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शनिवार, 28 जून 2014

आराधना


   जेम्स फेनिमोर कूपर द्वारा लिखित उपन्यास The Last of the Mohicans में एक पात्र है डेविड गैमुट। गैमुट एक सच्चा मसीही भक्त है जिसका शौक है परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन संहिता नामक पुस्तक में दिए गए भजनों को संगीतबद्ध करना और उन्हें गाते रहना चाहे जीवन कैसी भी परिस्थितियों से होकर क्यों ना निकल रहा हो। गैमुट का मानना है कि परमेश्वर पर हर स्थिति में भरोसा किया जा सकता है, संकट के समयों में भी और अच्छे दिनों में भी। उसके जीवन का उद्देश्य है हर समय और हर बात में परमेश्वर की आराधना करते रहना, इस सृष्टि पर परमेश्वर की सार्वभौमिकता, अधिकार और नियंत्रण के लिए उसकी महिमा एवं प्रशंसा करते रहना।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हमें एक और डेविड, जिसे दाऊद भी कहते हैं, मिलता है। यह व्यक्ति दाऊद, उस उपन्यास के पात्र गैमुट के समान कोई काल्पनिक व्यक्ति नहीं वरन एक जीवता एवं वास्तविक मनुष्य था। दाऊद ने भी जीवन की अनेक अनिश्चितताओं को झेला था और उसे भी इन सभी परिस्थितियों के लिए परमेश्वर की आराधना-स्तुति करना अच्छा लगता था। दाऊद ने अपने गोफन के एक ही वार से पलिश्ती दैत्य गोलियत को मरते हुए देखा; राजा शाऊल को पहले अपना प्रशंसक फिर शक एवं द्वेश में आकर अपना दुश्मन होते भी देखा और शाऊल से जान बचाते रहने को उसे कई वर्ष तक एक से दूसरे स्थान भागते भी रहना पड़ा; दाऊद ने इस्त्राएल के लोगों उसकी ओर फिरकर उसे इस्त्राएल का राजा बनाते भी देखा। लेकिन इन सभी परिस्थितियों में दाऊद ने समय निकाल कर परमेश्वर की आराधना और स्तुति के लिए भजन लिखे भी और उन्हें गाया भी। दाऊद भली भांति जानता और समझता था कि हम हर परिस्थिति में परमेश्वर का धन्यवाद कर सकते हैं उसके नियंत्रण तथा देखभाल के लिए क्योंकि परमेश्वर ही सब बातों पर अधिपति है। इसीलिए अपने एक भजन में दाऊद ने लिखा, "यहोवा ने तो अपना सिंहासन स्वर्ग में स्थिर किया है, और उसका राज्य पूरी सृष्टि पर है" (भजन 103:19)।

   आज आप किस अनुभव से होकर निकल रहे हैं - किसी परीक्षा के या आशीष के? आपकी परिस्थिति कोई भी हो राजा दाऊद और डेविड गैमुट के उदाहरणों को स्मरण रखें, और हर बात के लिए परमेश्वर के धन्यवादी हों, उसकी आराधना करें, उस पर भरोसा रखें क्योंकि वह अपने बच्चों के लिए जो करेगा, भला ही करेगा। - डेनिस फिशर


हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! - भजन 103:1

यह आज्ञा पहरूओं के निर्णय से, और यह बात पवित्र लोगों के वचन से निकली, कि जो जीवित हैं वे जान लें कि परमप्रधान परमेश्वर मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है, और उसको जिसे चाहे उसे दे देता है, और वह छोटे से छोटे मनुष्य को भी उस पर नियुक्त कर देता है। - दानिय्येल 4:17

बाइबल पाठ: भजन 103:15-22
Psalms 103:15 मनुष्य की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल की नाईं फूलता है, 
Psalms 103:16 जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है। 
Psalms 103:17 परन्तु यहोवा की करूणा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धर्म उनके नाती- पोतों पर भी प्रगट होता रहता है, 
Psalms 103:18 अर्थात उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदेशों को स्मरण कर के उन पर चलते हैं।
Psalms 103:19 यहोवा ने तो अपना सिंहासन स्वर्ग में स्थिर किया है, और उसका राज्य पूरी सृष्टि पर है। 
Psalms 103:20 हे यहोवा के दूतों, तुम जो बड़े वीर हो, और उसके वचन के मानने से उसको पूरा करते हो उसको धन्य कहो! 
Psalms 103:21 हे यहोवा की सारी सेनाओं, हे उसके टहलुओं, तुम जो उसकी इच्छा पूरी करते हो, उसको धन्य कहो! 
Psalms 103:22 हे यहोवा की सारी सृष्टि, उसके राज्य के सब स्थानों में उसको धन्य कहो। हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह!

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 103-105