एक नाविक बार-बार समुद्र में भटक जाता था, इसलिए उसके मित्रों ने उसे एक कुतुबनुमा (compass) दिया और सलाह दी कि अपनी यात्राओं में इसका प्रयोग किया करो। अगली बार जब वह समुद्र में अपनी नाव लेकर निकला तो दोस्तों की सलाह मानकर उनका दिया कुतुबनुमा भी साथ ले गया, लेकिन हमेशा की तरह वह फिर भटक गया और तट का रास्ता नहीं पा सका। उसके मित्र फिर उसे ढूंढने निकले, उसे ढूंढ कर बचाया और तट पर लाकर पूछा कि "तुमने उस कुतुबनुमा का प्रयोग क्यों नहीं किया? यदि करते तो हम इस कष्ट से बच सकते थे।" नाविक ने उत्तर दिया "मैंने बहुत कोशिश करी लेकिन सफल नहीं हुआ। मैं उत्तर दिशा को जाना चाहता था और कुतुबनुमा की सूई दक्षिण-पूर्व की ओर थी; मेरे लाख कोशिश करने के बावजूद कि उसकी सूई उत्तर दिशा की ओर नहीं मुड़ी, इसलिए मेरी उसपर भरोसा करने की हिम्मत नहीं हुई, और मैं अपनी समझ से उत्तर दिशा की ओर निकल पड़ा!" वह नाविक अपनी इच्छा के अनुसार कुतुबनुमा की सूई को मोड़ना चाहता था, न कि कुतुबनुमा के अनुसार अपनी नाव को। उसके इस हट ने उसे फिर खतरे में और उसके मित्रों को परेशानी में डाल दिया।
जब परमेश्वर इस्त्राएलियों को मिस्त्र के दासत्व से निकाल कर लाया, तो इस्त्राएलियों ने भी कुछ ऐसा ही किया। परमेश्वर पर भरोसा करके उसके निर्देषों को मानने की बजाए, उन्होंने अपनी समझ पर अधिक भरोसा किया और कुछ दिनों की अपनी यात्रा को ४० वर्ष की यात्रा बना डाला।
जैसा भजनकार ने लिखा है, परमेश्वर का वायदा है कि वह हमें समझ देगा और हमारे मार्ग में हमारी अगुवाई करेगा कि हम सही राह पर चल सकें। जो उसके निर्देषों और चेतावनियों को मानते हैं उन्हें वह तकलीफों, भटकने और बरबादी से बचाए रखेगा।
जब हम परमेश्वर से किसी विष्य में दिशा निर्देष की प्रार्थना करें, तो ध्यान रखें के उसके वचन रूपी कुतुबनुमे पर भरोसा भी बनाए रखें। - रिचर्ड डी हॉन
मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपादृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा। - भजन ३२:८
बाइबल पाठ: यहोशू १:१-९
Jos 1:1 यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा,
Jos 1:2 मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बान्ध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार होकर उस देश को जा जिसे मैं उनको अर्थात इस्राएलियों को देता हूं।
Jos 1:3 उस वचन के अनुसार जो मैं ने मूसा से कहा, अर्थात जिस जिस स्थान पर तुम पांव धरोगे वह सब मैं तुम्हे दे देता हूं।
Jos 1:4 जंगल और उस लबानोन से लेकर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा।
Jos 1:5 तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा, और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा।
Jos 1:6 इसलिये हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैं ने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा।
Jos 1:7 इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ होकर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना और उस से न तो दहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सुफल होगा।
Jos 1:8 व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे, क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सुफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा।
Jos 1:9 क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा, भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा।
एक साल में बाइबल:
जब परमेश्वर इस्त्राएलियों को मिस्त्र के दासत्व से निकाल कर लाया, तो इस्त्राएलियों ने भी कुछ ऐसा ही किया। परमेश्वर पर भरोसा करके उसके निर्देषों को मानने की बजाए, उन्होंने अपनी समझ पर अधिक भरोसा किया और कुछ दिनों की अपनी यात्रा को ४० वर्ष की यात्रा बना डाला।
जैसा भजनकार ने लिखा है, परमेश्वर का वायदा है कि वह हमें समझ देगा और हमारे मार्ग में हमारी अगुवाई करेगा कि हम सही राह पर चल सकें। जो उसके निर्देषों और चेतावनियों को मानते हैं उन्हें वह तकलीफों, भटकने और बरबादी से बचाए रखेगा।
जब हम परमेश्वर से किसी विष्य में दिशा निर्देष की प्रार्थना करें, तो ध्यान रखें के उसके वचन रूपी कुतुबनुमे पर भरोसा भी बनाए रखें। - रिचर्ड डी हॉन
जब आप परमेश्वर से मार्गदर्शन की प्रार्थना करें और यदि उसके मार्गदर्शन को अपनी इच्छा से भिन्न पाएं तो खिन्न होकर ढीठ न बन जाएं।
मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपादृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा। - भजन ३२:८
बाइबल पाठ: यहोशू १:१-९
Jos 1:1 यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा,
Jos 1:2 मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बान्ध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार होकर उस देश को जा जिसे मैं उनको अर्थात इस्राएलियों को देता हूं।
Jos 1:3 उस वचन के अनुसार जो मैं ने मूसा से कहा, अर्थात जिस जिस स्थान पर तुम पांव धरोगे वह सब मैं तुम्हे दे देता हूं।
Jos 1:4 जंगल और उस लबानोन से लेकर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा।
Jos 1:5 तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा, और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा।
Jos 1:6 इसलिये हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैं ने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा।
Jos 1:7 इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ होकर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना और उस से न तो दहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सुफल होगा।
Jos 1:8 व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे, क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सुफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा।
Jos 1:9 क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा, भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- यहोशू १-३
- मरकुस १६