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मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

कल्पना


          सुप्रसिद्ध अंग्रजी लेखक अर्नेस्ट हेमिंग्वे से कहा गया कि वे केवल छः शब्दों में एक सम्मोहक कहानी लिखें। प्रत्युत्तर में उन्होंने लिखा: “For Sale: Baby Shoes. Never worn. (बिक्री के लिए: बच्चे के जूते; कभी पहने नहीं गए।)” हेमिंग्वे की यह कहानी सशक्त है क्योंकि यह पाठक को अपनी कल्पना के अनुसार विवरण भरने के लिए प्रेरित करती है। क्या किसी स्वस्थ बच्चे को उन जूतियों की वास्तव में कभी कोई आवश्यकता नहीं पड़ी? या, कहीं कोई दुखद त्रासदी घटित हुई – कुछ ऐसा जिसमें परमेश्वर के गहरे प्रेम और सांत्वना की आवश्यकता रही हो?

          अच्छी कहानियाँ हमारी कल्पना को कचोटती हैं, हमारे दिलों को छूकर हमें विचार करने पर बाध्य करती हैं। इसीलिए इसमें कोई अचरज की बात नहीं है कि संसार की सबसे सर्वोत्तम सत्य-कथा, भी हमारी रचनात्मकता को उत्तेजित करती है। परमेश्वर द्वारा दी गई इस सत्य-कथा की केन्द्रीय कथा-वस्तु परमेश्वर द्वारा हर वस्तु की सृष्टि किया जाना है। हम मनुष्य पाप में गिर गए; हमें पापों के दुष्परिणामों से बचाने के लिए प्रभु परमेश्वर मसीह यीशु मनुष्य रूप में पृथ्वी पर आए, निष्पाप जीवन जिया, समस्त मानवजाति के पापों को अपने ऊपर लेकर उनका दण्ड कलवरी के क्रूस पर अपने जीवन को बलिदान करने के द्वारा चुकाया; वे मारे गए, गाड़े गए, और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठे; और अब हम उनके वापस लौटने तथा सभी बातों को बहाल करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

          यह जानते हुए कि पहले क्या हो चुका है, और आगे क्या होने वाला है, हमें वर्तमान में कैसा जीवन बिताना चाहिए? यदि प्रभु यीशु अपनी संपूर्ण सृष्टि को शैतान के चंगुल से छुड़ाने वाले हैं, तो हम भी “रात बहुत बीत गई है, और दिन निकलने पर है; इसलिये हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें” (रोमियों 13:12)। इसमें, परमेश्वर की सामर्थ्य के द्वारा, पाप से मुँह मोड़ लेना और परमेश्वर तथा औरों से उसके समान प्रेम रखना सम्मिलित है (पद 8-10)।

          हम प्रभु यीशु के साथ मिलाकर बुराई से किस प्रकार से लड़ सकते हैं, यह हमें दिए गए वरदानों तथा हमारे द्वारा अपने चारों ओर देखी जा सकने वाली आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। हम परमेश्वर के मार्गदर्शन के अंतर्गत आहत तथा दुखी लोगों को सहायता प्रदान कर सकते हैं; परमेश्वर के न्याय, प्रेम और शान्ति को औरों तक पहुँचा सकते हैं; उद्धार के सुसमाचार को लोगों तक पहुंचाने में सहायक हो सकते हैं। हम अपने चारों ओर लोगों की आवश्यकताओं पर विचार करें और उन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अपनी कल्पना को प्रयोग करें। - माइक व्हिटमर

 

परमेश्वर की कहानी में अपनी भूमिका को उसके मार्गदर्शन में पूरा करें।


जिसने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आने वाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता। - यूहन्ना 9:4

बाइबल पाठ: रोमियों 13:8-14

रोमियों 13:8 आपस के प्रेम से छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदार न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है।

रोमियों 13:9 क्योंकि यह कि व्यभिचार न करना, हत्या न करना; चोरी न करना; लालच न करना; और इन को छोड़ और कोई भी आज्ञा हो तो सब का सारांश इस बात में पाया जाता है, कि अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।

रोमियों 13:10 प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता, इसलिये प्रेम रखना व्यवस्था को पूरा करना है।

रोमियों 13:11 और समय को पहचान कर ऐसा ही करो, इसलिये कि अब तुम्हारे लिये नींद से जाग उठने की घड़ी आ पहुंची है, क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उद्धार निकट है।

रोमियों 13:12 रात बहुत बीत गई है, और दिन निकलने पर है; इसलिये हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें।

रोमियों 13:13 जैसा दिन को सोहता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें; न कि लीला क्रीड़ा, और पियक्कड़पन, न व्यभिचार, और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में।

रोमियों 13:14 वरन प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाषाओं को पूरा करने का उपाय न करो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 7-8
  • मरकुस 4:21-41