एक
युवा माँ होने के नाते, मैं अपनी
बेटी के जीवन के पहले वर्ष की बातों को संभाल कर रखना चाहती थी। मैं हर महीने उसकी
फोटो लिया करती थी, यह दिखाने के
लिए कि वह किस तरह से बढ़ी और बदली। मेरी एक पसंदीदा फोटो में, वो बड़ी खुशी के साथ एक खोखला किए हुए कद्दू,
जिसे मैंने एक स्थानीय किसान से खरीदा था, में बैठी है। आने वाले दिनों में वह कद्दू तो सूख कर मुरझा गया, लेकिन मेरी बेटी बढ़ती रही, पनपती रही।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में पौलुस जिस प्रकार से प्रभु यीशु की सच्चाई को जानने को बताता और समझता
है, वह मुझे अपनी बेटी की उस फोटो को
स्मरण दिलाता है। पौलुस ने प्रभु यीशु मसीह के हमारे हृदय में वास करने की तुलना मिट्टी
के बर्तन में रखे हुए खजाने से की है। प्रभु यीशु ने जो कुछ हमारे लिए किया है, वह हमें साहस और सामर्थ्य प्रदान करता है कि हम
जीवन के संघर्षों के बावजूद उसके कार्यों में लगे रहें, चाहे चारों ओर से दबाव आ रहे हों (2 कुरिन्थियों 4:8)। क्योंकि परमेश्वर
की सामर्थ्य हमारे जीवनों में कार्य करती है इसलिए हम उन दबावों में भी नाश नहीं
होते, वरन प्रभु यीशु का जीवन हमारे
जीवनों में से प्रगट होता है।
जैसे
वह कद्दू मुरझा कर सूख गया था, हम
भी अपने जीवन के संघर्षों में शारीरिक सूखेपन और दुर्बलताओं का अनुभव कर सकते हैं। लेकिन उन चुनौतियों के
होते हुए भी, हम में विद्यमान प्रभु
यीशु का आनन्द बढ़ता जाएगा, कार्य
करता जाएगा। हमारे जीवनों में उसकी कार्यकारी सामर्थ्य, उसके बारे में हमारी समझ-बूझ, हमारे दुर्बल मिट्टी के शरीरों में रखा हुआ अद्भुत स्वर्गीय खज़ाना है। हम
सभी कठिनाइयों के होते हुए भी पनप और बढ़ सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर की सामर्थ्य हमारे जीवनों में कार्य करती है। - कर्स्टन
होल्मबर्ग
परमेश्वर की सामर्थ्य हम में होकर कार्य
करती है।
… क्योंकि आज का दिन
हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास
मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा
दृढ़ गढ़ है। - नहेम्याह 8:10
बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:7-18
2 कुरिन्थियों 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में
रखा है, कि यह असीम सामर्थ्य हमारी ओर
से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।
2 कुरिन्थियों 4:8 हम चारों ओर से क्लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरुपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते।
2 कुरिन्थियों 4:9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए
तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते।
2 कुरिन्थियों 4:10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये
फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी
देह में प्रगट हो।
2 कुरिन्थियों 4:11 क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु
के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो।
2 कुरिन्थियों 4:12 सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन
तुम पर।
2 कुरिन्थियों 4:13 और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय में लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं।
2 कुरिन्थियों 4:14 क्योंकि हम जानते हैं, जिसने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने सामने उपस्थित करेगा।
2 कुरिन्थियों 4:15 क्योंकि सब वस्तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक हो कर परमेश्वर
की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए।
2 कुरिन्थियों 4:16 इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्व नाश भी होता जाता
है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्व दिन
प्रतिदिन नया होता जाता है।
2 कुरिन्थियों 4:17 क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे
लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है।
2 कुरिन्थियों 4:18 और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी
वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि
देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 65-66
- 1 तिमुथियुस 2