ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 29 जुलाई 2018

प्रेम


      एक कहानी बताई जाती है कि एक मानवविज्ञानी, एक छोटे गाँव में महीनों के अपने शोध कार्य को समाप्त करके वापस घर जाने की तैयारी कर रहा था। घर लौटने के लिए अपनी सवारी गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय, समय बिताने के लिए, उसने अपने साथ खड़े बच्चों के साथ एक खेल खेलना चाहा। उसने कुछ दूरी पर एक पेड़ के नीचे एक टोकरी में कुछ फल और मिठाईयां रखीं और बच्चों से कहा कि जो कोई भागकर पहले उस टोकरी तक पहुँचेगा, वे सभी फल और मिठाईयां उसी की हो जाएँगी। लेकिन जब उसने बच्चों को भागकर टोकरी तक जाने के लिए कहा, तो कोई नहीं भागा, सभी ने एक दूसरे के हाथ पकड़े और सभी एक साथ टोकरी के पास गए।

      जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया; क्यों वे सभी एक साथ गए, और भाग कर किसी एक ने टोकरी क्यों नहीं ले ली, तो एक छोटी लड़की ने उत्तर दिया “जब बाकी सभी दुःखी होते, तो हम में से एक कैसे प्रसन्न हो सकता था?” क्योंकि ये बच्चे एक-दूसरे की परवाह करते थे, इसलिए वे सभी उन फलों और मिठाईयों को एक दूसरे के साथ बाँट कर खाना चाहते थे।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि वर्षों तक मूसा की व्यवस्था का अध्ययन करने के पश्चात, प्रेरित पौलुस ने पाया कि परमेश्वर के सारे नियम एक ही नियम में संक्षिप्त किए जा सकते हैं, “क्योंकि सारी व्यवस्था इस एक ही बात में पूरी हो जाती है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख” (गलतियों 5:14; रोमियों 13:9 भी देखें)। पौलुस ने मसीह यीशु में न केवल एक दूसरे के लिए प्रोत्साहन, सहानुभूति, और देखभाल रखने के कारण को पाया, वरन यह सब कर पाने की आत्मिक सामर्थ्य भी पाई।

      क्योंकि मसीह यीशु हमारी देखभाल करता है, इसलिए हम भी एक दूसरे की देखभाल करें। - मार्ट डीहॉन


जब हम एक दूसरे के प्रति प्रेम दिखाते हैं, 
हम परमेश्वर के प्रति अपने प्रेम को प्रदर्शित करते हैं।

तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो। - गलतियों 6:2

बाइबल पाठ: रोमियों 13:8-11
Romans 13:8 आपस के प्रेम से छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदार न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है।
Romans 13:9 क्योंकि यह कि व्यभिचार न करना, हत्या न करना; चोरी न करना; लालच न करना; और इन को छोड़ और कोई भी आज्ञा हो तो सब का सारांश इस बात में पाया जाता है, कि अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।
Romans 13:10 प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता, इसलिये प्रेम रखना व्यवस्था को पूरा करना है।
Romans 13:11 और समय को पहिचान कर ऐसा ही करो, इसलिये कि अब तुम्हारे लिये नींद से जाग उठने की घड़ी आ पहुंची है, क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उद्धार निकट है।


एक साल में बाइबल: 
  • भजन 49-50
  • रोमियों 1