मेरे पति ने जब हमारे घर के सामने वाले बरामदे के ऊपर छत डाली तो उन्होंने आशा रखी कि कसी दिन कोई पक्षी वहाँ अपना घोंसला बनाएगा, इसलिए उन्होंने उसके लिए कोने के खम्बे के पास थोड़ी सी तिरछी जगह छोड़ दी। बाद में हमें यह देखकर बड़ी हंसी आई कि कुछ रौबिन चिड़ियाँ उस स्थान पर बैठने के लिए आपस में लड़ रही हैं। एक चिड़िया घोंसला बनाने के लिए कुछ तिनके लाती और वहाँ रखती लेकिन उनकी आपसी लड़ाई के कारण वे तिरछे स्थान से फिसल कर नीचे गिर जाते। खम्बे के नीचे तिनकों और घास-फूस के ढेर लगने लगे लेकिन घोंसला किसी का भी नहीं बन पा रहा था। फिर कुछ दिन तक बारिश आती रही, और हमने देखा कि एक घोंसला बन ही गया। घोंसला बनाने वाली मादा रौबिन ने गीली मिट्टी और घास को मिलाकर घोंसला बनाना आरंभ किया, जो उस तिरछे स्थान पर चिपक गया, गिरा नहीं, और उसे वहाँ रहने का वह स्थान मिल गया। उस चिड़िया के निरंतर प्रयासरत रहने ने उसे परिस्थिति पर विजयी बना दिया।
निरंतर प्रयासरत रहने की यह भावना प्रेर्णादायक होती है और मसीही विश्वास के जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। मसीह को आदर देने वाला जीवन जीने के प्रयास में हमें अवश्य ही कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है जो हमें कुँठित और निराश बना सकता है। लेकिन जब हम अपनी सामर्थ पर नहीं वरन परमेश्वर पर भरोसा रखकर उन कठिनाईयों का सामना करते हैं, तो हमें आगे बढते रहने की प्रेर्णा मिलती रहती है, चाहे हमारी कठिनाईयों का समाधान हमें दिखाई ना भी दे। परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है, "हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे" (गलतियों 6:9)।
क्या हमारा प्रेमी परमेश्वर पिता कुछ असंभव प्रतीत होने वाली परिस्थितियों के द्वारा आपको जीवन में निरंतर प्रयासरत बने रहने का पाठ सिखाने का प्रयास कर रहा है? निढाल होकर पीछे ना हटें, प्रयासरत रहें, क्योंकि परमेश्वर उन परिस्थितियों के द्वारा आप में चरित्र और उस चरित्र द्वारा आशा उत्पन्न कर रहा है (रोमियों 5:3-4)। - सिंडी हैस कैसपर
जब संसार कहता है, "हार मान लो" तब आशा कहती है, "एक बार और प्रयास करो"।
हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे। याकूब 1:2-4
बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-8
Romans 5:1 सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।
Romans 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।
Romans 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज।
Romans 5:4 ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है।
Romans 5:5 और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है।
Romans 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा।
Romans 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे।
Romans 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।
एक साल में बाइबल:
- 2 राजा 11-14