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मंगलवार, 15 मार्च 2016

पदवी तथा उपाधि


   प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय प्रसारण सेवा बी.बी.सी. ने एक बार लोगों से महत्वपूर्ण प्रतीत होने वाले, किंतु अजीब और बहुत कम पहचाने जाने वाले कार्य पदवियों तथा उपाधियों के उदाहरण भेजने को कहा। पदवी तथा उपाधि के नाम भेजने वालों में एक महिला थी जिसने अपने कार्य की पदवी के लिए लिखा: "Underwater Ceramic Technician" (जलमगन चीनीमिट्टी तकनीशियन); वास्तव में वह महिला एक होटल में बर्तन धोने का काम करती थी! कभी कभी उपाधि या पदवी लगाकर कार्य को अधिक महत्वपूर्ण दिखाने के प्रयास किए जाते हैं।

   जब प्रेरित पौलुस ने परमेश्वर के वचन बाइबल में इफसुस की मसीही मण्डली को लिखी अपनी पत्री में परमेश्वर द्वारा उन्हें दिए गए कुछ मसीही सेवकाई के वरदानों के बारे में लिखा (इफिसियों 4:11) तो उसका यह उद्देश्य कदापि नहीं था कि उसके द्वारा प्रयुक्त वे शीर्षक मसीही मण्दलियों में उत्कृष्ठ तथा आदरपूर्ण उपाधियाँ या पदवियाँ बना दी जाएं। पौलुस तो केवल यह समझा रहा था कि मसीही मण्डली के सर्वांगीण उत्थान के लिए भिन्न सेवकाईयों की आवश्यकता है, जिसके लिए परमेश्वर ने भिन्न सेवकों को नियुक्त किया है। किसी भी सेवक की सेवकाई किसी अन्य से बड़ी या छोटी, अथवा अधिक महत्वपूर्ण या कम महत्वपूर्ण नहीं है; वरन सबकी सेवकाई का एक ही उद्देश्य है कि मिल-जुल कर सेवा द्वारा मसीह की देह अर्थात मसीह की मण्डली उन्नति पाए।

   जो बात अधिक महत्वपूर्ण थी वह थी इन वरदानों का उद्देश्य और प्रयोग, ना कि उन्हें पदवी के समान उपयोग करके मण्डली में ऊँच-नीच की भावना लाना। पौलुस ने यह समझाने के लिए लिखा, "जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए" (इफिसियों 4:12)। मसीही विश्वासियों की मण्डली में हमारी पदवी अथवा उपाधि का कोई महत्व नहीं है। महत्व है तो इस बात का कि हम प्रभु के लोगों के विश्वास को स्थिर और दृढ़ करने में परमेश्वर द्वारा निर्धारित अपनी भूमिका भली-भांति निभाते हैं या नहीं। जब हम परमेश्वर के वचन बाइबल के मापदण्डों के अनुसार अपनी कार्य के प्रभावी एवं उपयोगी होने को मापने लगते हैं तो फिर इसका कोई महत्व नहीं रह जाता कि हमारी पदवी या उपाधि क्या है, या वह है भी अथवा नहीं, या फिर कब और कैसे उसे किसी अन्य में परिवर्तित कर दिया गया है, या किसी अन्य को हमारे स्थान पर रख दिया गया है।

   परमेश्वर के प्रति अपने प्रेम और समर्पण के कारण हमारा कर्तव्य तथा कार्य है कि हम अपने साथी मसीही विश्वासियों को उभारने, संवारने और परमेश्वर की निकटता में बढ़ाने मे अपना योगदान देते रहें; और स्वर्ग में परमेश्वर हमें अपने आँकलन के अनुसार प्रतिष्ठित करेगा: "...धन्य हे अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्‍तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्‍वामी के आनन्द में सम्भागी हो" (मत्ती 25:21)। - सी. पी. हिया


परमेश्वर द्वारा हमें दिए गए वरदान हमारे द्वारा दूसरों की सेवकाई के लिए हैं।

क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। - इफिसियों 2:10

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:11-16
Ephesians 4:11 और उसने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त कर के, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त कर के, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त कर के दे दिया। 
Ephesians 4:12 जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। 
Ephesians 4:13 जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के पुत्र की पहिचान में एक न हो जाएं, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएं और मसीह के पूरे डील डौल तक न बढ़ जाएं। 
Ephesians 4:14 ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों। 
Ephesians 4:15 वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं। 
Ephesians 4:16 जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 26-27
  • मरकुस 14:27-53