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मंगलवार, 16 फ़रवरी 2010

उत्तर

कहा जाता है कि आर्थर स्कोपनहोवर नामक दार्शनिक (१७८८-१८६०) एक दिन अपनी उत्पत्ति और अन्त से संबंधित प्रशनों - "मैं कौन हूँ?" "मैं कहाँ जा रहा हूँ?" पर गहन मनन करते हुए बरलिन की एक प्रसिद्ध वाटिका में टहल रहा था।

बगीचे की देख-भाल करने वाला उसे ध्यान से देख रहा था। बेढंगे, बेतरतीब कपड़े पहने, सिर झुकाये धीरे धीरे टहलते स्कोपनहोवर को उस ने भिखारी समझा और पूछा कि "तुम कौन हो?" "कहाँ जा रहे हो?" एक दुखी भाव से स्कोपनहोवर ने जवाब दिया "मैं नहीं जानता। काश कोई मुझे यह बता पाता।"

क्या कुछ ऐसे ही प्रश्नों से आप भी असमंजस में हैं - "मैं कौन हूँ?" "मैं कहाँ जा रहा हूँ?" कितना सन्तोष जनक है यह जानना कि बाइबल मे हमें परमेश्वर की ओर से इन प्रश्नों के सही उत्तर मिलते हैं।

"मैं कौन हूँ?" - १ युहन्ना ३ में युहन्ना बताता है कि हम "परमेश्वर की सन्तान हैं"; हम पापों से उद्धार देने वाले यीशु को ग्रहण करके उसकी सन्तान बनते हैं (यूहन्ना १:१२)।

"हम कहाँ जा रहे हैं?" - यूहन्ना १४:१-६ बताता है कि एक दिन उसके द्वारा स्वर्ग में हमारे लिये तैयार किये गये घर में यीशु हमारा स्वागत करेगा।

हमारा सृष्टिकर्ता केवल विज्ञान और इतिहास का ही लेखक नहीं है, परन्तु वह आदम की हर सन्तान - आपके और मेरे निज इतिहास का भी लेखक है। हम उसके उत्तरों पर विश्वास कर सकते हैं। - वरनॉन ग्राउन्ड्स


जब आप यीशु को जानेंगे, तब जान लेंगे कि आप कौन हैं और आप कहाँ जा रहे हैं।


बाइबल पाठ: १ यूहन्ना ३:१-९


हे प्रियो अभी हम परमेश्वर की सन्तान हैं - १ यूहन्ना ३:२


एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था १९,२०
  • मत्ती २७:५१-६६