ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 4 मई 2020

पहले



     जब हम परमेश्वर के अनंत, बिना आरम्भ, बिना अंत का होने के बारे में उन्हें बताते हैं तो कोई न कोई सन्डे स्कूल का विद्यार्थी यह प्रश्न अवश्य ही पूछ लेता है कि, “यदि परमेश्वर का कोई आरम्भ नहीं है, कोई अंत नहीं है, वह सदा से रहा है और सदा रहेगा, तो फिर हमारी सृष्टि किए जाने से पहले वह कर क्या रहा था? वह अपना समय कैसे व्यतीत करता था?” मेरा उत्तर हुआ करता था कि यह एक रहस्य है; परन्तु हाल ही में मैंने जाना की परमेश्वर के वचन बाइबल में इसके विषय कुछ कहा गया है।

     यूहन्ना 17 में जब प्रभु यीशु मसीह परमेश्वर पिता से प्रार्थना करते हैं, तो वे कहते हैं, “हे पिता, मैं चाहता हूं कि जिन्हें तू ने मुझे दिया है, जहां मैं हूं, वहां वे भी मेरे साथ हों कि वे मेरी उस महिमा को देखें जो तू ने मुझे दी है, क्योंकि तू ने जगत की उत्‍पत्ति से पहिले मुझ से प्रेम रखा” (पद 24)। यह प्रभु यीशु द्वारा हम पर प्रकट किया गया परमेश्वर है, संसार की सृष्टि से भी पहले से ही, परमेश्वर हमेशा से ही त्रिएक (पिता, पुत्र, और पवित्र-आत्मा) रहा है – जो सदा साथ और एक दूसरे से प्रेम करते हुए रहते आए हैं। जब प्रभु यीशु मसीह का बप्तिस्मा हुआ, तब परमेश्वर ने अपने पवित्र आत्मा को कबूतर के रूप में भेजा और कहा, “...यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं अत्यंत प्रसन्न हूं” (मत्ती 3:17)। परमेश्वर के व्यक्तित्व की सबसे आधारभूत बात, उसका जीवन-दाई और व्यक्त होने वाला प्रेम है।

     यह हमारे परमेश्वर का कितना प्रोत्साहित और प्रसन्न कर देने वाला सत्य है। त्रिएक परमेश्वर, पिता, पुत्र, और पवित्र-आत्मा, के प्रत्येक व्यक्तित्व द्वारा परस्पर व्यक्त किया जाने वाला प्रेम ही परमेश्वर के स्वभाव को समझने की कुंजी है। समय के आरम्भ से पहले परमेश्वर क्या कर रहा था? वही जो वह सदा करता है: वह प्रेम कर रहा था क्योंकि वह पहले से ही प्रेम है। - एमी पीटरसन

सदा प्रेम और संबंध में रहने वाले परमेश्वर ने हमें अपने स्वरूप में सृजा है।

हे प्रियो, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है। जो प्रेम नहीं रखता, वह परमेश्वर को नहीं जानता है, क्योंकि परमेश्वर प्रेम है।  - 1 यूहन्ना 4:7-8

बाइबल पाठ: मत्ती 3:13-17
मत्ती 3:13 उस समय यीशु गलील से यरदन के किनारे पर यूहन्ना के पास उस से बपतिस्मा लेने आया।
मत्ती 3:14 परन्तु यूहन्ना यह कहकर उसे रोकने लगा, कि मुझे तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्यक्ता है, और तू मेरे पास आया है?
मत्ती 3:15 यीशु ने उसको यह उत्तर दिया, कि अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धामिर्कता को पूरा करना उचित है, तब उसने उस की बात मान ली।
मत्ती 3:16 और यीशु बपतिस्मा ले कर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और देखो, उसके लिये आकाश खुल गया; और उसने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते और अपने ऊपर आते देखा।
मत्ती 3:17 और देखो, यह आकाशवाणी हुई, कि यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं अत्यंत प्रसन्न हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजाओं 16-18
  • लूका 22:47-71