बात उस समय की है जब मैं एक छोटे से चर्च का पास्टर था; हम अचानक ही एक बड़े संकट में आ गए। हमें उस चर्च भवन को, लागू स्थानीय भवन सुरक्षा मानकों के अनुरूप करने के लिए भवन के नवीनिकरण की आज्ञा मिली, जिसे एक निर्धारित समय सीमा में किया जाना था, अन्यथा वह भवन हम से ले लिया जाता और हमारे पास आराधना के लिए कोई स्थान नहीं रह जाता। इस बड़े कार्य के लिए पर्याप्त धन हमारे पास नहीं था इसलिए चर्च के लोगों से भेंट और दान द्वारा आवश्यक धन को एकत्रित करने के लिए आहवाहन होने लगे। जो भेंट और दान आए उन में से एक ने हमारे चर्च के नेतृत्व करने वाले लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
एक व्रुद्ध महिला ने इस विशेष कार्य के लिए कई सौ डॉलर दान किए, और हम सब जानते थे कि इतना पैसा देना उसकी क्षमता के बाहर था। वास्तव में वो महिला इस पैसे को कई वर्षों से थोड़ा थोड़ा कर के जमा कर रही थी क्योंकि उसे घर के लिए एक अच्छा स्टोव खरीदना था, जबकि अभी तक वह एक छोटी सी हॉट-प्लेट पर ही खाना बनाने का कार्य कर रही थी। हम सब ने उस दान के लिए उसका बहुत धन्यवाद किया और वह पैसा उसे लौटाना चाहा, यह मानते हुए कि उसकी अपनी आवश्यकताएं चर्च की आवश्यकताओं से बढ़कर थीं। लेकिन उस ने पैसा वापस लेने से इन्कार कर दिया क्योंकि उसका मानना था कि चर्च की आवश्यकताएं उसके घर की आवश्यक्ताओं से अधिक महत्वपूर्ण थीं और उसके लिए स्टोव की बजाए यह अधिक आवश्यक था कि उसके परिवार के पास परमेश्वर की आराधना करने के लिए एक स्थान हो। हम सब उसके द्वारा अपनी सीमा से परे दी गई भेंट से स्तब्ध रह गए।
जब प्रभु यीशु ने एक विधवा को मन्दिर की दान पेटी में दो दमड़ी, जो उस समय का सबसे छोटा सिक्का था, डालते देखा तो प्रभु ने भी उसकी दानवीरता के लिए उस विधवा की प्रशंसा करी (लूका 21:3-4)। क्यों? जितना उस ने दिया था उसके लिए नहीं, वरन इसलिए क्योंकि उसने जो कुछ उसके पास था, वह सब दे दिया था। इस तरह की भेंट देना ना केवल परमेश्वर को आदर देता है, वरन हमें परमेश्वर द्वारा सारे संसार के उद्धार तथा पापों की क्षमा के लिए दी गई उसकी सब से मूल्यवान भेंट - प्रभु यीशु मसीह की भी याद दिलाता है।
परमेश्वर ने हमारे लिए अपना सर्वोत्तम न्योछावर कर दिया; उसकी इस भेंट का आदर करें और परमेश्वर के समान परमेश्वर के कार्य के लिए अपना सर्वोत्त्म भेंट में देना भी सीखें। - बिल क्राउडर
मन की कृतज्ञता एक उदार आत्मा द्वारा भी प्रदर्शित की जाती है।
परन्तु बात तो यह है, कि जो थोड़ा बोता है वह थोड़ा काटेगा भी; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा। हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है। - 2 कुरिन्थियों 9:6-7
बाइबल पाठ: लूका 21:1-4
Luke 21:1 फिर उसने आंख उठा कर धनवानों को अपना अपना दान भण्डार में डालते देखा।
Luke 21:2 और उसने एक कंगाल विधवा को भी उस में दो दमडिय़ां डालते देखा।
Luke 21:3 तब उसने कहा; मैं तुम से सच कहता हूं कि इस कंगाल विधवा ने सब से बढ़कर डाला है।
Luke 21:4 क्योंकि उन सब ने अपनी अपनी बढ़ती में से दान में कुछ डाला है, परन्तु इस ने अपनी घटी में से अपनी सारी जीविका डाल दी है।
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण 11-13
- मरकुस 12:1-27