बचपन में मुझे पेड़ों पर चढ़ना बहुत पसंद था।
जितना ऊँचा मैं चढ़ता था, उतनी दूर तक का दृश्य मुझे दिखाई देता था। कभी-कभी और
अच्छा देख पाने के प्रयास में मैं पेड़ की डाली पर और आगे की ओर बढ़ता जाता था, जब
तक कि वह डाली मेरे भार के कारण झुकने नहीं लगती थी। इसमें कोई आश्चर्य की बात
नहीं है कि मेरे व्यसक हो जाने के साथ ही अब मेरे पेड़ों पर चढ़ने के दिन भी समाप्त
हो चुके हैं – ऐसा करना न तो सुरक्षित लगता है, और न ही सम्मानजनक।
परमेश्वर के वचन बाइबल में हम प्रभु यीशु के
समय की एक घटना को पढ़ते हैं। ज़क्कई, जो कि एक धनी किन्तु नाटा व्यक्ति था, प्रभु
यीशु को देखना चाहता था। परन्तु अपने कद के कारण वह भीड़ के पार प्रभु यीशु को देख
न्हीं पाता था। प्रभु यीशु को देखने के प्रयास में एक दिन ज़क्कई ने एक निर्णय
लिया; अपने सम्मान और अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना, वह उस मार्ग के एक पेड़ पर
चढ़ गया, जिससे प्रभु यीशु को होकर निकलना था। उसका यह प्रयास सफल रहा; न केवल वह
प्रभु यीशु को देख सका, वरन प्रभु यीशु ने उस पेड़ के नीचे आकर ज़क्कई को बुलाया और
उसके घर भोजन करने भी गए। प्रभु यीशु से मिलने के पश्चात ज़क्कई का जीवन बदल गया,
प्रभु यीशु ने सबके सामने उसके विषय में कहा, “...आज इस घर में उद्धार आया है...”
(लूका 19:9)।
हो सकता है कि कुछ बातें आज हमें भी प्रभु
यीशु को देख पाने से रोक रही हों। घमण्ड हमें उसे अद्भुत युक्ति करने वाले के रूप
में देखने से रोक सकता है। चिंताएं हमें उसे शान्ति के राजकुमार के रूप में जानने
से रोक सकती हैं (यशायाह 9:6)। सँसार की वस्तुओं और स्तर पाने की लालसाएं हमें उसे
वास्तविक तृप्ति के स्त्रोत – जीवन की रोटी (यूहन्ना 6:48) के रूप में देखने से
रोक सकतीं हैं।
प्रभु यीशु को बेहतर देख पाने, उसे निकट से
जान पाने के लिए आप क्या प्रयास करने के लिए तैयार हैं? उसकी ओर बढ़ने का कोई भी ईमानदारी
से किया गया प्रयास निश्चय ही अच्छे परिणाम लाएगा। जो उसे सच्चे मन से खोजते हैं,
प्रभु परमेश्वर उन्हें अच्छा प्रतिफल देता है (इब्रानियों 11:6)।
परमेश्वर
में अपने विश्वास को दृढ़ करने के लिए, परमेश्वर के मुख के खोजी हों।
और
विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर
के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है। - इब्रानियों 11:6
बाइबल
पाठ: लूका 19:1-10
Luke 19:1 वह यरीहो में प्रवेश कर के जा रहा था।
Luke 19:2 और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने
वालों का सरदार और धनी था।
Luke 19:3 वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख
न सकता था। क्योंकि वह नाटा था।
Luke 19:4 तब उसको देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया,
क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था।
Luke 19:5 जब यीशु उस जगह पहुंचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उस
से कहा; हे ज़क्कई झट उतर आ; क्योंकि आज
मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है।
Luke 19:6 वह तुरन्त उतर कर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया।
Luke 19:7 यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह
तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है।
Luke 19:8 ज़क्कई ने खड़े हो कर प्रभु से कहा; हे प्रभु,
देख मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय कर के ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता
हूं।
Luke 19:9 तब यीशु ने उस से कहा; आज इस घर में उद्धार आया
है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है।
Luke 19:10 क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने
आया है।
एक
साल में बाइबल:
- गिनती 7-8
- मरकुस 4:21-41