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शनिवार, 14 जुलाई 2018

विश्वासयोग्यता



      “हम आपकी नौकरी को समाप्त कर रहे हैं” एक दशक पहले मुझ से कहे गए इन शब्दों को सुनते ही मैं नौकरी के चले जाने के कारण घबरा गई, अन्दर से बुरी तरह से हिल गई। उस समय मैंने स्वयं को बिलकुल बिखरा हुआ अनुभव किया क्योंकि मेरी पहचान कुछ हद तक मेरे संपादक होने के पद के साथ जुड़ी हुई थी। हाल ही में मुझे फिर से वैसा ही दुःख हुआ जब मुझे ज्ञात हुआ कि मेरा बिना किसी की नौकरी करे, स्वतंत्रता से किए जाने वाले कार्य का भी अन्त हो रहा है। परन्तु इस समय, पहले के समान, मैंने अपने आप को बिखरा और अपनी नींव तक हिला हुआ अनुभव नहीं किया, क्योंकि समय के साथ मैंने परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को देखा और अनुभव किया है, और मैं जानती हूँ कि वह मेरे शोक को भी आनन्द में परिवर्तित कर सकता है।

      यद्यपि हम एक पतित सँसार में रहते हैं, जहाँ हमें अकसर दुखों और निराशाओं का सामना करना पड़ता है, परन्तु हमें स्मरण रखना चाहिए कि परमेश्वर हमें निराशा से आनन्द में ले जा सकता है, जैसा हम यशायाह द्वारा प्रभु यीशु के आने से संबंधित की गई  भविष्यवाणी में देखते हैं (यशायाह 61:1-3)। जब हम निराश होते हैं, तो प्रभु हमें आशा देता है; जब हमें लगता है कि हम क्षमा नहीं करने पाएँगे, वह हमें क्षमा करने की सामर्थ्य प्रदान करता है। वह हमें सिखाता है कि हमारी पहचान उसमें है, न कि हमारे कार्य में; और वह हमें अनिश्चित भविष्य का सामना करने का साहस देता है। जब हम “राख” का वस्त्र ओढ़ कर बैठे होते हैं, वह अपनी दया में हमें स्तुति का अंगरखा पहना देता है।

      जब हम हानि का सामना कर रहे होते हैं, तब हमें उदासी से भागना नहीं चाहिए, और न ही हमें कडुवा या कठोर बन  जाना चाहिए। जब हम बीते समयों में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता के बारे में विचार करते हैं, तो हमें भरोसा होता है कि वह हमारे शोक को नृत्य में बदलने के लिए न केवल सक्षम है, वरन ऐसा करना भी चाहता है। वह हमें इतना अनुग्रह देना चाहता है कि हम इस जीवन में भी और आने वाले जीवन में भी आनद से भरे रहें। - एमी बाउचर पाई


हमारे दुःख के समय से भी परमेश्वर हमें उन्नति प्रदान कर सकता है।

फिर उसने उन से कहा, कि जा कर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास बैना भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है। - नहेम्याह 8:10

बाइबल पाठ: यशायाह 61:1-4
Isaiah 61:1 प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं;
Isaiah 61:2 कि यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूं; कि सब विलाप करने वालों को शान्ति दूं
Isaiah 61:3 और सिय्योन के विलाप करने वालों के सिर पर की राख दूर कर के सुन्दर पगड़ी बान्ध दूं, कि उनका विलाप दूर कर के हर्ष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो।
Isaiah 61:4 तब वे बहुत काल के उजड़े हुए स्थानों को फिर बसाएंगे, पूर्वकाल से पड़े हुए खण्डहरों में वे फिर घर बनाएंगे; उजड़े हुए नगरों को जो पीढ़ी पीढ़ी में उजड़े हुए हों वे फिर नये सिरे से बसाएंगे।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 10-12
  • प्रेरितों 19:1-20