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शनिवार, 26 अप्रैल 2014

सच्ची भक्ति


   हाल ही में मैंने युवाओं की ओर लक्षित पहरावे का एक विज्ञापन देखा; उसमें नीले रंग की जीन्स और उनके साथ जाने वाली सभी सहायक सामग्री दिखाई गई थी। इसमें कुछ भी नया नहीं है, लेकिन जिस बात ने मेरा ध्यान खींचा वह था उस पहरावे को दिया गया नाम - "ट्रू रिलिजन" अर्थात "सच्चा धर्म"। इस नाम के कारण मैं थम कर सोचने लगा - यह नाम क्यों चुना गया? कहीं ऐसा तो नहीं कि मैं इसमें छुपा कुछ गहरा अर्थ समझ नहीं पा रहा हूँ? एक जीन्स का धर्म से क्या संबंध हो सकता है? ये लोग कहना क्या चाहते हैं? मेरे इस चिन्तन ने मुझे निरुत्तर ही छोड़ दिया।

   मैं धन्यवादी हूँ कि परमेश्वर का वचन बाइबल इस संबंध में बिलकुल स्पष्ट है। बाइबल के नए नियम खण्ड की याकूब की पत्री में सच्चे धर्म के लिए लिखा है: "हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्‍लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्‍कलंक रखें" (याकूब 1:27) - यह एक अनूठी और प्रेर्णादायक बात है। बाइबल के अनुसार, सच्ची भक्ति  या सच्चा धर्म परमेश्वर के साथ हमारे संबंध का प्रगटिकरण है। मसीह यीशु में होकर बनी हमारी नई पहचान और परमेश्वर के साथ के हमारे संबंध का एक प्रमाण है कि हम एक दूसरे की देखभाल कैसी करते हैं - हम में जो कमज़ोर, ज़रूरतमंद तथा विपरीत परिस्थितियों के शिकार हो सकने की संभावना में हैं उनके प्रति हमारा रवैया क्या है?

   सच्चा धर्म या सच्ची भक्ति कोई वस्त्र नहीं है जिसे चाहे जब पहन लो और चाहे जब उतार दो। वह तो एक उच्च स्तर की चुनौती है, यह जानने और पहचानने की कि हम पवित्र परमेश्वर और संसार के समक्ष कैसा जीवन व्यतीत करते हैं। - बिल क्राउडर


अपने ऊपर कोई लेबल लगाने लेने से हम सच्ची भक्ति नहीं दिखा सकते; यह होता है परमेश्वर के भय और इच्छानुसार एक सच्चा जीवन जीने से।

और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। - रोमियों 12:2

बाइबल पाठ: याकूब 1:19-27
James 1:19 हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्‍पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो। 
James 1:20 क्योंकि मनुष्य का क्रोध परमेश्वर के धर्म का निर्वाह नहीं कर सकता है। 
James 1:21 इसलिये सारी मलिनता और बैर भाव की बढ़ती को दूर कर के, उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो, जो हृदय में बोया गया और जो तुम्हारे प्राणों का उद्धार कर सकता है। 
James 1:22 परन्तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं। 
James 1:23 क्योंकि जो कोई वचन का सुनने वाला हो, और उस पर चलने वाला न हो, तो वह उस मनुष्य के समान है जो अपना स्‍वाभाविक मुंह दर्पण में देखता है। 
James 1:24 इसलिये कि वह अपने आप को देख कर चला जाता, और तुरन्त भूल जाता है कि मैं कैसा था। 
James 1:25 पर जो व्यक्ति स्‍वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर नहीं, पर वैसा ही काम करता है। 
James 1:26 यदि कोई अपने आप को भक्त समझे, और अपनी जीभ पर लगाम न दे, पर अपने हृदय को धोखा दे, तो उस की भक्ति व्यर्थ है। 
James 1:27 हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्‍लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्‍कलंक रखें।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 10-13