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शुक्रवार, 21 जुलाई 2017

पास


   मेरी सहेली अपने परिवार और जीवन से संबंधित कुछ कठिन परिस्थितियों से होकर निकल रही थी, और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं उससे क्या कहूँ या उसके लिए क्या करूँ। मैंने उससे अपनी यही दुविधा कही; उसने मेरी ओर देखकर कहा, "बस मेरे निकट बनी रहो।" मैंने ऐसा ही किया, और कुछ समय के बाद हमने परमेश्वर के प्रेम के बारे में बातें करनी आरंभ कर दीं।

   बहुधा हमें समझ नहीं आता है कि जब दूसरे दुःख से होकर निकल रहे हैं तो हम उनके साथ क्या बात करें, उन्हें क्या कहें, क्योंकि कई बार शब्द भलाई के स्थान पर बुरा कर देते हैं। दूसरों की सेवा करने के लिए हमें यह समझना आवश्यक है कि वे क्या चाहते हैं, उन्हें किस बात की आवश्यकता है; और तब हम व्यावाहरिक रीति से उनकी सहायाता कर सकते हैं। लेकिन दुःखी लोगों को प्रोत्साहित करने का एक सबसे अच्छा तरीका है उनके साथ बैठना, उनकी सुनना।

   हम जब भी उसे पुकारते हैं, परमेश्वर सदा ही हमारे निकट होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने लिखा, "धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उन को सब विपत्तियों से छुड़ाता है। यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है" (भजन 34:17-18)।

   अपने आप को दूसरों के स्थान पर रखने, और अपने हृदय को उनके प्रति अनुकंपा अनुभव करने देने के द्वारा हम दुःखी लोगों के सहायक हो सकते हैं। जैसे परमेश्वर हमारे निकट रहता और हमारी सुनता है, वैसे ही हमें औरों के निकट रहना और उनके मन की बात को सुनना चाहिए। दुःखियों के निकट रहते हुए, सही अवसर पर परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमें बोलने के लिए वह सही शब्द देगा जिनकी उन्हें आवश्यकता होगी। - कीला ओकोआ


दूसरों को प्रोत्साहित करने का सर्वोत्त्म तरीका 
केवल उनके निकट बने रहना भी हो सकता है।

प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं। - यशायाह 50:4

बाइबल पाठ: भजन 34:4-18
Psalms 34:4 मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया। 
Psalms 34:5 जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया। 
Psalms 34:6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया। 
Psalms 34:7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है। 
Psalms 34:8 परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है। 
Psalms 34:9 हे यहोवा के पवित्र लोगो, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती! 
Psalms 34:10 जवान सिंहों तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी।। 
Psalms 34:11 हे लड़कों, आओ, मेरी सुनो, मैं तुम को यहोवा का भय मानना सिखाऊंगा। 
Psalms 34:12 वह कौन मनुष्य है जो जीवन की इच्छा रखता, और दीर्घायु चाहता है ताकि भलाई देखे? 
Psalms 34:13 अपनी जीभ को बुराई से रोक रख, और अपने मुंह की चौकसी कर कि उस से छल की बात न निकले। 
Psalms 34:14 बुराई को छोड़ और भलाई कर; मेल को ढूंढ और उसी का पीछा कर। 
Psalms 34:15 यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं। 
Psalms 34:16 यहोवा बुराई करने वालों के विमुख रहता है, ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले। 
Psalms 34:17 धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उन को सब विपत्तियों से छुड़ाता है। 
Psalms 34:18 यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 29-30
  • प्रेरितों 23:1-15