ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 16 जून 2017

लंगर


   एस्टेला पायफ्रॉम ने शिक्षिका की नौकरी से सेवा-निवृत्ति प्राप्त करने के बाद एक बस खरीदी, उसमें कंप्यूटर और मेज़ें लगवाईं, और अब वह "ब्रिलियंट बस" नामक अपनी उस बस को फ्लौरिडा की पाम बीच काउन्टी की सड़कों पर चलाती है। इस बस के द्वारा वह ऐसे बच्चों को जिनके पास संसाधान नहीं हैं, अपनी पढ़ाई का गृह-कार्य करने तथा तकनीकी को सीखने का अवसर देती है। एस्टेला उन बच्चों को एक आशा और स्थिरता प्रदान कर रही है, जो एक बेहतर भविष्य के अपने सपनों को संसाधनों के अभाव में त्याग देने का विचार कर रहे हों।

   प्रथम ईसवीं में, सताव और निराशा का पहाड़ मसीही विश्वासियों पर टूट पड़ा था। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों को लिखी गई पत्री के लेखक ने उन मसीही विश्वासियों को अपने भविष्य की आशा (2:1) पर अपने भरोसे को छोड़ न देने के लिए लिखा और आश्वस्त किया। उनकी यह आशा, अर्थात उध्दार तथा स्वर्ग में स्थान के लिए प्रभु परमेश्वर पर विश्वास, मसीह यीशु और उनके द्वारा क्रूस पर दिए गए अपने बलिदान पर आधारित थी। जब मृतकों से अपने पुनरुत्थान के बाद प्रभु ने स्वर्ग में प्रवेश किया, तब उन्होंने भविष्य के लिए उनकी इस आशा को सुनिश्चित कर दिया (6:19-20)।

   जैसे समुद्र में डाला गया लंगर, जहाज़ को इधर-उधर हो जाने से रोके रखता है, वैसे ही प्रभु यीशु की मृत्यु, पुनरुत्थान, और स्वर्गारोहण में लाया गया विश्वास भी एक मसीही विश्वासी के जीवन को स्थिरता तथा आशा प्रदान करता है। प्रभु यीशु मसीह पर आधारित भविष्य के लिए इस आशा को न तो हिलाया जा सकता है और न ही यह कभी हिलेगी।

   प्रभु यीशु हमारी आत्मा को एक ऐसा स्थिर लंगर प्रदान करता है जो हमें प्रभु परमेश्वर पर लाए गए विश्वास और अनन्तकाल की आशा से कभी भटकने नहीं देता है। - मार्विन विलियम्स


प्रभु यीशु ही हमारी आशा का लंगर है।

इस कारण चाहिए, कि हम उन बातों पर जो हम ने सुनी हैं और भी मन लगाएं, ऐसा न हो कि बहक कर उन से दूर चले जाएं। - इब्रानियों 2:1

बाइबल पाठ: इब्रानियों 6:13-20
Hebrews 6:13 और परमेश्वर ने इब्राहीम को प्रतिज्ञा देते समय जब कि शपथ खाने के लिये किसी को अपने से बड़ा न पाया, तो अपनी ही शपथ खाकर कहा। 
Hebrews 6:14 कि मैं सचमुच तुझे बहुत आशीष दूंगा, और तेरी सन्तान को बढ़ाता जाऊंगा। 
Hebrews 6:15 और इस रीति से उसने धीरज धर कर प्रतिज्ञा की हुई बात प्राप्त की। 
Hebrews 6:16 मनुष्य तो अपने से किसी बड़े की शपथ खाया करते हैं और उन के हर एक विवाद का फैसला शपथ से पक्का होता है। 
Hebrews 6:17 इसलिये जब परमेश्वर ने प्रतिज्ञा के वारिसों पर और भी साफ रीति से प्रगट करना चाहा, कि उसकी मनसा बदल नहीं सकती तो शपथ को बीच में लाया। 
Hebrews 6:18 ताकि दो बे-बदल बातों के द्वारा जिन के विषय में परमेश्वर का झूठा ठहरना अन्‍होना है, हमारा दृढ़ता से ढाढ़स बन्ध जाए, जो शरण लेने को इसलिये दौड़े है, कि उस आशा को जो साम्हने रखी हुई है प्राप्त करें। 
Hebrews 6:19 वह आशा हमारे प्राण के लिये ऐसा लंगर है जो स्थिर और दृढ़ है, और परदे के भीतर तक पहुंचता है।
Hebrews 6:20 जहां यीशु मलिकिसिदक की रीति पर सदा काल का महायाजक बन कर, हमारे लिये अगुआ की रीति पर प्रवेश हुआ है। 

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 4-6
  • प्रेरितों 2:22-47