सन 1877 में इंग्लैंड के एक स्थान की एक
मसीही आराधना सभा के बाद जब चर्च में उन लोगों से आगे आने के लिए कहा गया, जिन्होंने
प्रभु यीशु को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण किया था, तब उन आगे आने
वालों में से एक रॉडनी स्मिथ भी था। उसे आगे की ओर जाता हुआ देख, बैठे हुए लोगों
में से किसी ने घृणा भरे स्वर में फुसफुसाकर कहा, “अरे यह तो
बंजारों का लड़का है।” किसी को भी उस किशोर से, जो अशिक्षित
बंजारों के परिवार में से था, कोई अपेक्षा नहीं थी। किन्तु रॉडनी ने उन सभी
आलोचकों की कोई परवाह नहीं की। वह दृढ़ निश्चय था कि उसके जीवन के लिए परमेश्वर का
कोई उद्देश्य है, इसलिए उसने अपने लिए परमेश्वर के वचन बाइबल की एक प्रति
तथा अंग्रेज़ी भाषा का एक शब्दकोष मोल लिया, और अपने आप को
पढ़ना तथा लिखना सिखाया। उसने एक बार कहा था, “प्रभु यीशु
तक पहुँचने का मार्ग कैम्ब्रिज, हार्वर्ड, या येल (इंग्लैंड के विश्व-विख्यात
विश्व-विद्यालय), या कवियों में से होकर नहीं जाता है। वह तो उस पुराने टीले, कलवरी से होकर
जाता है।” अनेकों कठिनाइयों के बावजूद, रॉडनी एक ऐसा सुसमाचार प्रचारक बना जिसे परमेश्वर ने
इंग्लैंड और अमेरिका में बहुत से लोगों को प्रभु यीशु मसीह के पास लाने के लिए
प्रयोग किया।
बाइबल का एक प्रमुख पात्र, प्रभु यीशु
मसीह के बारह चेलों में से एक, पतरस, भी गलील में रहने वाला एक साधारण अनपढ़ मछुआरा था
(प्रेरितों 4:13)। वह अपने इसी कार्य में लगा हुआ था, जब प्रभु यीशु
ने उसे अपने पीछे हो लेने के लिए बुलाया (मत्ती 4:19)। वही पतरस, उसकी साधारण
परवरिश और प्रभु यीशु का अनुसरण करते हुए अनेकों असफलताओं के अनुभाव करने के
बावजूद, बाद में अपनी पत्री में लिखता है कि जो प्रभु यीशु मसीह के
पीछे चलने की ठान लेते हैं, वे परमेश्वर के विशेष, आशीष पाए हुए, अद्भुत लोग हो
जाते हैं (1 पतरस 2:9)।
प्रभु यीशु मसीह में विश्वास लाने के
द्वारा, संसार का कोई भी जन, उसकी शिक्षा, परवरिश, लिंग, जाति, स्तर आदि चाहे
कुछ भी हो, वह परमेश्वर के परिवार का एक विशिष्ट सदस्य बन जाता है।
फिर वह परमेश्वर के लिए उपयोगी हो जाता है, और स्वर्ग के
राज्य में उसका एक विशेष स्थान हो जाता है।
क्या आपने प्रभु यीशु पर विश्वास करने
के द्वारा अपना विशेष दर्जा प्राप्त कर लिया है? – एस्तेरा
पिरोसका एस्कोबार
प्रभु परमेश्वर
अपने में मुझे विशेष बना लेने के लिए धन्यवाद।
परन्तु जितनों ने
उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर
के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लहू
से, न शरीर की इच्छा
से, न मनुष्य की इच्छा
से, परन्तु परमेश्वर
से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13
बाइबल पाठ: 1
पतरस 2:4-10
1 पतरस 2:4 उसके
पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर
के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य जीवता पत्थर है।
1 पतरस 2:5 तुम
भी आप जीवते पत्थरों के समान आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का
पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के
द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।
1 पतरस 2:6 इस कारण
पवित्र शास्त्र में भी आया है, कि देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य
पत्थर धरता हूं: और जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से
लज्जित नहीं होगा।
1 पतरस 2:7 सो तुम्हारे
लिये जो विश्वास करते हो, वह तो बहुमूल्य है, पर जो विश्वास नहीं
करते उन के लिये जिस पत्थर को राजमिस्त्रीयों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा
हो गया।
1 पतरस 2:8 और ठेस
लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है: क्योंकि वे तो वचन को न मान कर ठोकर
खाते हैं और इसी के लिये वे ठहराए भी गए थे।
1 पतरस 2:9 पर तुम
एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की)
निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति
में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।
1 पतरस 2:10 तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर
ही प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।
एक साल में बाइबल:
- एज्रा 6-8
- यूहन्ना 21