जब
हमारे बेटे ज़ेवियर ने, जिसने चलना अभी ही सीखा था, पहली बार नीबू में दाँत मारे,
तो उसने तुरंत नाक सिकोडी और जीभ बाहर निकाल कर तुतला कर बोला, “खट्टा”! मैंने
हँसते हुए उससे नीबू लेकर फेंकना चाहा, तो ज़ेवियर मुझ से दूर होने के लिए रसोई से
बाहर की ओर दौड़ा, और बोला “अभी और।” नीबू का रस चूसते हुए वह अपने होंठ बिचकाता रहा,
किन्तु जब तक नीबू में रस रहा वह उसे चूसता ही रहा, और फिर अन्त में मेरे हाथों
में चुसे हुए नीबू का छिलका पकड़ा कर चला गया।
मेरी
जीभ की स्वाद-कोशिकाएं मेरे जीवन के मधुर पलों के मीठे स्वाद के प्रति मेरे लगाव
को वास्तविक रीति से दिखती है। मेरा प्रत्येक कड़ुवी वस्तु के प्रति अलगाव मुझे
परमेश्वर के वचन बाइबल में अय्यूब की पत्नि को समरण करवाता है, जो मेरे ही समान
दुःख उठाने के खट्टे अनुभव से बचे रहना चाहती थी।
निःसंदेह,
अय्यूब को कठिनाई या क्लेश पसन्द नहीं थे, परन्तु उसने फिर भी अपनी अत्यंत
पीड़ादायक परिस्थितियों में भी परमेश्वर को आदर दिया (अय्यूब 1:1-22)। जब अय्यूब की
देह पीड़ादायक घावों से भर गई, तब भी वह उस पीड़ा को सहता रहा (2:7-8)। उसकी पत्नि ने
उसे उकसाया कि वह परमेश्वर पर भरोसा करने के स्थान पर उसकी निन्दा करे (पद 9),
परन्तु, अय्यूब का प्रत्युत्तर क्लेश और कष्ट में भी परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखना
था (पद 10)।
यह
स्वाभाविक है कि हम जीवन के कडुवे घूंटों को पीना नहीं चाहते हैं। ऐसी
परिस्थितियों में हम पर यह प्रलोभन भी आ सकता है कि हम अपनी पीड़ाओं के लिए
परमेश्वर को उलाहना दें। परन्तु परमेश्वर परीक्षाओं और कष्टपूर्ण परिस्थितियों के
द्वारा हमें उस पर भरोसा बनाए रखना, उस पर निर्भर रहना, और उसे समर्पित रहना सिखाता
है; हमें सक्षम करता है कि हम कठिनाइयों में से धीरज के साथ पार निकल सकें। हमारे
लिए यह आवश्यक नहीं है कि अय्यूब के समान हम भी दुखों में आनन्दित हों जिससे पीड़ाओं
के कडुवे स्वाद के समयों में, परमेश्वर की विश्वासयोग्यता की अप्रत्याशित मिठास का
स्वाद अनुभव करें – जिससे परमेश्वर में हमारा विश्वास और दृढ़ हो जाता है। - जोशील
डिक्सन
परमेश्वर क्लेशों के द्वारा हमारे विश्वास
को दृढ़ करता है।
हे मेरे भाइयों, जब
तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से
धीरज उत्पन्न होता है। - याकूब 1:2-3
बाइबल पाठ: अय्यूब 2:1-10
Job 2:1 फिर एक और दिन यहोवा परमेश्वर के
पुत्र उसके साम्हने उपस्थित हुए, और उनके बीच शैतान भी उसके
साम्हने उपस्थित हुआ।
Job 2:2 यहोवा ने शैतान से पूछा, तू कहां से आता है? शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया,
कि इधर-उधर घूमते-फिरते और डोलते-डालते आया हूँ।
Job 2:3 यहोवा ने शैतान से पूछा, क्या तू ने मेरे दास अय्यूब पर ध्यान दिया है कि पृथ्वी पर उसके तुल्य खरा
और सीधा और मेरा भय मानने वाला और बुराई से दूर रहने वाला मनुष्य और कोई नहीं है?
और यद्यपि तू ने मुझे उसको बिना कारण सत्यानाश करते को उभारा,
तौभी वह अब तक अपनी खराई पर बना है।
Job 2:4 शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया,
खाल के बदले खाल, परन्तु प्राण के बदले मनुष्य
अपना सब कुछ दे देता है।
Job 2:5 सो केवल अपना हाथ बढ़ाकर उसकी
हड्डियां और मांस छू, तब वह तेरे मुंह पर तेरी निन्दा करेगा।
Job 2:6 यहोवा ने शैतान से कहा, सुन, वह तेरे हाथ में है, केवल
उसका प्राण छोड़ देना।
Job 2:7 तब शैतान यहोवा के साम्हने से
निकला, और अय्यूब को पांव के तलवे से ले सिर की चोटी तक बड़े
बड़े फोड़ों से पीड़ित किया।
Job 2:8 तब अय्यूब खुजलाने के लिये एक
ठीकरा ले कर राख पर बैठ गया।
Job 2:9 तब उसकी स्त्री उस से कहने लगी,
क्या तू अब भी अपनी खराई पर बना है? परमेश्वर
की निन्दा कर, और चाहे मर जाए तो मर जा।
Job 2:10 उसने उस से कहा, तू एक मूढ़ स्त्री की सी बातें करती है, क्या हम जो
परमेश्वर के हाथ से सुख लेते हैं, दु:ख न लें? इन सब बातों में भी अय्यूब ने अपने मुंह से कोई पाप नहीं किया।
एक साल में बाइबल:
- सभोपदेशक 10-12
- गलातियों 1