ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 10 अक्तूबर 2018

विपरीत



      जंगल के इलाकों में भ्रमण के लिए जाना जोखिम भरा हो सकता है; परन्तु जिन्हें ऐसे क्षेत्रों में घूमने का शौक है, यह जोखिम ही उनके भ्रमण से जुड़े रोमाँच का कारण है। क्योंकि ऐसे भ्रमणकारियों को जितना वे अपने साथ ले जा सकते हैं, उससे कहीं अधिक पेय-जल की आवश्यकता होती है, इसलिए वे पानी के लिए ऐसी बोतलों को साथ लेकर चलते हैं जिनमें पानी को छान कर पीने योग्य स्वच्छ करने वाले फ़िल्टर लगे होते हैं। परन्तु ऐसी बोतलों से पानी पीने की प्रक्रिया स्वाभाविक से विपरीत होती है। बोतल को टेढ़ा करने से कुछ नहीं होता है। प्यासे भ्रमणकारी को पानी को फिल्टर से होकर निकालने के लिए पहले बोतल में जोर से फूंक मारनी होती है। वास्तविकता, स्वाभाविक से उलट भी हो सकती है।

      प्रभु यीशु मसीह के अनुयायी बनकर चलने में भी हम अनेकों बातों को सँसार की स्वाभाविक बातों के विपरीत देखते हैं। जैसे कि, जैसा पौलुस ने परमेश्वर के वचन बाइबल में कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में लिखा, नियमों का पालन करने से हम परमेश्वर की निकटता में नहीं बढ़ते हैं। पौलुस ने उनसे पूछा, “जब कि तुम मसीह के साथ संसार की आदि शिक्षा की ओर से मर गए हो, तो फिर उन के समान जो संसार में जीवन बिताते हैं मनुष्यों की आज्ञाओं और शिक्षानुसार और ऐसी विधियों के वश में क्यों रहते हो कि यह न छूना, उसे न चखना, और उसे हाथ न लगाना?” (कुलुस्सियों 2:20-21)।

      तो फिर हमें क्या करना चाहिए? पौलुस ने इस प्रश्न का भी उत्तर दिया, “सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है” (3:1)। अपने जीवित श्रोताओं से उसने कहा, “क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है” (3:3)।

      अर्थात, हमें अपने आप को सँसार और उसकी मान्यताओं के लिए “मरा हुआ” और प्रभु यीशु मसीह के लिए जीवित समझना चाहिए। हम मसीही विश्वासियों को अब एक ऐसी जीवन शैली की लालसा रखनी चाहिए जो हमारे प्रभु द्वारा कही गई बात, “परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने” (मत्ती 20:26) के अनुरूप हो। - टिम गुस्ताफसन


परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्जित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्जित करे। - 1 कुरिन्थियों 1:27

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 2:20-3:4
Colossians 2:20 जब कि तुम मसीह के साथ संसार की आदि शिक्षा की ओर से मर गए हो, तो फिर उन के समान जो संसार में जीवन बिताते हैं मनुष्यों की आज्ञाओं और शिक्षानुसार
Colossians 2:21 और ऐसी विधियों के वश में क्यों रहते हो कि यह न छूना, उसे न चखना, और उसे हाथ न लगाना?
Colossians 2:22 (क्योंकि ये सब वस्तुएं काम में लाते लाते नाश हो जाएंगी)।
Colossians 2:23 इन विधियों में अपनी इच्छा के अनुसार गढ़ी हुई भक्ति की रीति, और दीनता, और शारीरिक योगाभ्यास के भाव से ज्ञान का नाम तो है, परन्तु शारीरिक लालसाओं को रोकने में इन से कुछ भी लाभ नहीं होता।
Colossians 3:1 सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है।
Colossians 3:2 पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्‍वर्गीय वस्‍तुओं पर ध्यान लगाओ।
Colossians 3:3 क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है।
Colossians 3:4 जब मसीह जो हमारा जीवन है, प्रगट होगा, तब तुम भी उसके साथ महिमा सहित प्रगट किए जाओगे।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 34-36
  • कुलुस्सियों 2