हमारे
पुत्र और बहु के सामने एक विकट स्थिति थी; हमारा पोता निमोनिया और ब्रोंकाइटिस से
ग्रस्त था और उन्हें उसे अस्पताल लेकर जाना था। उन्होंने हम से पूछ कि क्या हम
उनके पाँच वर्षीय बेटे, नेथन, को स्कूल से घर ले कर आ सकते हैं? मैं और मेरी पत्नि
इसके लिए सहर्ष तैयार हो गए।
जब
नेथन कार में चढ़ा, तो मेरी पत्नि ने उससे पूछा, “तुम्हें अचरज नहीं हुआ कि आज हम
तुम्हें लेने आए हैं?” उसने उत्तर दिया, “नहीं!” जब हमने उससे पूछा कि ऐसा क्यों,
तो उसने कहा, “क्योंकि मैं सब जानता हूँ!”
पाँच
वर्ष का एक बालक सब कुछ जानने का दावा कर सकता है, परंतु हम में सो व्यस्क हैं वे
इससे बेहतर जानते हैं। हमारे पास अकसर प्रश्न अधिक और उत्तर कम होते हैं। हम बहुधा
जीवन के क्यों, कब, और कैसे की चिन्ता करते रहते हैं – बिना इस बात का ध्यान करे
कि हम चाहे सब कुछ नहीं जानते हैं परन्तु हम उस परमेश्वर को जानते हैं जो सब कुछ
जानता है।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में भजन 139:1, 3 में हमारे सर्वज्ञानी परमेश्वर के विषय बताया गया
है जो हमारे बारे में सब कुछ बहुत गहराई से जानता है। दाऊद लिखता है, “हे यहोवा,
तू ने मुझे जांच कर जान लिया है... मेरे चलने और लेटने की तू भली
भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है” यह कितना सांत्वना प्रदान करने वाला है कि परमेश्वर हम से सिद्ध प्रेम
करता है, उसे वह सब कुछ पता है जो आज हम अनुभव करने वाले हैं, और वह जानता है कि
जीवन की परिस्थितियों में हमारी सहायता
करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है।
हमारा
ज्ञान तो सदा ही सीमित रहेगा, परन्तु परमेश्वर को जानना ही सबसे महत्वपूर्ण बात
है। जो हमारे बारे में और हमारे जीवन की प्रत्येक परिस्थिति के बारे में भली-भांति
जानता है, उसपर हम पूर्ण भरोसा रख सकते हैं। - बिल क्राउडर
परमेश्वर को जानना ही सबसे महत्वपूर्ण बात
है।
इस कारण मैं इन दुखों को भी उठाता हूं,
पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस की मैं ने
प्रतीति की है, जानता हूं; और मुझे
निश्चय है, कि वह मेरी थाती की उस दिन तक रखवाली कर सकता
है। - 2 तिमुथियुस 1:12
बाइबल पाठ: भजन 139:1-18
Psalms 139:1 हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है।
Psalms 139:2 तू मेरा उठना बैठना जानता है;
और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है।
Psalms 139:3 मेरे चलने और लेटने की तू भली
भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है।
Psalms 139:4 हे यहोवा, मेरे मुंह में ऐसी कोई बात नहीं जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो।
Psalms 139:5 तू ने मुझे आगे पीछे घेर रखा
है, और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है।
Psalms 139:6 यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन
है; यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।
Psalms 139:7 मैं तेरे आत्मा से भाग कर
किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं?
Psalms 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं,
तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी
तू है!
Psalms 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़
कर समुद्र के पार जा बसूं,
Psalms 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से
मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा।
Psalms 139:11 यदि मैं कहूं कि अन्धकार में
तो मैं छिप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का
अन्धेरा हो जाएगा,
Psalms 139:12 तौभी अन्धकार तुझ से न
छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।
Psalms 139:13 मेरे मन का स्वामी तो तू है;
तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा।
Psalms 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा,
इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो
आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं।
Psalms 139:15 जब मैं गुप्त में बनाया जाता,
और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब
मेरी हडि्डयां तुझ से छिपी न थीं।
Psalms 139:16 तेरी आंखों ने मेरे बेडौल
तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे
रचे जाने से पहिले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे।
Psalms 139:17 और मेरे लिये तो हे ईश्वर,
तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा
है।
Psalms 139:18 यदि मैं उन को गिनता तो वे
बालू के किनकों से भी अधिक ठहरते। जब मैं जाग उठता हूं, तब
भी तेरे संग रहता हूं।
एक साल में बाइबल:
- लैव्यवस्था 11-12
- मत्ती 26:1-25