पिछले कुछ वर्षों में मुझे आठ बार किशोरों के साथ मिशनरी यात्रा करने का सौभाग्य मिला। अपने उन अनुभवों से मैंने सीखा है कि किशोर मसीह यीशु के लिए प्रभावी होने में किसी से कम नहीं होते - उन्होंने मेरे अपने जीवन और दूसरों के जीवन पर भी बहुत प्रभाव डाला है। साथ ही मैंने यह भी देखा है कि वे किशोर जो सबसे अधिक प्रभावकारी हुए, उनके जीवन उन गुणों से भरे हुए थे जिनके विषय में प्रेरित पौलुस ने तिमुथियुस को लिखा था। तिमुथियुस को लिखी अपनी पहली पत्री में पौलुस ने उसे समझाया कि जवान होने अर्थात अन्य लोगों की अपेक्षा अपने उम्र में कम होने के कारण उसे मसीही सेवकाई के लिए अपने आप को कमज़ोर या अयोग्य नहीं समझना चाहिए। पौलुस ने उससे कहा कि वह स्वयं अन्य विश्वासियों के लिए एक आदर्श बने, और कुछ गुण बताए जिनमें उसे यह उदाहरण प्रस्तुत करना है।
मैंने देखा है कि वे जवान जो मसीह यीशु के लिए प्रभावी होते हैं उनमें पौलुस द्वारा तिमुथियुस को बताए गए ये गुण बहुतायत से कार्यकारी दिखाई देते हैं। जिन गुणों में आदर्श होने के लिए पौलुस ने तिमुथियुस से कहा, और जो मसीह यीशु के लिए प्रभावी लोगों वे हैं:
- वचन - वे अपने वचनों और बातों पर नियंत्रण रखते हैं, गलत या ओछी बातें नहीं करते और उनके वचन परमेश्वर को महिमा देने वाले होते हैं।
- आचरण - वे आचरण और व्यवहार में विवेक और बुद्धिमानी प्रदर्शित करते हैं और उनका आचरण संसार के सामने मसीही विश्वास की एक सजीव गवाही होता है।
- प्रेम - वे परमेश्वर और मनुष्यों दोनों से प्रेम करने की प्रभु यीशु मसीह की शिक्षा (मत्ती 22:37-39) का पालन करते हैं और अपने प्रेमपूर्ण व्यवहार से दिलों को जीत लेते हैं।
- विश्वास - वे मसीह यीशु में अपने विश्वास को अपने जीवन में जी कर दिखाते हैं।
- पवित्रता - वे नैतिक और सैद्धांतिक दोनो ही रूपों में पवित्रता का जीवन जीते हैं; उनके चरित्र भी शुद्ध होते हैं और मसीही जीवन जीने के उन के सिद्धांत भी परमेश्वर के वचन के अनुरूप ही होते हैं।
ऐसा जीवन जीने वाले जवान हम सभी के लिए जीवन जीने के स्तर का अद्भुत मापदण्ड स्थापित करते हैं। पौलुस के ये निर्देश केवल जवानों या किशोरों के लिए नहीं हैं।
हम सभी मसीही विश्वासीयों को अपने अपने स्थानों में वचन, आचरण, प्रेम, विश्वास और पवित्रता में एक आदर्श होना चाहिए। तभी हम अपने और संसार के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के लिए एक प्रभावी जीवन व्यतीत करने पाएंगे। - डेव ब्रैनन
परमेश्वर के वचन बाइबल पर सबसे अर्थपूर्ण टीका बाइबल की शिक्षानुसार व्यतीत होने वाला जीवन है।
कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा। - 1 तिमुथियुस 4:12
बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 4:6-16
1 Timothy 4:6 यदि तू भाइयों को इन बातों की सुधि दिलाता रहेगा, तो मसीह यीशु का अच्छा सेवक ठहरेगा: और विश्वास और उस अच्छे उपदेश की बातों से, जा तू मानता आया है, तेरा पालन-पोषण होता रहेगा।
1 Timothy 4:7 पर अशुद्ध और बूढिय़ों की सी कहानियों से अलग रह; और भक्ति के लिये अपना साधन कर।
1 Timothy 4:8 क्योंकि देह की साधना से कम लाभ होता है, पर भक्ति सब बातों के लिये लाभदायक है, क्योंकि इस समय के और आने वाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिये है।
1 Timothy 4:9 और यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है।
1 Timothy 4:10 क्योंकि हम परिश्रम और यत्न इसी लिये करते हैं, कि हमारी आशा उस जीवते परमेश्वर पर है; जो सब मनुष्यों का, और निज कर के विश्वासियों का उद्धारकर्ता है।
1 Timothy 4:11 इन बातों की आज्ञा कर, और सिखाता रह।
1 Timothy 4:12 कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा।
1 Timothy 4:13 जब तक मैं न आऊं, तब तक पढ़ने और उपदेश और सिखाने में लौलीन रह।
1 Timothy 4:14 उस वरदान से जो तुझ में है, और भविष्यद्वाणी के द्वारा प्राचीनों के हाथ रखते समय तुझे मिला था, निश्चिन्त न रह।
1 Timothy 4:15 उन बातों को सोचता रह, और इन्हीं में अपना ध्यान लगाए रह ताकि तेरी उन्नति सब पर प्रगट हो। अपनी और अपने उपदेश की चौकसी रख।
1 Timothy 4:16 इन बातों पर स्थिर रह, क्योंकि यदि ऐसा करता रहेगा, तो तू अपने, और अपने सुनने वालों के लिये भी उद्धार का कारण होगा।
एक साल में बाइबल:
- 2 इतिहास 21-22
- यूहन्ना 14