मेरी
सहेली के पिता को उनके रोग का भयानक नाम पता चला – कैंसर! लेकिन उस रोग को जानने
और उसके इलाज के लिए चल रही कीमोथेरापी के दौरान, उन्होंने प्रभु यीशु मसीह
को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार किया, और अपना जीवन प्रभु को समर्पित कर दिया। उनका कैंसर
दब गया, और अठारह महीने तक दबा रहा। लेकिन जब कैंसर लौट कर आया तो पहले से भी अधिक
बढ़ा हुआ था। उनके और उनकी पत्नी के मन में प्रश्न थे, चिंताएँ थीं, लेकिन परमेश्वर
में उनका विश्वास डिगा नहीं, प्रभु के साथ अपने अनुभव के कारण वे अपने मसीही
विश्वास में स्थिर और दृढ़ बने रहे।
हम
सदा ही यह नहीं समझने पाते हैं कि हमें परीक्षाओं और समस्याओं का सामना क्यों करना
पड़ता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में यही अय्यूब का भी अनुभव था। अय्यूब को बहुत ही
पीड़ादायक और दुखदायी अनुभवों में से होकर निकलना पड़ा था, उसके पास अपने उन दुखदायी अनुभवों
के विषय प्रश्न तो थे, किन्तु कोई उत्तर नहीं थे। किन्तु फिर भी, अय्यूब 12 अध्याय
में, समझ में न आ सकने वाली परिस्थितियों और अनुभवों के बावजूद, वह परमेश्वर के
लिए कहता है, “देखो, जिस को वह ढा दे, वह फिर बनाया नहीं जाता” (अय्यूब 12:14);
और “उस में सामर्थ्य और खरी बुद्धि पाई जाती है” (पद 16), तथा “वह जातियों
को बढ़ाता, और उन को नाश करता है” (पद 23)। अपनी इस
लम्बी सूची में अय्यूब कहीं पर भी परमेश्वर के उद्देश्यों या परमेश्वर द्वारा दुःख
और पीड़ाओं को आने देने के किसी भी कारण का कोई भी उल्लेख नहीं करता है। अपनी सभी
समस्याओं और अनसुलझे प्रश्नों के बावजूद, अय्यूब पूरे भरोसे के साथ कहता है, “ईश्वर में पूरी
बुद्धि और पराक्रम पाए जाते हैं; युक्ति और समझ उसी में हैं” (पद 13)।
आवश्यक
नहीं है कि हमें यह समझ आ जाए कि परमेश्वर हमारे जीवनों में संघर्षों और समस्याओं
को क्यों आने देता है, लेकिन मेरी सहेली के माता-पिता के समान, हम हमेशा उसमें
अपने भरोसे को बनाए रख सकते हैं। प्रभु परमेश्वर हम से प्रेम करता है, और हमें अपने
हाथों में संभाले रहता है (पद 10; 1 पतरस 5:6-7)। बुद्धि, सामर्थ्य, और समझ उसी की हैं।
- जूली श्वाब
प्रभु, आप जो कर रहे हैं वह चाहे मेरी समझ में न भी आए;
किन्तु मैं आप पर हमेशा भरोसा बनाए रखूँ।
इसलिये परमेश्वर के बलवन्त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित
समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान
है। - 1 पतरस 5:6-7
बाइबल पाठ: अय्यूब 12:10-25
अय्यूब 12:10 उसके हाथ में एक एक जीवधारी का प्राण, और एक एक देहधारी मनुष्य की
आत्मा भी रहती है।
अय्यूब 12:11 जैसे जीभ से भोजन चखा जाता है, क्या वैसे ही कान से वचन नहीं
परखे जाते?
अय्यूब 12:12 बूढ़ों में बुद्धि पाई जाती है, और लम्बी आयु वालों में समझ
होती तो है।
अय्यूब 12:13 ईश्वर में पूरी बुद्धि और पराक्रम पाए जाते
हैं; युक्ति और समझ उसी में
हैं।
अय्यूब 12:14 देखो, जिस को वह ढा दे, वह फिर बनाया नहीं जाता; जिस मनुष्य को वह बन्द करे, वह फिर खोला नहीं जाता।
अय्यूब 12:15 देखो, जब वह वर्षा को रोक रखता है तो जल सूख जाता है; फिर जब वह जल छोड़ देता है तब
पृथ्वी उलट जाती है।
अय्यूब 12:16 उस में सामर्थ्य और खरी बुद्धि पाई जाती
है; धोखा देने वाला और धोखा
खाने वाला दोनों उसी के हैं।
अय्यूब 12:17 वह मंत्रियों को लूटकर बन्धुआई में ले जाता, और न्यायियों को मूर्ख बना देता
है।
अय्यूब 12:18 वह राजाओं का अधिकार तोड़ देता है; और उनकी कमर पर बन्धन बन्धवाता
है।
अय्यूब 12:19 वह याजकों को लूटकर बन्धुआई में ले जाता
और सामर्थियों को उलट देता है।
अय्यूब 12:20 वह विश्वासयोग्य पुरुषों से बोलने की शक्ति
और पुरनियों से विवेक की शक्ति हर लेता है।
अय्यूब 12:21 वह हाकिमों को अपमान से लादता, और बलवानों के हाथ ढीले कर देता
है।
अय्यूब 12:22 वह अन्धियारे की गहरी बातें प्रगट करता, और मृत्यु की छाया को भी प्रकाश
में ले आता है।
अय्यूब 12:23 वह जातियों को बढ़ाता, और उन को नाश करता है; वह उन को फैलाता, और बन्धुआई में ले जाता है।
अय्यूब 12:24 वह पृथ्वी के मुख्य लोगों की बुद्धि उड़ा
देता, और उन को निर्जन स्थानों
में जहां रास्ता नहीं है,
भटकाता
है।
अय्यूब 12:25 वे बिन उजियाले के अन्धेरे में टटोलते फिरते
हैं; और वह उन्हें ऐसा बना
देता है कि वे मतवाले के समान डगमगाते हुए चलते हैं।
एक साल में बाइबल:
- 1राजाओं 6-7
- लूका 20:27-47