पक्षाघात के कारण जौं-डौमिनीक बौबी लगभग पूरी तरह से किसी भी तरह की कोई गतिविधि करने से विहीन हो गया था। उसकी जीवनी, The Diving Bell and the Butterfly, पक्षाघात के बाद के उसके जीवन का वर्णन करती है। लगभग पूरी तरह से लकवे के बन्धन में होने के बाद भी बौबी अपनी पुस्तक लिखवा सका, केवल अपनी बाईं आँख झपकने के द्वारा। एक सहायक, अक्षरों को उसके सामने दोहराता और जिस शब्द को बौबी लिखना चाहता था उसके अक्षर के लिए बौबी अपनी पलक बन्द करके उसका संकेत देता। इस प्रकार पुस्तक लिखने के लिए बौबी को लगभग २००,००० बार अपनी पलक झपकने की आवश्यक्ता पड़ी, लेकिन जो भी क्षमता उस के पास बची रह गई थी बौबी ने उसका प्रयोग दूसरों से संपर्क करने और अपनी बात कहने के लिए किया।
परमेश्वर के वचन बाइबल के २ तिमुथियुस में प्रेरित पौलुस एक दूसरे प्रकार के बन्धन में जकड़ा हुआ था। अधिकारियों ने उसे घर में बन्दी बना दिया था, और उसे मालुम भी पड़ गया था कि अब उसका मारा जाना तय हो चुका है। इन परिस्थितियों में भी उसने तिमुथियुस को लिखा, "...मैं कुकर्मी की नाईं दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं; परन्तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं" (२ तिमुथियुस २:९)। अपने बन्धन और मौत के मंडराते साए में भी पौलुस आगन्तुकों का स्वागत करता था, औरों को प्रोत्साहन देने के लिए पत्र लिखता था और परमेश्वर के सुसमाचार के प्रचार के बारे में जान कर प्रसन्न होता था।
संभव है कि परिस्थितियों ने हमें औरों से अलग कर दिया हो; हमारे बन्धन कुछ भी हो सकते हैं, जैसे - हम अस्पताल में बिस्तर पर हो सकते हैं; किसी कैद-खाने में हो सकते हैं; हम अपने समाज और लोगों द्वारा तिरिस्कृत हो सकते हैं; किंतु फिर भी हमें निश्क्रीय नहीं होना है। जो भी क्षमता और संसाधन हमारे पास बचे हैं, उनका प्रार्थना के साथ उपयोग हम हर परिस्थिति में अपने प्रभु की महिमा के लिए कर सकते हैं।
बन्धन बाँध तो सकते हैं, निश्क्रीय नहीं कर सकते। - डेनिस फिशर
मसीह के लिए किया जाने वाला कोई भी कार्य कभी छोटा नहीं होता।
...मैं कुकर्मी की नाईं दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं; परन्तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं। - २ तिमुथियुस २:९
बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस २:१-११
2Ti 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्त हो जा।
2Ti 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी है, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।
2Ti 2:3 मसीह यीशु के अच्छे योद्धा की नाई मेरे साथ दुख उठा।
2Ti 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता;
2Ti 2:5 फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता।
2Ti 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।
2Ti 2:7 जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा।
2Ti 2:8 यीशु मसीह को स्मरण रख, जो दाऊद के वंश से हुआ, और मरे हुओं में से जी उठा; और यह मेरे सुसमाचार के अनुसार है।
2Ti 2:9 जिस के लिये मैं कुकर्मी की नाई दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं; परन्तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं।
2Ti 2:10 इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूं, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्त महिमा के साथ पाएं।
2Ti 2:11 यह बात सच है, कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं तो उसके साथ जीएंगे भी।
एक साल में बाइबल:
- हग्गै
- प्रकाशितवाक्य १७