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शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2014

साथ


   चार वर्षीय सैमूएल ने अपना भोजन समाप्त कर लिया था, और अब वह बाहर जाकर खेलना चाह रहा था। लेकिन क्योंकि वह बाहर अकेले जाने के लिए अभी बहुत छोटा था, इसलिए उसकी माँ ने कहा, "नहीं; तुम अकेले बाहर नहीं जा सकते। थोड़ा समय प्रतीक्षा करो, मैं अपना भोजन समाप्त कर के तुम्हारे साथ बाहर आऊँगी।" तुरंत ही सैमूएल ने उत्तर दिया, "परन्तु मम्मी, यीशु तो मेरे साथ है ही।"

   सैमूएल ने अपने माता-पिता से भली-भाँति सीखा था कि प्रभु यीशु सदा हमारे साथ बने रहते हैं। हम आज के बाइबल पाठ में भी देखते हैं कि याकूब ने भी यह पाठ भलि-भांति सीखा था। याकूब, अपने पिता के निर्देश पर, अपनी माता के परिवारजनों में अपने लिए पत्नि खोजने अकेले ही हारान की ओर जा रहा था (उत्पत्ति 28:1-4)। जब रात हुई तो वह एक खुले स्थान पर सो गया, और स्वप्न में उसे परमेश्वर ने दर्शन देकर कहा, "और सुन, मैं तेरे संग रहूंगा, और जहां कहीं तू जाए वहां तेरी रक्षा करूंगा...तुझ को न छोडूंगा" (पद 15)। याकूब जाग उठा और उसने पहचाना कि परमेश्वर ने ही उससे बातचीत करी थी: "तब याकूब जाग उठा, और कहने लगा; निश्चय इस स्थान में यहोवा है..." (पद 16)। अपने साथ परमेश्वर की उपस्थिति से वह आश्वस्त हुआ, उसने परमेश्वर के साथ वाचा बाँधी (पद 20-22) और निश्चिंत होकर अपने मामा के घर  चला गया जहाँ से वह एक बहुत धनवान, सामर्थी और बाल-बच्चों वाला होकर वापस लौटा।

   यदि आपने प्रभु यीशु को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण किया है (यूहन्ना 1:12) आप भी आश्वस्त रह सकते हैं कि प्रभु यीशु सदा आपके साथ बने रहते हैं (इब्रानियों 13:5)। इस बात को जानने तथा इसके तात्पर्यों को पहचानने के पश्चात, होने दें कि आप का प्रत्युत्तर भी याकूब के समान ही प्रभु परमेश्वर के प्रति संपूर्ण समर्पण का हो जिससे परमेश्वर की आशीषें आपके जीवन में भी भर जाएं। - ऐनी सेटास


हमारा प्रेमी परमेश्वर पिता सदा ही हमारे साथ बना रहता है।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 28:10-22
Genesis 28:10 सो याकूब बेर्शेबा से निकल कर हारान की ओर चला। 
Genesis 28:11 और उसने किसी स्थान में पहुंच कर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; सो उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बना कर रखा, और उसी स्थान में सो गया। 
Genesis 28:12 तब उसने स्वप्न में क्या देखा, कि एक सीढ़ी पृथ्वी पर खड़ी है, और उसका सिरा स्वर्ग तक पहुंचा है: और परमेश्वर के दूत उस पर से चढ़ते उतरते हैं। 
Genesis 28:13 और यहोवा उसके ऊपर खड़ा हो कर कहता है, कि मैं यहोवा, तेरे दादा इब्राहीम का परमेश्वर, और इसहाक का भी परमेश्वर हूं: जिस भूमि पर तू पड़ा है, उसे मैं तुझ को और तेरे वंश को दूंगा। 
Genesis 28:14 और तेरा वंश भूमि की धूल के किनकों के समान बहुत होगा, और पच्छिम, पूरब, उत्तर, दक्खिन, चारों ओर फैलता जाएगा: और तेरे और तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे कुल आशीष पाएंगे। 
Genesis 28:15 और सुन, मैं तेरे संग रहूंगा, और जहां कहीं तू जाए वहां तेरी रक्षा करूंगा, और तुझे इस देश में लौटा ले आऊंगा: मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूं तब तक तुझ को न छोडूंगा। 
Genesis 28:16 तब याकूब जाग उठा, और कहने लगा; निश्चय इस स्थान में यहोवा है; और मैं इस बात को न जानता था। 
Genesis 28:17 और भय खा कर उसने कहा, यह स्थान क्या ही भयानक है! यह तो परमेश्वर के भवन को छोड़ और कुछ नहीं हो सकता; वरन यह स्वर्ग का फाटक ही होगा। 
Genesis 28:18 भोर को याकूब तड़के उठा, और अपने तकिए का पत्थर ले कर उसका खम्भा खड़ा किया, और उसके सिरे पर तेल डाल दिया। 
Genesis 28:19 और उसने उस स्थान का नाम बेतेल रखा; पर उस नगर का नाम पहिले लूज था। 
Genesis 28:20 और याकूब ने यह मन्नत मानी, कि यदि परमेश्वर मेरे संग रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिये रोटी, और पहिनने के लिये कपड़ा दे, 
Genesis 28:21 और मैं अपने पिता के घर में कुशल क्षेम से लौट आऊं: तो यहोवा मेरा परमेश्वर ठहरेगा। 
Genesis 28:22 और यह पत्थर, जिसका मैं ने खम्भा खड़ा किया है, परमेश्वर का भवन ठहरेगा: और जो कुछ तू मुझे दे उसका दशमांश मैं अवश्य ही तुझे दिया करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 7-10