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मंगलवार, 13 जुलाई 2021

सुन्दर

 

          जब डेनीस ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ समय बिताना आरंभ किया, तो उसने प्रयास किया की वह पतली हो जाए और सुरुचिपूर्ण वस्त्र पहना करे, जिससे उसे सुन्दर लगे। महिलाओं की सारी पत्रिकाएँ, यही तो परामर्श देती थीं। लेकिन काफी समय बाद उसे पता चला कि उसका बॉयफ्रेंड क्या सोचता था; उसने डेनीस से कहा, “जब तुम थोड़े भारी शरीर की थीं और अपने वस्त्रों पर कुछ विशेष ध्यान नहीं देती थीं, तब भी मैं तुम्हें उतना ही पसंद करता था।”

          तब डेनीस को एहसास हुआ कि “सुन्दरता” कितनी अस्थाई है और विचारों के अनुसार बदल जाती है। सुन्दरता के विषय हमारा दृष्टिकोण औरों के द्वारा बहुत सरलता से प्रभावित हो जाता है। अकसर सुन्दर दिखाई देने का यह विचार भीतरी सुन्दरता की अवहेलना करते हुए, बाहरी स्वरूप पर ही ध्यान केन्द्रित रखता है। लेकिन परमेश्वर के वचन बाइबल से हम सीखते हैं कि परमेश्वर हमें केवल एक ही दृष्टिकोण से देखता है – उसकी सुन्दर, प्रिय संतान। मेरा विचार है कि जब परमेश्वर ने संसार की सृष्टि की, तब उसने सर्वोत्तम को अन्त के लिए – हमारे लिए रखा छोड़ा। जो कुछ भी उसने बनाया वह सब अच्छा था, किन्तु हम मनुष्य कुछ विशेष हैं क्योंकि उसने हमें अपने ही स्वरूप में रचा है (उत्पत्ति 1:27)।

          परमेश्वर हमें सुन्दर मानता है! इसलिए इसमें कोई अचरज की बात नहीं है कि भजनकार विस्मय से भरा था जब उसने प्रकृति की महानता की तुलना मनुष्यों के साथ की। उसने प्रश्न किया,तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?” (भजन 8:4)। लेकिन फिर भी परमेश्वर को यही भाया कि वह हम नाशमान मनुष्यों को ऐसी महिमा और वैभव दे जो अन्य किसी के भी पास नहीं है (पद 5)।

          यह सत्य हमें आश्वासन देता है और हमें उसकी स्तुति और प्रशंसा करने का कारण भी प्रदान करता है। चाहे अन्य कोई हमारे बारे में कुछ भी कहे या हम अपने बारे में कुछ भी सोचें, हमें इस बात से आश्वस्त रहना चाहिए कि हम परमेश्वर की दृष्टि में सुन्दर हैं। - लेस्ली कोह

 

पिता परमेश्वर आपके इस आश्वासन के लिए धन्यवाद कि हम आपकी दृष्टि में सुन्दर हैं।


तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी कर के उसने मनुष्यों की सृष्टि की। - उत्पत्ति 1:27

बाइबल पाठ: भजन 8:4-9

भजन 8:4 तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?

भजन 8:5 क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है।

भजन 8:6 तू ने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तू ने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है।

भजन 8:7 सब भेड़- बकरी और गाय- बैल और जितने वन-पशु हैं,

भजन 8:8 आकाश के पक्षी और समुद्र की मछलियां, और जितने जीव- जन्तु समुद्रों में चलते फिरते हैं।

भजन 8:9 हे यहोवा, हे हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 7-9
  • प्रेरितों 18