चीन
में स्थित एक भूतपूर्व जापानी बन्दी शिविर के प्रांगण में एक स्मृति का पत्थर खड़ा
है, जहाँ 1945 में एक व्यक्ति का देहांत हुआ था। उस स्मृति-चिन्ह पर लिखा है, “एरिक
लिड्डल का जन्म तियांजिन प्रांत में स्कॉटलैंड से आए माता-पिता के घर में 1902 में
हुआ। उसके जीवन का चरमोत्कर्ष 1924 के ओलिम्पिक खेलों में 400 मीटर की दौड़ में
स्वर्ण-पदक जीतना था। उसके बाद वह लौट कर चीन के तियानजिन में आ गए और शिक्षक का
कार्य करते रहे। उनका सारा जीवन युवाओं को मनुष्यों की भलाई करते रहने के लिए प्रोत्साहित
करते रहने में व्यतीत हुआ।”
बहुत
से लोगों की दृष्टि में एरिक लिड्डल की सबसे उच्च उपलब्धि खेल के मैदान में थी।
परन्तु उन्हें चीन, जहाँ उनका जन्म हुआ और जिस देश से वे प्रेम करते थे, के
तियानजिन में युवकों के उत्थान के लिए भी जाना जाता है।
मूसा
को परमेश्वर के वचन बाइबल के विश्वास के अध्याय, इब्रानियों 11 में, एक ऐसे
व्यक्ति के रूप में याद किया गया है जिसने परमेश्वर के लोगों के साथ गिने जाने को
मिस्र की दौलत और शोहरत से अधिक मूल्यवान समझा। और परमेश्वर ने उसे अपने लोगों को
मिस्र के दासत्व से निकालकर लाने और उन्हें वाचा की भूमि, कनान, तक पहुँचाने के
योग्य जाना।
हम
किस बात के लिए याद किए जाएँगे? क्या अपनी शैक्षिक उपलब्धियों के लिए, या कार्य
स्थल में प्राप्त की गई पदवी और स्तर के लिए, अथवा हमें प्राप्त होने वाली आर्थिक
सफलता के लिए? ये सभी हमें सँसार में पहचान तो दिलवा सकती हैं, किन्तु हमारी वास्तविक
और स्थाई याद, जो हमारे बाद भी बनी रहेगी, हमारे द्वारा शान्ति से लोगों के जीवनों
को सुधारने-संवारने के लिए किए गए कार्यों के द्वारा ही होगी। - सी. पी. हिया
परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्यता ही सच्ची
सफलता है।
और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना
है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए,
कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल
देता है। - इब्रानियों 11:6
बाइबल पाठ: इब्रानियों 11:23-29
Hebrews 11:23 विश्वास ही से मूसा के माता
पिता ने उसको, उत्पन्न होने के बाद तीन महीने तक छिपा रखा;
क्योंकि उन्होंने देखा, कि बालक सुन्दर है,
और वे राजा की आज्ञा से न डरे।
Hebrews 11:24 विश्वास ही से मूसा ने सयाना
हो कर फिरौन की बेटी का पुत्र कहलाने से इन्कार किया।
Hebrews 11:25 इसलिये कि उसे पाप में थोड़े
दिन के सुख भोगने से परमेश्वर के लोगों के साथ दुख भोगना और उत्तम लगा।
Hebrews 11:26 और मसीह के कारण निन्दित
होने को मिस्र के भण्डार से बड़ा धन समझा: क्योंकि उस की आंखे फल पाने की ओर लगी
थीं।
Hebrews 11:27 विश्वास ही से राजा के क्रोध
से न डर कर उसने मिस्र को छोड़ दिया, क्योंकि वह अनदेखे को
मानों देखता हुआ दृढ़ रहा।
Hebrews 11:28 विश्वास ही से उसने फसह और
लोहू छिड़कने की विधि मानी, कि पहिलौठों का नाश करने वाला
इस्त्राएलियों पर हाथ न डाले।
Hebrews 11:29 विश्वास ही से वे लाल समुद्र
के पार ऐसे उतर गए, जैसे सूखी भूमि पर से; और जब मिस्रियों ने वैसा ही करना चाहा, तो सब डूब
मरे।
एक साल में बाइबल:
- यहोशू 10-12
- लूका 1:39-56