और याकूब का कूआं भी वहीं था; सो यीशु मार्ग का थका हुआ उस कूएं पर यों ही बैठ गया, और यह बात छठे घण्टे के लगभग हुई।
John 4:7 इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने को आई: यीशु ने उस से कहा, मुझे पानी पिला।
John 4:8 क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे।
John 4:9 उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी हो कर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? (क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते)।
John 4:10 यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के वरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता।
John 4:11 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कूआं गहिरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहां से आया?
John 4:12 क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिसने हमें यह कूआं दिया; और आप ही अपने सन्तान, और अपने ढोरों समेत उस में से पीया?
John 4:13 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा।
John 4:14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- भजन 29-30
- प्रेरितों 23:1-15