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शनिवार, 8 मई 2021

भरोसा


          मेसाचुसेट्स के बोस्टन शहर में एक पट्टिका लगी है जिस पर लिखा है “Crossing the Bowl of Tears” (आँसुओं का कटोरा पार करना)। यह उन लोगों की स्मृति में लगाई गई है जिन्होंने सन 1840 के अन्त के समय आयरलैंड में आए भयंकर अकाल से बचने के लिए अटलांटिक महासागर को पार करने का जोखिम उठाया। अकाल की इस भयानक त्रासदी में दस लाख से अधिक लोग मारे गए, और उतने ही लोगों ने घर-बार छोड़कर, खतरनाक हालात में महासागर पार करने का जोखिम उठाया। भूख और दुःख के कारण, ये यात्री कहीं पर, किसी रीति से कुछ आशा को ढूँढ रहे थे; उनकी इस तलाश को जॉन बॉयल ओरियली ने काव्यात्मक रीति से “आँसुओं का कटोरा” कहा।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 55 में, दाऊद बताता है कि वह कैसे आशा को ढूँढ़ रहा था। यद्यपि, जिन खतरों का वह सामना कर रहा था, हमें उनके कोई विवरण तो नहीं पता है, लेकिन हम यह समझ सकते हैं कि उनके बोझ के कारण वह अपने आप को भावनात्मक रीति से टूटा हुआ अनुभव करने लगा था (पद 4-5)। ऐसे में उसकी स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी कि वह प्रार्थना करे, और उसने लिखा, और मैं ने कहा, भला होता कि मेरे कबूतर के से पंख होते तो मैं उड़ जाता और विश्राम पाता” (पद 6)।

          जब भी संकट आएँ, तो सदा स्मरण रखें कि सभी शान्ति का परमेश्वर आपको आपके सबसे अन्धकारपूर्ण समयों और सबसे गहरे भय के पार सुरक्षित लेकर जा सकता है। हमारे प्रभु परमेश्वर का अपने विश्वासियों से यह वायदा है कि वह हमारी आँखों से सब आँसुओं को पोंछ देगा (प्रकाशितवाक्य 21:4)। उसके इस आश्वासन से सामर्थ्य पाकर, हम आज अपने आँसुओं को भी उसे सौंप सकते हैं, इस भरोसे के साथ कि अवश्य ही एक दिन वह उन सभी का हिसाब चुकाएगा। - बिल क्राउडर

 

हे परमेश्वर पिता, जब जीवन अभिभूत करे, तो मुझे अपनी सामर्थ्य से भर देना।


तू मेरे मारे मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आंसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है? - भजन संहिता 56:8

बाइबल पाठ: भजन 55:4-19

भजन संहिता 55:4 मेरा मन भीतर ही भीतर संकट में है, और मृत्यु का भय मुझ में समा गया है।

भजन संहिता 55:5 भय और कंपकंपी ने मुझे पकड़ लिया है, और भय के कारण मेरे रोंए रोंए खड़े हो गए हैं।

भजन संहिता 55:6 और मैं ने कहा, भला होता कि मेरे कबूतर के से पंख होते तो मैं उड़ जाता और विश्राम पाता!

भजन संहिता 55:7 देखो, फिर तो मैं उड़ते उड़ते दूर निकल जाता और जंगल में बसेरा लेता,

भजन संहिता 55:8 मैं प्रचण्ड बयार और आन्धी के झोंके से बचकर किसी शरण स्थान में भाग जाता।

भजन संहिता 55:9 हे प्रभु, उन को सत्यानाश कर, और उनकी भाषा में गड़बड़ी डाल दे; क्योंकि मैं ने नगर में उपद्रव और झगड़ा देखा है।

भजन संहिता 55:10 रात दिन वे उसकी शहरपनाह पर चढ़कर चारों ओर घूमते हैं; और उसके भीतर दुष्टता और उत्पात होता है।

भजन संहिता 55:11 उसके भीतर दुष्टता ने बसेरा डाला है; और अन्धेर, अत्याचार और छल उसके चौक से दूर नहीं होते।

भजन संहिता 55:12 जो मेरी नामधराई करता है वह शत्रु नहीं था, नहीं तो मैं उसको सह लेता; जो मेरे विरुद्ध बड़ाई मारता है वह मेरा बैरी नहीं है, नहीं तो मैं उस से छिप जाता।

भजन संहिता 55:13 परन्तु वह तो तू ही था जो मेरी बराबरी का मनुष्य मेरा परम-मित्र और मेरी जान पहचान का था।

भजन संहिता 55:14 हम दोनों आपस में कैसी मीठी मीठी बातें करते थे; हम भीड़ के साथ परमेश्वर के भवन को जाते थे।

भजन संहिता 55:15 उन को मृत्यु अचानक आ दबाए; वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएं; क्योंकि उनके घर और मन दोनों में बुराइयां और उत्पात भरा है।

भजन संहिता 55:16 परन्तु मैं तो परमेश्वर को पुकारूंगा; और यहोवा मुझे बचा लेगा।

भजन संहिता 55:17 सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई दूंगा और कराहता रहूंगा। और वह मेरा शब्द सुन लेगा।

भजन संहिता 55:18 जो लड़ाई मेरे विरुद्ध मची थी उस से उसने मुझे कुशल के साथ बचा लिया है। उन्होंने तो बहुतों को संग ले कर मेरा सामना किया था।

भजन संहिता 55:19 ईश्वर जो आदि से विराजमान है यह सुनकर उन को उत्तर देगा। ये वे हैं जिन में कोई परिवर्तन नहीं और उन में परमेश्वर का भय है ही नहीं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 राजाओं 4-6
  • लूका 24:36-53