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शुक्रवार, 12 सितंबर 2014

भला और बहुत


   मुझे यह मानना होगा कि मैं मीठा बहुत पसन्द करता हूँ। यदि मेरे पास बहुतायत से टॉफियाँ उपलब्ध हों तो मेरे लिए जीवन बहुत सुखी है; लेकिन यह भी है कि मैं चाहे जितनी टॉफियाँ अपने पास जमा कर लूँ, वे समाप्त होती रहती हैं तथा एक सीमा से अधिक उनका सेवन शरीर पर दुषप्रभाव भी डालता है। जीवन में और भी बहुत सी अच्छी वस्तुएं हैं, लेकिन उन टॉफियों की तरह, वे भी कभी ना कभी समाप्त हो ही जाती हैं; और सर्वोत्तम वस्तुएं भी समाप्त हो जाने के बाद जीवन में खालीपन का आभास या फिर खिन्नता की भावना छोड़ सकती हैं।

   इसलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार द्वारा कही बात "मैं ने परमेश्वर से कहा है, कि तू ही मेरा प्रभु है; तेरे सिवाए मेरी भलाई कहीं नहीं" (भजन 16:2) मेरे अन्दर कौतहूल उत्पन्न करती है - हम सब जानते हैं कि परमेश्वर भला है, लेकिन वह पिछला अवसर कब था जब आपने परमेश्वर को अपने जीवन की सर्वोत्तम भलाई के रूप में ग्रहण किया था?

   भजनकार इसी भजन में यह भी बताता है कि परमेश्वर कितना भला है: वह हमारा रक्षक है (पद 1); हमारा संपूर्ण भलाई करने वाला है (पद 2); हमें सम्मति तथा शिक्षा देने वाला है (पद 7); वह हमारे जीवन का मार्ग और हमें भरपूरी से आनन्द देने वाला है (पद 11)। अब भला ऐसी भलाई और कहाँ मिल सकेगी, और ऐसी भलाई करने वाले से कोई क्योंकर दूर भागे?

   लेकिन यह भी एक कटु सत्य है कि अपने जीवनों में परमेश्वर से मिलने वाली सर्वोत्तम और अनन्त काल की भलाई को नज़रंदाज़ करके हम अन्य छोटी-मोटी सांसारिक खुशियों के पीछे भागते रहते हैं, उन्हें प्रभु यीशु में होकर सारे संसार के सभी लोगों के लिए उपलब्ध करवाई गई परमेश्वर की भलाईयों का स्थान देते रहते हैं। परन्तु यह निश्चित है कि उन टॉफियों के समाप्त होने के समान ही संसार की अन्य सभी अल्पकालीन खुशियाँ भी कभी ना कभी जाती रहेंगी; और संसार की हर बात जीवन में कोई ना कोई दुषप्रभाव छोड़ती ही है। संसार की खुशियों की समाप्त होने पर यदि परमेश्वर और उसकी भलाई - प्रभु यीशु का हमारे जीवन में स्थान नहीं रहा है तो फिर उस आने वाले अनन्त जीवन में खालीपन तथा खिन्नता ही शेष रह जाएगी।

   वास्तव में केवल परमेश्वर ही सदा ही तथा सदाकाल के लिए भला है, और हमारे जीवनों के लिए उस की भलाई बहुत है। - जो स्टोवैल


केवल परमेश्वर ही भला है; उससे कम को स्वीकार ना करें।

मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा। - भजन 91:2

बाइबल पाठ: भजन 16:1-11
Psalms 16:1 हे ईश्वर मेरी रक्षा कर, क्योंकि मैं तेरा ही शरणागत हूं। 
Psalms 16:2 मैं ने परमेश्वर से कहा है, कि तू ही मेरा प्रभु है; तेरे सिवाए मेरी भलाई कहीं नहीं। 
Psalms 16:3 पृथ्वी पर जो पवित्र लोग हैं, वे ही आदर के योग्य हैं, और उन्हीं से मैं प्रसन्न रहता हूं। 
Psalms 16:4 जो पराए देवता के पीछे भागते हैं उनका दु:ख बढ़ जाएगा; मैं उनके लोहू वाले तपावन नहीं तपाऊंगा और उनका नाम अपने ओठों से नहीं लूंगा।
Psalms 16:5 यहोवा मेरा भाग और मेरे कटोरे का हिस्सा है; मेरे बाट को तू स्थिर रखता है। 
Psalms 16:6 मेरे लिये माप की डोरी मनभावने स्थान में पड़ी, और मेरा भाग मनभावना है।
Psalms 16:7 मैं यहोवा को धन्य कहता हूं, क्योंकि उसने मुझे सम्मत्ति दी है; वरन मेरा मन भी रात में मुझे शिक्षा देता है। 
Psalms 16:8 मैं ने यहोवा को निरन्तर अपने सम्मुख रखा है: इसलिये कि वह मेरे दाहिने हाथ रहता है मैं कभी न डगमगाऊंगा।
Psalms 16:9 इस कारण मेरा हृदय आनन्दित और मेरी आत्मा मगन हुई; मेरा शरीर भी चैन से रहेगा। 
Psalms 16:10 क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, न अपने पवित्र भक्त को सड़ने देगा।
Psalms 16:11 तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा; तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 28-30