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शनिवार, 30 अप्रैल 2016

बहुत देर


   ऐसा लगभग प्रत्येक सत्र में होता है; मैं कॉलेज में प्रवेश लेने वाले आरंभिक विद्यार्थियों की कक्षा को यह बड़े स्पष्ट रीति से बताता और समझाता हूँ कि स्त्र के अंत में उत्तीर्ण होने के लिए उन्हें घर पर करने के लिए दिए जाने वाले उन अनेक लेखन कार्यों को समय से पूरा करते तथा आँकलन के लिए समय से जमा करते रहना होगा। लेकिन लगभग प्रत्येक सत्र में कुछ विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो मेरी बात पर विश्वास नहीं करते, अपना कार्य समय रहते पूरा करके आँकलन के लिए जमा नहीं करते, और फिर सत्र की अन्तिम कक्षा के बाद वे मुझे विन्ती और मजबूरी के ईमेल भेज कर मुझे समझाने के प्रयास करते हैं कि वे क्यों अपना कार्य समय रहते पूरा नहीं करने पाए। मुझे ऐसा करना बिलकुल अच्छा नहीं लगता, किंतु मुझे उन्हें कहना पड़ता है कि, "क्षमा करें; अब बहुत देर हो चुकी हैं, समय निकल गया और आप इस सत्र में अनुत्तीर्ण हो गए हैं।"

   एक नए विद्यार्थी के लिए यह एहसास, कि उसके हज़ारों डॉलर और समय खर्च भी हो गए और व्यर्थ भी हो गए काफी बुरा है; लेकिन इससे भी कहीं अधिक गंभीर और अटल वह बात है जब अपनी अंतिम श्वास के समय तक लोग परमेश्वर के साथ अपने पापों और अपने संबंधों का समाधान नहीं करते, जबकि परमेश्वर बारंबार उन्हें इसका अवसर और उपाय देता रहता है। जो लोग इस जीवन में परमेश्वर के साथ रहने का निर्णय नहीं लेते, वे फिर अनन्तकाल तक कभी परमेश्वर के साथ रहने नहीं पाएंगे, वरन उनका भाग अनन्तकाल तक परमेश्वर से दूर ही रहेगा।

   उस व्यक्ति के लिए वह कितना भयानक पल होता है जब वह परमेश्वर प्रभु यीशु के सामने अपने जीवन का हिसाब देने को खड़ा हो, और प्रभु को उससे कहना पड़े, "तब मैं उन से खुलकर कह दूंगा कि मैं ने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालों, मेरे पास से चले जाओ" (मत्ती 7:23)। परमेश्वर के वचन बाइबल का लेखक इब्रानियों के नाम लिखी पत्री में पाठकों को सचेत करता है कि वे उस अनन्त विश्राम और आनन्द से जो परमेश्वर अपने लोगों को देना चाहता है वंचित ना रह जाएं (इब्रानियों 4:1)। आज और अभी भी आपके लिए ’बहुत देर’ नहीं हुई है; यदि अभी तक आपने अपने पापों के लिए क्षमा माँग कर अपना जीवन प्रभु यीशु को समर्पित नहीं किया है, तो ऐसा अभी कर लें; प्रभु यीशु सारे संसार के सभी लोगों को सेंत-मेंत क्षमा और उद्धार दे रहा है। आज उसके इस प्रस्ताव को ठुकराना, बाद में अनन्तकाल की पीड़ा को स्वीकारना है। कहीं ऐसा ना हो कि जब तक यह बात समझ में आए, आप के लिए बहुत देर हो चुकी हो। - डेव ब्रैनन


कलवरी के क्रूस पर प्रभु यीशु का बलिदान और तीसरे दिन उसका मृतकों में से पुनरुत्थान, 
पापों की गंभीरता और परमेश्वर की क्षमा तथा प्रेम की वास्तविकता का प्रमाण है।

जैसा कहा जाता है, कि यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, तो अपने मनों को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय किया था। - इब्रानियों 3:15

बाइबल पाठ: इब्रानियों 4:1-11
Hebrews 4:1 इसलिये जब कि उसके विश्राम में प्रवेश करने की प्रतिज्ञा अब तक है, तो हमें डरना चाहिए; ऐसा ने हो, कि तुम में से कोई जन उस से रहित जान पड़े। 
Hebrews 4:2 क्योंकि हमें उन्‍हीं की नाईं सुसमाचार सुनाया गया है, पर सुने हुए वचन से उन्हें कुछ लाभ न हुआ; क्योंकि सुनने वालों के मन में विश्वास के साथ नहीं बैठा। 
Hebrews 4:3 और हम जिन्हों ने विश्वास किया है, उस विश्राम में प्रवेश करते हैं; जैसा उसने कहा, कि मैं ने अपने क्रोध में शपथ खाई, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाएंगे, यद्यपि जगत की उत्‍पत्ति के समय से उसके काम पूरे हो चुके थे। 
Hebrews 4:4 क्योंकि सातवें दिन के विषय में उसने कहीं यों कहा है, कि परमेश्वर ने सातवें दिन अपने सब कामों को निपटा कर के विश्राम किया। 
Hebrews 4:5 और इस जगह फिर यह कहता है, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश न करने पाएंगे।
Hebrews 4:6 तो जब यह बात बाकी है कि कितने और हैं जो उस विश्राम में प्रवेश करें, और जिन्हें उसका सुसमाचार पहिले सुनाया गया, उन्होंने आज्ञा न मानने के कारण उस में प्रवेश न किया। 
Hebrews 4:7 तो फिर वह किसी विशेष दिन को ठहराकर इतने दिन के बाद दाऊद की पुस्‍तक में उसे आज का दिन कहता है, जैसे पहिले कहा गया, कि यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, तो अपने मनों को कठोर न करो। 
Hebrews 4:8 और यदि यहोशू उन्हें विश्राम में प्रवेश कर लेता, तो उसके बाद दूसरे दिन की चर्चा न होती। 
Hebrews 4:9 सो जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है। 
Hebrews 4:10 क्योंकि जिसने उसके विश्राम में प्रवेश किया है, उसने भी परमेश्वर की नाईं अपने कामों को पूरा कर के विश्राम किया है। 
Hebrews 4:11 सो हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उन की नाईं आज्ञा न मान कर गिर पड़े।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 8-9
  • लूका 21:1-19