मेरा बेटा एक लंबा अवकाश लेकर घर आया हुआ था। एक दिन उस ने मेरे कार्य करने के कमरे का दरवाज़ा खटखटाया, अन्दर आया और मुझ से पूछा कि मैं क्या कर रहा हूँ? मैंने उत्तर दिया कि "मैं रविवार की बाइबल क्लास की तैयारी कर रहा हूँ"; और फिर यह सोचते हुए कि मैं अकसर कुछ ना कुछ तैयार करने के लिए अपने कमरे में कार्यरत रहता हूँ, मैंने आगे कहा, "लगता है कि मैं सदा ही कुछ तैयार कर रहा होता हूँ"।
मैं परमेश्वर का बहुत धन्यवादी हूँ उन अवसरों के लिए जो वह मुझे प्रदान करता है कि मैं दूसरों तक उसके वचन को पहुँचा सकूँ। लेकिन इस कार्य में कुछ तनाव भी रहता है जब आप सदा किसी ना किसी के लिए कुछ ना कुछ तैयार करने में लगे रहते हैं। ऐसे में घर, परिवार और अन्य बातों के लिए अपनी प्राथमिकताओं को निर्धारित करना और निभाना कभी कभी कठिन भी हो जाता है, क्योंकि सदा ही कोई पाठ, कोई सन्देश, या कोई दस्तावेज़ आपके समय और मन पर हावी होता है।
सदा तैयारी करते रहने के इस विचार ने मुझ में जिज्ञासा उत्पन्न करी और मैंने परमेश्वर के वचन बाइबल में खोज कर देखा कि इस विषय में वहाँ क्या शिक्षाएं दी गई हैं। मुझे मिला कि बाइबल हम मसीही विश्वासियों को सदा तैयारी करते रहने के लिए सिखाती है। परमेश्वर को समर्पित हृदय को उसकी सेवा के लिए सदा तैयारी करते रहना है (1 शमूएल 7:3)। हमें भले कार्यों के लिए सदा तैयार रहना है (2 तिमुथियुस 2:21); हमें पवित्रशास्त्र की सच्चाईयों की सुरक्षा करने और समझाने के लिए सदा तैयार रहना है (1 पतरस 3:15)। प्रेरित पौलुस यह भी स्मरण करवाता है कि अपने संसाधानों का सेवकाई में दान करने के लिए भी योजनाबद्ध रीति से तैयार रहना है (2 कुरिन्थियों 9:5)।
यह तो बस एक शुरूआत है; परमेश्वर को भाते रहने वाला जीवन व्यतीत करने के लिए हमें मानसिक, आत्मिक और शारीरिक रिति से तैयार रहना है। लेकिन इसके लिए हमें किसी तनाव में आने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि परमेश्वर स्वयं हमें इसके लिए आवश्यक सामर्थ और मार्गदर्शन देगा। परमेश्वर से प्रार्थना करें कि जब हम उसकी सेवकाई करने, उसे आदर देने और दूसरों को उसके बारे में बताने के लिए तैयार होते हैं तो इन सब में वह ही हमारा मार्गदर्शन करे। - डेव ब्रैनन
आज का सही उपयोग ही कल की सर्वोत्तम तैयारी है।
सो हे प्यारो जब कि ये प्रतिज्ञाएं हमें मिली हैं, तो आओ, हम अपने आप को शरीर और आत्मा की सब मलिनता से शुद्ध करें, और परमेश्वर का भय रखते हुए पवित्रता को सिद्ध करें। - 2 कुरिन्थियों 7:1
बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 2:19-26
2 Timothy 2:19 तौभी परमेश्वर की पड़ी नेव बनी रहती है, और उस पर यह छाप लगी है, कि प्रभु अपनों को पहिचानता है; और जो कोई प्रभु का नाम लेता है, वह अधर्म से बचा रहे।
2 Timothy 2:20 बड़े घर में न केवल सोने-चान्दी ही के, पर काठ और मिट्टी के बरतन भी होते हैं; कोई कोई आदर, और कोई कोई अनादर के लिये।
2 Timothy 2:21 यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा; और स्वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा।
2 Timothy 2:22 जवानी की अभिलाषाओं से भाग; और जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम लेते हैं, उन के साथ धर्म, और विश्वास, और प्रेम, और मेल-मिलाप का पीछा कर।
2 Timothy 2:23 पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह; क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं।
2 Timothy 2:24 और प्रभु के दास को झगड़ालू होना न चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो।
2 Timothy 2:25 और विरोधियों को नम्रता से समझाए, क्या जाने परमेश्वर उन्हें मन फिराव का मन दे, कि वे भी सत्य को पहिचानें।
2 Timothy 2:26 और इस के द्वारा उस की इच्छा पूरी करने के लिये सचेत हो कर शैतान के फंदे से छूट जाएं।
एक साल में बाइबल:
- 1 राजा 21-22
- लूका 23:26-56