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शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2014

नम्र


   मैं ऐसे लोगों की सराहना करती हूँ जो अपने विश्वास को शब्दों में बयान कर सकते हैं और अपनी वाक्पटुता से दूसरों को उसे समझा सकते हैं। लोग वाक्पटुता के इस गुण को "मुँह चलाने की कला" या "शब्दों का जादूगर होना" भी कहते हैं। अकसर देखा जाता है कि जिनके पास यह वाक्पटुता का गुण है उनमें कुछ घमण्ड भी आ जाता है क्योंकि कम ही लोग उनके सामने टिकने पाते हैं और वाक्पटु लोगों को लगने लगता है कि उनके समान कोई और है ही नहीं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र अपुल्लोस में ना केवल परमेश्वर के वचन के ज्ञान का वरन वाक्पटुता का गुण भी विद्यमान था (प्रेरितों 18:24) और वह इन दोनों गुणों को परमेश्वर की सेवकाई के लिए प्रयोग करता था; यद्यपि अपुल्लोस प्रभु यीशु मसीह के बारे में ठीक प्रचार करता था, लेकिन वह केवल यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के मन फिराव के बपतिस्मे का ही प्रचार करता था (प्रेरितों 18:25, 19:4)। वह प्रभु यीशु की शिक्षाओं को तो जानता था लेकिन शायद पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होने और प्रतिदिन आत्मा की सामर्थ से कार्य करने के बारे में अभी उसे जानकारी नहीं थी।

   अपुल्लोस को प्रचार करता सुनकर प्रेरित पौलुस के साथी मसीही विश्वासी दम्पति, प्रिस्किल्ला और अक्वीला ने उसे अपने घर आमंत्रित किया और उसकी शिक्षाओं में जो कमी थी उन्हें उसे समझाया और उसकी शिक्षाओं को पूरा किया। यद्यपि अपुल्लोस उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति था और परमेश्वर के वचन का भी अच्छा ज्ञाता था, फिर भी उसने नम्रता पूर्वक उस दम्पति की बातों को सुना और ग्रहण किया। परिणामस्वरूप अपुल्लोस अपनी सेवकाई में आगे बढ़ सका और परमेश्वर के वचन में उसका नाम अनन्तकाल के लिए बड़े आदर के साथ दर्ज किया गया है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने भी परमेश्वर के लिए लिखा है कि: "यहोवा भला और सीधा है; इसलिये वह पापियों को अपना मार्ग दिखलाएगा। वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हां वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा" (भजन 25:8-9)। यदि हम में नम्रता है तो परमेश्वर हमें अपने मार्गों की शिक्षा दे सकता है जिससे हम दूसरों को भी अनन्त जीवन के मार्ग के बारे में बता सकें। - सिंडी हैस कैस्पर


नम्र होना अर्थात परमेश्वर में सामर्थी होना।

यहोवा नम्र लोगों को सम्भलता है, और दुष्टों को भूमि पर गिरा देता है। - भजन 147:6

बाइबल पाठ: प्रेरितों 18:24-28
Acts 18:24 अपुल्लोस नाम एक यहूदी जिस का जन्म सिकन्‍दिरया में हुआ था, जो विद्वान पुरूष था और पवित्र शास्त्र को अच्छी तरह से जानता था इफिसुस में आया। 
Acts 18:25 उसने प्रभु के मार्ग की शिक्षा पाई थी, और मन लगाकर यीशु के विषय में ठीक ठीक सुनाता, और सिखाता था, परन्तु वह केवल यूहन्ना के बपतिस्मा की बात जानता था। 
Acts 18:26 वह आराधनालय में निडर हो कर बोलने लगा, पर प्रिस्‍किल्ला और अक्‍विला उस की बातें सुनकर, उसे अपने यहां ले गए और परमेश्वर का मार्ग उसको और भी ठीक ठीक बताया। 
Acts 18:27 और जब उसने निश्‍चय किया कि पार उतरकर अखाया को जाए तो भाइयों ने उसे ढाढ़स देकर चेलों को लिखा कि वे उस से अच्छी तरह मिलें, और उसने पहुंच कर वहां उन लोगों की बड़ी सहायता की जिन्हों ने अनुग्रह के कारण विश्वास किया था। 
Acts 18:28 क्योंकि वह पवित्र शास्त्र से प्रमाण दे देकर, कि यीशु ही मसीह है; बड़ी प्रबलता से यहूदियों को सब के साम्हने निरूत्तर करता रहा।

एक साल में बाइबल: 
  • मरकुस 11-13