एक
ईरानी विद्यार्थी, अरमान, ने मुझ से पूछा, “आपका नाम क्या है?” जब मैंने उसे
बताया कि मेरा नाम एस्तेरा है, तो उसका चेहरा चमक उठा, और उसने उत्तेजित आवाज़ में
कहा, “हमारी भाषा फारसी में भी ऐसा ही एक नाम, सेतारे है!” उस छोटी सी
बातचीत के द्वारा एक अद्भुत वार्तालाप के लिए द्वार खुल गया। मैंने उसे बताया कि
मेरा नाम परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र, रानी एस्तेर के नाम पर रखा
गया है, जो फारस (वर्तमान ईरान) के एक राजा की यहूदी रानी थी। उस कहानी से आरंभ कर के
मैंने उसे प्रभु यीशु के बारे में बताया, उसके साथ सुसमाचार बाँटा। हमारे उस वार्तालाप के
परिणामस्वरूप अरमान ने एक साप्ताहिक बाइबल अध्ययन में भाग लेना आरंभ कर दिया जिससे
मसीह के बारे में और अधिक सीख सके।
प्रभु
यीशु मसीह के एक अनुयायी, फिलिप्पुस ने, पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन में एक इथोपिया के
राज-अधिकारी से, जो अपने रथ में सवार बाइबल के पुराने नियम भाग की एक पुस्तक पढ़ता
हुआ जा रहा था, एक प्रश्न पूछा: “तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है?” (प्रेरितों 8:30)।
इथोपिया का वह व्यक्ति यशायाह की पुस्तक के एक खण्ड को पढ़ रहा था और उसे समझना चाह
रहा था। इसलिए फिलिप्पुस का प्रश्न उसके सामने बिलकुल सही समय पर आया, और उसने फिलिप्पुस
को अपने पास ऊपर रथ में बुलाकर बैठा लिया और उससे सुनने लगा। फिलिप्पुस को एहसास
हुआ कि यह उसे सुसमाचार सुनाने का कितना अद्भुत अवसर था, “तब फिलिप्पुस ने अपना
मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ
कर के उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया” (पद 35)।
फिलिप्पुस
के समान, हमारे पास भी औरों को बताने के लिए सुसमाचार है। हम अपने कार्य स्थल, दुकान, पड़ौस, आदि में, जहाँ पर भी अवसर
मिले, उसका उपयोग करें। हम पवित्र आत्मा को हमारा मार्गदर्शन करने दें, और प्रार्थना करें
कि वह हमें सही समय, सही स्थान पर सही व्यक्ति के लिए सही शब्द दे जिससे हर
व्यक्ति की समझ और आवश्यकता के अनुसार हम उसके साथ सुसमाचार बाँट सकें। - एस्तेरा
पिरोसका एस्कोबार
हे प्रभु मुझे किसी ऐसे के पास ले जाएँ जिसे उस अनन्त आशा की आवश्यकता है
जो केवल प्रभु यीशु से मिल सकती है।
प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं
थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान
खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं। - यशायाह 50:4
बाइबल पाठ: प्रेरितों 8:26-35
प्रेरितों 8:26 फिर प्रभु के एक स्वर्गदूत ने फिलिप्पुस
से कहा; उठ कर दक्षिण की ओर
उस मार्ग पर जा, जो यरूशलेम से अज्ज़ाह
को जाता है, और जंगल में है।
प्रेरितों 8:27 वह उठ कर चल दिया, और देखो, कूश देश का एक मनुष्य आ रहा
था जो खोजा और कूशियों की रानी कन्दाके का मन्त्री और खजांची था, और भजन करने को यरूशलेम आया
था।
प्रेरितों 8:28 और वह अपने रथ पर बैठा हुआ था, और यशायाह भविष्यद्वक्ता की
पुस्तक पढ़ता हुआ लौटा जा रहा था।
प्रेरितों 8:29 तब आत्मा ने फिलिप्पुस से कहा, निकट जा कर इस रथ के साथ हो
ले।
प्रेरितों 8:30 फिलिप्पुस ने उस ओर दौड़ कर उसे यशायाह
भविष्यद्वक्ता की पुस्तक पढ़ते हुए सुना, और पूछा, कि तू जो पढ़ रहा है
क्या उसे समझता भी है?
प्रेरितों 8:31 उसने कहा, जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं क्योंकर समझूं और उसने
फिलिप्पुस से बिनती की, कि चढ़कर मेरे पास बैठ।
प्रेरितों 8:32 पवित्र शास्त्र का जो अध्याय वह पढ़ रहा
था, वह यह था; कि वह भेड़ के समान वध होने
को पहुंचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने
ऊन कतरने वालों के सामने चुपचाप रहता है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न
खोला।
प्रेरितों 8:33 उस की दीनता में उसका न्याय होने नहीं
पाया, और उसके समय के लोगों
का वर्णन कौन करेगा, क्योंकि पृथ्वी से उसका
प्राण उठाया जाता है।
प्रेरितों 8:34 इस पर खोजे ने फिलिप्पुस से पूछा; मैं तुझ से बिनती करता हूं, यह बता कि भविष्यद्वक्ता यह
किस विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे
के विषय में।
प्रेरितों 8:35 तब फिलिप्पुस ने अपना मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ कर
के उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया।
एक साल में बाइबल:
- 1 शमूएल 13-14
- लूका 10:1-24