जब चीन के नैनजिन्ग प्रांत में युद्ध से अत्याचार होने लगे तो आम नागरिकों को भी बहुत कष्टों का सामना करना पड़ा। महिलाएं भी इन अत्याचारों से अछूती नहीं थीं, बहुत सी महिलाओं को मार डाला गया या उन्हें हिंसा को झेलना पड़ा। इस भीषण परिस्थिति में एक मिशनरी अध्यापिका, मिन्नी वौट्रिन ने, चीनी महिलाओं को हिंसा और अत्याचार से बचाने के लिए अद्भुत साहस के कार्य करे। मिन्नी ने चीनी नागरिकों, अन्य मिशनरीयों, डाक्टरों और व्यापारियों के साथ मिल कर, जिस कॉलेज में वह अध्यापिका थी, उसे एक सुरक्षा स्थल बना लिया जहां हज़ारों स्त्रियों और लड़कियों ने शरण पाई और युद्ध के अत्यचारों से बच सके।
परमेश्वर के वचन बाइबल में हम दो पात्रों को देखते हैं - रूथ और उसकी सास नाओमी; उन्हें भी एक सुरक्षा स्थल की आवश्यक्ता थी। बहुत वर्ष पहले देश में पड़े अकाल के कारण नाओमी के परिवार ने अपना वह इलाका छोड़ दिया था और परदेश में जाकर रहने लगे थे। परदेश में ही नाओमी के दोनो पुत्रों ने शादियां करीं, किंतु वहीं नाओमी का पति और उसके दोनो पुत्र चल बसे। एक बहु तो अपने देश में ही रह गई, दुसरी बहु रूथ, अपनी सास के साथ वापस देश में आ गए। अब इन दोनो विधवाओं को अपनी गुज़र-बसर करने के लिए फसल काटे जाने के बाद खेतों में बचे पड़े अनाज को बीन कर काम चलाना पड़ता था। उनके लिए अब बचाव का एक ही उपाए था कि कोई ’छुड़ाने वाला कुटुंबी’ मिल जाए और उन्हें स्वीकार कर ले - एक ऐसा जन जो नाओमी के परिवार से संबंधित हो और रूथ को ब्याह कर अपने घर लेने को तैयार हो।
बोआज़ एक ऐसा कुटुंबी था। उसने नाओमी के प्रति रूथ के प्रेम और त्याग को जाना था और वह उसके परमेश्वर के प्रति प्रेम (रूथ २:१२), तथा भले चरित्र और स्वभाव से भी प्रभावित था। बोआज़ ने सभी विधियों का निर्वाह करते हुए रूथ को उसकी उस दयनीय दशा से ’छुड़ा’ लिया और आदर के साथ अपनी पत्नी बना कर अपने घर ले आया। बोआज़ का घर उनके लिए सुरक्षा स्थल बन गया और नाओमी तथा रूथ को संरक्षण मिला। बोआज़ और रूथ का परपोता दाउद हुआ, जो इस्त्राएल का सबसे प्रीय राजा बना, और फिर जिसके वंश में संसार के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु का जन्म हुआ।
हमारा एकमात्र शरण स्थान तो प्रभु ही (भजन ४६:१), लेकिन वह हम में होकर अपने कार्य करता है। वह चाहता है कि हम उसके लिए लोगों के ’सुरक्षा स्थल’ बनें, जहां पाप और दुख में पड़े लोगों को सांत्वना मिले, तकलीफों से राहत मिले और उद्धारकर्ता परमेश्वर प्रभु के बारे में वे जान सकें, उद्धार पा सकें और अपने अनन्त काल के सुरक्षा स्थल - प्रभु यीशु में आश्रय पा सकें। - डेनिस फिशर
जो प्रेम प्रदर्शित करते हैं वे प्रेम करते भी हैं। - शेक्सपीयर
यहोवा तेरी करनी का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे। - रूथ २:१२
बाइबल पाठ: रूथ २:१-१२
Rth 2:1 नाओमी के पति एलीमेलेक के कुल में उसका एक बड़ा धनी कुटुम्बी था, जिसका नाम बोअज था।
Rth 2:2 और मोआबिन रूत ने नाओमी से कहा, मुझे किसी खेत में जाने दे, कि जो मुझ पर अनुग्रह की दृष्टि करे, उसके पीछे पीछे मैं सिला बीनती जाऊं। उस ने कहा, चली जा, बेटी।
Rth 2:3 सो वह जाकर एक खेत में लवने वालों के पीछे बीनने लगी, और जिस खेत में वह संयोग से गई थी वह एलीमेलेक के कुटुम्बी बोअज का था।
Rth 2:4 और बोअज बेतलेहेम से आकर लवने वालों से कहने लगा, यहोवा तुम्हारे संग रहे, और वे उस से बोले, यहोवा तुझे आशीष दे।
Rth 2:5 तब बोअज ने अपने उस सेवक से जो लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था पूछा, वह किस की कन्या है।
Rth 2:6 जो सेवक लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था उस ने उत्तर दिया, वह मोआबिन कन्या है, जो नाओमी के संग मोआब देश से लौट आई है।
Rth 2:7 उस ने कहा था, मुझे लवने वालों के पीछे पीछे पूलों के बीच बीनने और बालें बटोरने दे। तो वह आई, और भोर से अब तक यहीं है, केवल थोड़ी देर तक घर में रही थी।
Rth 2:8 तब बोअज ने रूत से कहा, हे मेरी बेटी, क्या तू सुनती है? किसी दूसरे के खेत में बीनने को न जाना, मेरी ही दासियों के संग यहीं रहना।
Rth 2:9 जिस खेत को वे लवतीं हों उसी पर तेरा ध्यान बन्धा रहे, और उन्हीं के पीछे पीछे चला करना। क्या मैं ने जवानों को आज्ञा नहीं दी, कि तुझ से न बोलें? और जब जब तुझे प्यास लगे, तब तब तू बरतनों के पास जाकर जवानों का भरा हुआ पानी पीना।
Rth 2:10 तब वह भूमि तक झुक कर मुंह के बल गिरी, और उस से कहने लगी, क्या कारण है कि तू ने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि कर के मेरी सुधि ली है?
Rth 2:11 बोअज ने उत्तर दिया, जो कुछ तू ने पति मरने के पीछे अपनी सास से किया है, और तू किस रीति अपने माता पिता और जन्मभूमि को छोड़ कर ऐसे लोगों में आई है जिनको पहिले तू ने जानती थी, यह सब मुझे विस्तार के साथ बताया गया है।
Rth 2:12 यहोवा तेरी करनी का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे।
Rth 2:1 नाओमी के पति एलीमेलेक के कुल में उसका एक बड़ा धनी कुटुम्बी था, जिसका नाम बोअज था।
Rth 2:2 और मोआबिन रूत ने नाओमी से कहा, मुझे किसी खेत में जाने दे, कि जो मुझ पर अनुग्रह की दृष्टि करे, उसके पीछे पीछे मैं सिला बीनती जाऊं। उस ने कहा, चली जा, बेटी।
Rth 2:3 सो वह जाकर एक खेत में लवने वालों के पीछे बीनने लगी, और जिस खेत में वह संयोग से गई थी वह एलीमेलेक के कुटुम्बी बोअज का था।
Rth 2:4 और बोअज बेतलेहेम से आकर लवने वालों से कहने लगा, यहोवा तुम्हारे संग रहे, और वे उस से बोले, यहोवा तुझे आशीष दे।
Rth 2:5 तब बोअज ने अपने उस सेवक से जो लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था पूछा, वह किस की कन्या है।
Rth 2:6 जो सेवक लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था उस ने उत्तर दिया, वह मोआबिन कन्या है, जो नाओमी के संग मोआब देश से लौट आई है।
Rth 2:7 उस ने कहा था, मुझे लवने वालों के पीछे पीछे पूलों के बीच बीनने और बालें बटोरने दे। तो वह आई, और भोर से अब तक यहीं है, केवल थोड़ी देर तक घर में रही थी।
Rth 2:8 तब बोअज ने रूत से कहा, हे मेरी बेटी, क्या तू सुनती है? किसी दूसरे के खेत में बीनने को न जाना, मेरी ही दासियों के संग यहीं रहना।
Rth 2:9 जिस खेत को वे लवतीं हों उसी पर तेरा ध्यान बन्धा रहे, और उन्हीं के पीछे पीछे चला करना। क्या मैं ने जवानों को आज्ञा नहीं दी, कि तुझ से न बोलें? और जब जब तुझे प्यास लगे, तब तब तू बरतनों के पास जाकर जवानों का भरा हुआ पानी पीना।
Rth 2:10 तब वह भूमि तक झुक कर मुंह के बल गिरी, और उस से कहने लगी, क्या कारण है कि तू ने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि कर के मेरी सुधि ली है?
Rth 2:11 बोअज ने उत्तर दिया, जो कुछ तू ने पति मरने के पीछे अपनी सास से किया है, और तू किस रीति अपने माता पिता और जन्मभूमि को छोड़ कर ऐसे लोगों में आई है जिनको पहिले तू ने जानती थी, यह सब मुझे विस्तार के साथ बताया गया है।
Rth 2:12 यहोवा तेरी करनी का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे।
एक साल में बाइबल:
- २ राजा ७-९
- यूहन्ना १:१-२८