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शुक्रवार, 8 मई 2015

सृष्टि


   मैं और मेरा बेटा अपने घर वापस लौट रहे थे। हमने दूर से ही एक विशाल खाई के किनारे उगे हुए अकेले पेड़ पर बैठे एक विशाल पक्षी को देखा। हमारे निकट आने पर वह पक्षी, अमेरिका में पाया जाने वाला सुनहला गरुड़, पेड़ से उछला, अपने पंख फैलाए और उड़ान भरने लगा। उस गरुड़ के विशालकाय पंखों में बनी सुनहरी धारियाँ प्रातः के सूरज की रौशनी में झिलमिलाने लगीं; उसके विशाल आकार और अद्भुत सुन्दरता ने हमें मन्त्रमुग्ध सा कर दिया। परमेश्वर की सृष्टि की उस विलक्षण रचना तथा सुन्दरता को देख पाने के अवसर के लिए हमने अपने आप को धन्य जाना।

   सृष्टि परमेश्वर के विस्मयकारी तथा पराक्रमी कामों का वर्णन करती है (भजन 145:5) और जब हम थम कर परमेश्वर के उन कामों पर मनन करते हैं तो उन्हें बनाने और चलाने वाले परमेश्वर के चरित्र और सामर्थ पर हमें आश्चर्य होता है, उसके सामने हम नतमस्तक हो जाते हैं। उस दिन उस सुनहले गरुड़ ने मुझे और मेरे पुत्र को परमेश्वर की विलक्षण कारीगरी और महानता का एक पाठ पढ़ाया। लेकिन इस पाठ को हमें केवल विशालकाय चीज़ें ही नहीं पढ़ाती हैं, वरन परमेश्वर की सारी सृष्टि उसका गुणगान करती है, उसकि गवाही देती है; चहकता और मधुर गीत गाता कोई छोटा सा पक्षी, जंगल में विचरण करती हिरणी और कुलाँचे भरता उसका मेमना, कभी शाँत तो कभी रौद्र रूप ले लेने वाली सागर की लहरें, इधर-उधर मैदानों में खिलने वाले छोटे छोटे रंगीन सुन्दर फूल, बसन्त ऋतु आते ही सूखे पेड़ों का परिवर्तित होकर हरियाली से ढक जाना - ये सब परमेश्वर की उस अद्भुत रचना-कला और बुद्धिमता के नमूने और प्रमाण हैं।

   परमेश्वर अनायास ही अपनी रचना-कला, सुन्दरता और बुद्धिमता के प्रमाण हमारे समक्ष बिलकुल अप्रत्याशित रीति से और अनपेक्षित स्थानों पर ले आता है, उनमें होकर उसकी महिमा हमारे सामने चमकती है, और हमें अवसर प्रदान करता है कि हम उसकी सृष्टि में होकर उसके गुणों को समझ सकें, फिर उन गुणों पर मनन तथा विचार कर के उसे और निकटता से जान सकें, उसकी आराधना कर सकें। - डेव एग्नर


आश्चर्यचकित होने के लिए सदा तैयार रहें। - ई. बी. व्हाईट

आकाश ईश्वर की महिमा का वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। - भजन 19:1

बाइबल पाठ: भजन 145:1-7
Psalms 145:1 हे मेरे परमेश्वर, हे राजा, मैं तुझे सराहूंगा, और तेरे नाम को सदा सर्वदा धन्य कहता रहूंगा। 
Psalms 145:2 प्रति दिन मैं तुझ को धन्य कहा करूंगा, और तेरे नाम की स्तुति सदा सर्वदा करता रहूंगा। 
Psalms 145:3 यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है, और उसकी बड़ाई अगम है। 
Psalms 145:4 तेरे कामों की प्रशंसा और तेरे पराक्रम के कामों का वर्णन, पीढ़ी पीढ़ी होता चला जाएगा। 
Psalms 145:5 मैं तेरे ऐश्वर्य की महिमा के प्रताप पर और तेरे भांति भांति के आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करूंगा। 
Psalms 145:6 लोग तेरे भयानक कामों की शक्ति की चर्चा करेंगे, और मैं तेरे बड़े बड़े कामों का वर्णन करूंगा। 
Psalms 145:7 लोग तेरी बड़ी भलाई का स्मरण कर के उसकी चर्चा करेंगे, और तेरे धर्म का जयजयकार करेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 4-6
  • लूका 24:36-53