प्रथम विश्व-युद्ध में सेवा करने के कारण सी. एस. ल्यूईस सेना की सेवा की कठिनाईयों और तनावों से अनभिज्ञ नहीं थे। दुसरे विश्व-युद्ध के समय एक सामाजिक संबोधन के समय उन्होंने एक सैनिक द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाईयों का सटीक विवरण दिया: "हम हर प्रकार की विपत्तियों के कारण जो भी भय रखते हैं, वे एक सक्रीय सैनिक जीवन में एक साथ देखने को मिलते हैं। जैसे बीमारी के समय की तकलीफ और मृत्यु का भय; निर्धनता के समय के खराब निवास-स्थान, गर्मी- ठण्ड, भूख-प्यास का भय; दासत्व के समय के कठोर बेगार, निरादर, अन्याय और मनमाने व्यवहार का भय; देश निकाले के समय हर प्रकार के प्रेम से दूर हो जाने का भय।"
परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने एक सैनिक के अपने सैनिक सेवकाई में कठिनाइयाँ उठाने की उपमा के द्वारा मसीह यीशु की सेवकाई में एक मसीही विश्वासी को होने वाली कठिनाइयों को समझाया। पौलुस ने, जो अब अपने जीवन के अन्त के निकट था, मसीह यीशु के सुसमाचार की अपनी सेवा के समय में बहुत कठिनाइयों और दुखों को विश्वासयोग्यता के साथ झेला था। अब अपने अन्त समय के निकट आकर उसने अपने संगी सेवक युवा तिमुथियुस से कहा, "मसीह यीशु के अच्छे योद्धा के समान मेरे साथ दुख उठा" (2 तिमुथियुस 2:3)।
मसीह यीशु की सेवा करने के लिए बहुत धीरज की आवश्यकता होती है। मसीही सेवकों के सामने अस्वस्थता, संबंधों में परेशानियाँ, कठिन परिस्थितियों, आदि जैसी कई बाधाएं आ सकती हैं, परन्तु एक अच्छे सैनिक के समान उन्हें परमेश्वर की सामर्थ्य के सहारे सबका सामना करते हुए आगे ही बढ़ते जाना है - क्योंकि वे राजाओं के राजा और प्रभुओं के प्रभु के सेवक हैं। उसके सेवक हैं जिसने हमारी भलाई के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया, अपने आप को हमारे लिए शून्य कर दिया, अपना जीवन बलिदान कर दिया। - डेनिस फिशर
परमेश्वर का प्रेम हमें परीक्षाओं से बचा कर नहीं रखता है,
वरन उनमें से सुरक्षित निकाल कर लाता है।
जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो। जिसने परमेश्वर के स्वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली। - फिलिप्पियों 2:5-8
बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 2:1-10
2 Timothy 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्त हो जा।
2 Timothy 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी हैं, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे; जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।
2 Timothy 2:3 मसीह यीशु के अच्छे योद्धा के समान मेरे साथ दुख उठा।
2 Timothy 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता
2 Timothy 2:5 फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता।
2 Timothy 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।
2 Timothy 2:7 जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा।
2 Timothy 2:8 यीशु मसीह को स्मरण रख, जो दाऊद के वंश से हुआ, और मरे हुओं में से जी उठा; और यह मेरे सुसमाचार के अनुसार है।
2 Timothy 2:9 जिस के लिये मैं कुकर्मी की नाईं दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं; परन्तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं।
2 Timothy 2:10 इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूं, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्त महिमा के साथ पाएं।
एक साल में बाइबल:
- भजन 26-28
- प्रेरितों 22