कुछ लोगों को भय से रोमांच होता है, लेकिन केवल काल्पनिक बातों में - वे डरावनी फिल्में देखना तथा डरावनी कहानीयाँ और उपन्यास पढ़ना पसन्द करते हैं लेकिन किसी वास्तविक भयावह परिस्थिति का वो कभी सामना करना नहीं चाहते। ऐसे ही संसार के अधिकांश लोग पसन्द नहीं करते कि किसी बात को उन्हें समझाने या बताने के लिए किसी प्रकार के भय का कोई उल्लेख किया जाए। यदि कोई लेखक सामयवादी यानि क्मयुनिस्ट विचार धारा के खतरों के बारे में कुछ लिखता है तो उस पर नाहक ही भय द्वारा बात मनवाने के प्रयास का इल्ज़ाम आता है। इसी प्रकार यदि कोई मसीही अगुवा इस बात का सुझाव मात्र भी दे कि परमेश्वर द्वारा पाप के न्याय के फलस्वरूप भी कुछ बिमारियाँ मनुष्यों में फैल सकती हैं तो उसे तिरस्कार किया जाता है, उसके प्रति घृणा का वातवरण उत्पन्न किया जाता है। लोगों में प्रचलित धारणा यही है कि, "लोगों को उनकी गलती से मुँह मोड़ने और उन्हें सही मार्ग पर लाने के लिए कभी परमेश्वर के न्याय और उसके भय का उल्लेख भी मत करो।"
लेकिन यह धारणा परमेश्वर के वचन और स्वभाव से मेल नहीं खाती। परमेश्वर के नबी यशायाह ने परमेश्वर की प्रजा को सही मार्गदर्शन देने के लिए परमेश्वर के न्याय और भय का उल्लेख करने में कभी कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। प्रजा के लोगों ने उस पर राजद्रोह का अभियोग लगाया क्योंकि उसने चेतावनी दी कि इस्त्राएल को अशूर के राजा के साथ संधि नहीं करनी चाहिए। यशायाह उन्हें चिता रहा था कि इस्त्राएल को अशूर के राजा से अधिक परमेश्वर से डरना चाहिए, और मनुष्य के भय में आकर यदि वे गलत संधि करेंगे और परमेश्वर के नियमों से समझौता करेंगे तो उन्हें परमेश्वर के न्याय का सामना करना पड़ेगा और वे अपनी स्वतंत्रता गंवा बैठेंगे। लोगों ने उसकी नहीं सुनी, परमेश्वर से अधिक मनुष्य को महत्व दिया, चेतावनी के विरुद्ध समझौते किये और अन्त वही हुआ जिसके लिए यशायाह इन्हें चिता रहा था।
परमेश्वर का वचन बाइबल यह भी बताती है कि जो लोग प्रभु यीशु मसीह का इन्कार कर के उसके द्वारा दिये गए उद्धार के मार्ग और अवसर का तिरिस्कार करते रहते हैं और अपने पापों में बने रहते हैं, वे एक दिन परमेश्वर को अपने विरुद्ध खड़ा पाएंगे। यदि यह बात किसी को भयावह प्रतीत होती है और इस भय के अन्तर्गत कोई व्यक्ति प्रभु यीशु पर विश्वास करने के द्वारा पापों से क्षमा तथा उद्धार पाता है, तो भय ने एक भला कार्य करवाया है। इसी भय के कारण यदि कोई मसीही विश्वासी प्रभु की सेवा में अपने आप को पुनःसमर्पित करके एक नए उत्साह के साथ अपनी सेवा को पूरा करता है तो भी भय एक सकरात्मक कार्य का कारण बना है।
मनुष्यों के लिए सबसे भयावह भय किसी अन्य नशवर मनुष्य या उसकी सामर्थ का भय नहीं वरन अविनाशी और सर्वसामर्थी परमेश्वर का और उसके न्याय का भय होना चाहिए, जिसका सामना प्रत्येक को एक न एक दिन करना ही है। यह सबसे भयावह भय ही सबसे भला भय भी है क्योंकि यही वह भय है जो हमें सही मार्ग पर लाता है और बनाए रखता है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट
इसलिये मैं भी उनके लिये दु:ख की बातें निकालूंगा, और जिन बातों से वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊंगा; क्योंकि जब मैं ने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैं ने उन से बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दृष्टि में बुरा था वही वे करते रहे, और जिस से मैं अप्रसन्न होता था उसी को उन्होंने अपनाया। - यशायाह ६६:४
बाइबल पाठ: यशायाह ८:११-२२
Isa 8:11 क्योंकि यहोवा दृढ़ता के साथ मुझ से बोला और इन लोगों की सी चाल चलने को मुझे मना किया,
Isa 8:12 और कहा, जिस बात को यह लोग राजद्रोह कहें, उसको तुम राजद्रोह न कहना, और जिस बात से वे डरते हैं उस से तुम न डरना और न भय खाना।
Isa 8:13 सेनाओं के यहोवा ही को पवित्र जानना, उसी का डर मानना, और उसी का भय रखना।
Isa 8:14 और वह शरणस्थान होगा, परन्तु इस्राएल के दोनो घरानों के लिये ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान, और यरूशलेम के निवासियों के लिये फन्दा और जाल होगा।
Isa 8:15 और बहुत से लोग ठोकर खाएंगे, वे गिरेंगे और चकनाचूर होंगे, वे फन्दे में फसेंगे और पकड़े जाएंगे।
Isa 8:16 चितौनी का पत्र बन्द कर दो, मेरे चेलों के बीच शिक्षा पर छाप लगा दो।
Isa 8:17 मैं उस यहोवा की बाट जोहता रहूंगा जो अपने मुख को याकूब के घराने से छिपाये है, और मैं उसी पर आशा लगाए रहूंगा।
Isa 8:18 देख, मैं और जो लड़के यहोवा ने मुझे सौंपे हैं, उसी सेनाओं के यहोवा की ओर से जो सिय्योन पर्वत पर निवास किए रहता है इस्राएलियों के लिये चिन्ह और चमत्कार हैं।
Isa 8:19 जब लोग तुम से कहें कि ओझाओं और टोन्हों के पास जाकर पूछो जो गुनगुनाते और फुसफुसाते हैं, तब तुम यह कहना कि क्या प्रजा को अपने परमेश्वर ही के पास जाकर न पूछना चाहिये? क्या जीवतों के लिये मुर्दों से पूछना चाहिये?
Isa 8:20 व्यवस्था और चितौनी ही की चर्चा किया करो! यदि वे लोग इस वचनों के अनुसार न बोलें तो निश्चय उनके लिये पौ न फटेगी,
Isa 8:21 वे इस देश में क्लेशित और भूखे फिरते रहेंगे, और जब वे भूखे होंगे, तब वे क्रोध में आकर अपने राजा और अपने परमेश्वर को श्राप देंगे, और अपना मुख ऊपर आकाश की ओर उठाएंगे;
Isa 8:22 तब वे पृथ्वी की ओर दृष्टि करेंगे परन्तु उन्हें सकेती और अन्धियारे अर्थात संकट भरा अन्धकार ही देख पड़ेगा, और वे घोर अन्धकार में ढकेल दिए जाएंगे।
एक साल में बाइबल:
लेकिन यह धारणा परमेश्वर के वचन और स्वभाव से मेल नहीं खाती। परमेश्वर के नबी यशायाह ने परमेश्वर की प्रजा को सही मार्गदर्शन देने के लिए परमेश्वर के न्याय और भय का उल्लेख करने में कभी कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। प्रजा के लोगों ने उस पर राजद्रोह का अभियोग लगाया क्योंकि उसने चेतावनी दी कि इस्त्राएल को अशूर के राजा के साथ संधि नहीं करनी चाहिए। यशायाह उन्हें चिता रहा था कि इस्त्राएल को अशूर के राजा से अधिक परमेश्वर से डरना चाहिए, और मनुष्य के भय में आकर यदि वे गलत संधि करेंगे और परमेश्वर के नियमों से समझौता करेंगे तो उन्हें परमेश्वर के न्याय का सामना करना पड़ेगा और वे अपनी स्वतंत्रता गंवा बैठेंगे। लोगों ने उसकी नहीं सुनी, परमेश्वर से अधिक मनुष्य को महत्व दिया, चेतावनी के विरुद्ध समझौते किये और अन्त वही हुआ जिसके लिए यशायाह इन्हें चिता रहा था।
परमेश्वर का वचन बाइबल यह भी बताती है कि जो लोग प्रभु यीशु मसीह का इन्कार कर के उसके द्वारा दिये गए उद्धार के मार्ग और अवसर का तिरिस्कार करते रहते हैं और अपने पापों में बने रहते हैं, वे एक दिन परमेश्वर को अपने विरुद्ध खड़ा पाएंगे। यदि यह बात किसी को भयावह प्रतीत होती है और इस भय के अन्तर्गत कोई व्यक्ति प्रभु यीशु पर विश्वास करने के द्वारा पापों से क्षमा तथा उद्धार पाता है, तो भय ने एक भला कार्य करवाया है। इसी भय के कारण यदि कोई मसीही विश्वासी प्रभु की सेवा में अपने आप को पुनःसमर्पित करके एक नए उत्साह के साथ अपनी सेवा को पूरा करता है तो भी भय एक सकरात्मक कार्य का कारण बना है।
मनुष्यों के लिए सबसे भयावह भय किसी अन्य नशवर मनुष्य या उसकी सामर्थ का भय नहीं वरन अविनाशी और सर्वसामर्थी परमेश्वर का और उसके न्याय का भय होना चाहिए, जिसका सामना प्रत्येक को एक न एक दिन करना ही है। यह सबसे भयावह भय ही सबसे भला भय भी है क्योंकि यही वह भय है जो हमें सही मार्ग पर लाता है और बनाए रखता है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट
सच्चे परमेश्वर का सच्चा भय मानिए, आपको अन्य किसी भय को मानने की कभी कोई आवश्यक्ता नहीं होगी।
इसलिये मैं भी उनके लिये दु:ख की बातें निकालूंगा, और जिन बातों से वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊंगा; क्योंकि जब मैं ने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैं ने उन से बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दृष्टि में बुरा था वही वे करते रहे, और जिस से मैं अप्रसन्न होता था उसी को उन्होंने अपनाया। - यशायाह ६६:४
बाइबल पाठ: यशायाह ८:११-२२
Isa 8:11 क्योंकि यहोवा दृढ़ता के साथ मुझ से बोला और इन लोगों की सी चाल चलने को मुझे मना किया,
Isa 8:12 और कहा, जिस बात को यह लोग राजद्रोह कहें, उसको तुम राजद्रोह न कहना, और जिस बात से वे डरते हैं उस से तुम न डरना और न भय खाना।
Isa 8:13 सेनाओं के यहोवा ही को पवित्र जानना, उसी का डर मानना, और उसी का भय रखना।
Isa 8:14 और वह शरणस्थान होगा, परन्तु इस्राएल के दोनो घरानों के लिये ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान, और यरूशलेम के निवासियों के लिये फन्दा और जाल होगा।
Isa 8:15 और बहुत से लोग ठोकर खाएंगे, वे गिरेंगे और चकनाचूर होंगे, वे फन्दे में फसेंगे और पकड़े जाएंगे।
Isa 8:16 चितौनी का पत्र बन्द कर दो, मेरे चेलों के बीच शिक्षा पर छाप लगा दो।
Isa 8:17 मैं उस यहोवा की बाट जोहता रहूंगा जो अपने मुख को याकूब के घराने से छिपाये है, और मैं उसी पर आशा लगाए रहूंगा।
Isa 8:18 देख, मैं और जो लड़के यहोवा ने मुझे सौंपे हैं, उसी सेनाओं के यहोवा की ओर से जो सिय्योन पर्वत पर निवास किए रहता है इस्राएलियों के लिये चिन्ह और चमत्कार हैं।
Isa 8:19 जब लोग तुम से कहें कि ओझाओं और टोन्हों के पास जाकर पूछो जो गुनगुनाते और फुसफुसाते हैं, तब तुम यह कहना कि क्या प्रजा को अपने परमेश्वर ही के पास जाकर न पूछना चाहिये? क्या जीवतों के लिये मुर्दों से पूछना चाहिये?
Isa 8:20 व्यवस्था और चितौनी ही की चर्चा किया करो! यदि वे लोग इस वचनों के अनुसार न बोलें तो निश्चय उनके लिये पौ न फटेगी,
Isa 8:21 वे इस देश में क्लेशित और भूखे फिरते रहेंगे, और जब वे भूखे होंगे, तब वे क्रोध में आकर अपने राजा और अपने परमेश्वर को श्राप देंगे, और अपना मुख ऊपर आकाश की ओर उठाएंगे;
Isa 8:22 तब वे पृथ्वी की ओर दृष्टि करेंगे परन्तु उन्हें सकेती और अन्धियारे अर्थात संकट भरा अन्धकार ही देख पड़ेगा, और वे घोर अन्धकार में ढकेल दिए जाएंगे।
एक साल में बाइबल:
- भजन ७-९
- प्रेरितों १८